हैरान कर देने वाली रावण दहन की परंपरा, सैकड़ों की संख्या में पहुंचती हनुमान सेना Panipat News
विजयादशमी पर्व पर पानीपत में प्रभुराम भक्त हनुमान स्वरूप की भी परंपरा है। सैकड़ों की संख्या में हनुमान स्वरूप दहन के समय मैदान में पहुंचते हैं।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Wed, 09 Oct 2019 09:34 AM (IST)
पानीपत, जेएनएन। देश भर में विजयादशमी पर रावण के पुतले का दहन होता है। आतिशबाजी के साथ इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन एक शहर ऐसा भी है, जहां रावण पुतला दहन की खास परंपरा हैरान कर देने वाली है। यहां पुतला दहन से पहले सैकड़ों की संख्या में हनुमान सेना पहुंचती है। अपना पराक्रम दिखाती है, इसके बाद ही दहन संपन्न होता है।
विजयी दशमी पर आज मंगलवार को शाम 5:55 बजे रावण दहन होगा। शहर के पांच प्रमुख स्थानों पर दशहरे का मेला लगा है। सेक्टर 25 हुडा, शिवाजी स्टेडियम, कटारिया लैंड सेक्टर 12, प्राचीन देवी मंदिर मैदान, सेक्टर 13-17 शामिल है। मैदान में रावण का कुनबा पहुंच चुका है। वहीं रावण दहन से पहले वानर सेना के लिए भी खास तैयारी की गई है।
जानिए हनुमान सेना का महत्व
दशहरे से पहले घूम-घूम कर हनुमान स्वरूप श्रीराम के जयकारे लगाते हैं। हनुमान स्वरूप गोला (बम) फोड़कर उत्सव का सिंहनाद करते हैं। यह परपंरा पड़ोसी देश पाकिस्तान में शुरू हुई थी। विभाजन के बाद पाकिस्तान से लैय्या समाज के लोग यह परंपरा पानीपत में लेकर आए थे। वर्तमान समय में 600 से अधिक हनुमान स्वरूप बनते हैं। दहन से पहले ये हनुमान स्वरूप मैदान में पहुंचती है।
जब अग्रेंज अधिकारी के सामने दी परीक्षा
कहा जाता है कि आजादी से पहले पाकिस्तान में सरहंद के पास मुस्लिम समाज के कहने पर अंग्रेज अधिकारियों ने दशहरा पर्व का अवकाश बंद कर दिया था। जिस पर हिदू समाज इकट्ठा होकर अंग्रेज अधिकारियों से मिले। उस समय अंग्रेज अधिकारी ने कहा कि हनुमान ने 400 योजन समुंद्र लांघा था। यदि तुम सरहंद के दरिया को पार करके दिखा तो दशहरे का अवकाश मिलेगा। ये मान्यता
उस समय एक सिद्ध पुरुष ने इस चैलेंज को स्वीकार कर लिया। उन्होंने इसके लिए एक व्यक्ति को तैयार किया। उसे बलिदान के लिए कहा गया। उस व्यक्ति को सिंदूर लगाया गया। चालीस दिन का व्रत करवाए गए। सरहंद दरिया को उस व्यक्ति ने उड़कर पार किया। दूसरे किनारे पर जाने के बाद जब वह वापस लौटा तो उसके लिए शैय्या तैयार थी। शैय्या पर पहुंचने के बाद उसने प्राण त्याग दिए। इसके बाद अंग्रेज अधिकारी ने दशहरा की छुट्टी देना शुरू कर दिया। उसी समय से हनुमान स्वरूप बनने के परंपरा शुरु हुई।
बनाए गए स्वागत द्वार सेक्टर 13-17 में 25 स्वागत द्वार लगे हैं। सुरक्षा के दृष्टि से दशहरा मेला स्थलों पर ड्रोन कैमरे के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। सेक्टर 13-17 दशहरा स्थल पर लगे स्वागत द्वारा पर मतदान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए बैनर लगाए गए हैं। पांचों दशहरा कमेटी ने दशहरा स्थल पर पोलिथिन व थर्मोकोल का प्रयोग न करने का निर्णय लिया है।
320 पुलिसकर्मियों की निगाहबानी में दशहरा, 144 पुलिसकर्मी ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे-दशहरा स्थल पर सुरक्षा के लिए चार डीएसपी, छह इंस्पेक्टर और 320 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। जीटी रोड पर जाम से निपटने के लिए बाबरपुर ट्रैफिक थाना प्रभारी विक्रांत सहित 144 पुलिस व होमगार्ड के जवान डटे रहेंगे।-देवी मंदिर में डीएसपी बिजेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर राजबीर सिंह और सीआइए-वन की टीम रहेंगी। थाना शहर व किला थाना पुलिस रूट पर ट्रैफिक व्यवस्था को संभालेगी।
-सेक्टर 13-17 में डीएसपी राजेश फोगाट, इंस्पेक्टर हुकम सिंह, महिला थाना प्रभारी किरण और सीआइए-वन की टीम रहेगी। सेक्टर 13-17 थाना पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था को देखेंगे। - सेक्टर-25 में डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार वत्स, इंस्पेक्टर हरविंद्र, इंस्पेक्टर पावना और सीआइए-थ्री टीम रहेगी। थाना चांदनी बाग पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था संभालेगी-शिवाजी स्टेडियम में डीएसपी जयप्रकाश इंस्पेक्टर अनिरुद्ध चौधरी, एसआइ सरोज और सीआइए-टू टीम रहेगी। थाना मॉडल टाउन पुलिस ट्रैफिक प्रबंधन करेगी।
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