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अपने साथियों के लिए लड़ जाने वाले हरीश शर्मा, लगातार तीन बार बने पार्षद

हरीश शर्मा की छवि अपने साथियों के लिए लड़ जाने वाली है। वह नहर में कूद गए इस बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा। सूचना मिलते ही भाजपाई ही नहीं कांग्रेसी भी नहर की तरफ दौड़ पड़ा। हर कोई उनके सकुशल वापस आने की दुआ करने लगा।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 20 Nov 2020 05:08 AM (IST)
अपने साथियों के लिए लड़ जाने वाले हरीश शर्मा, लगातार तीन बार बने पार्षद

जागरण संवाददाता, पानीपत : हरीश शर्मा की छवि अपने साथियों के लिए लड़ जाने वाली है। वह नहर में कूद गए, इस बात पर कोई विश्वास नहीं कर रहा। सूचना मिलते ही भाजपाई ही नहीं, कांग्रेसी भी नहर की तरफ दौड़ पड़ा। हर कोई उनके सकुशल वापस आने की दुआ करने लगा। शहरी विधायक प्रमोद विज, पूर्व मंत्री कृष्ण पंवार से लेकर कांग्रेस वरिष्ठ नेता वीरेंद्र शाह भी नहर पर पहुंचे। सांसद संजय भाटिया उनके घर पहुंचे। तीन बार पार्षद बने

अपने वार्ड के लोगों के लिए बड़े-बडे अधिकारियों से टक्कर लेने से पीछे नहीं हटे। इसी वजह से तीन बार लगातार पार्षद बने। दो बार नगर परिषद में पार्षद बने। नगर निगम बनने के बाद पार्षद बनकर उन्होंने हैट्रिक लगाई। 2018 के चुनाव के उनका वार्ड महिला पार्षद के लिए आरक्षित हो गया। उन्होंने अपनी बेटी अंजली को चुनाव लड़ाया। अंजली शर्मा पार्षद बन गईं। बिना भाजपा के टिकट पर भी उन्होंने पार्षद का चुनाव जीता। उन्होंने अपने प्रयास से ही राजू की पत्नी सीमा पाहवा को डिप्टी मेयर बनवाया। अनेक धार्मिक संगठनों, फतेहपुरी चौक हनुमान मंदिर, शिव पुरी, सावन जोत सभा के प्रधान रहे। शहर की राजनीति में उनका पूरा दखल रहा। विरोधी भी उनका लोहा मानते हैं। तहसील के एक विवाद में मामले में जेल तक गए। पाकिस्तान से आकर दादा ने मंदिर की नींव रखी

हरीश शर्मा के दादा शिवदयाल शर्मा ने पाकिस्तान से आकर फतेहपुरी चौक पर हनुमान मंदिर की नींव रखी। दादा के बाद उनके पिता ने मंदिर को संभाला। पिता के बाद बड़े भाई गोपी ने मंदिर को संभाला। भाई की मृत्यु के बाद हरीश शर्मा ने मंदिर की देखरेख संभाली। तीन साल पहले सावन जोत सभा के प्रधान बने। उन्होंने अपना करियर राशन डिपो से शुरू किया। वर्तमान में उन्होंने राशन डिपो का कारोबार छोड़ दिया था। सुषमा स्वराज ने भाई बनाया

हरीश शर्मा को भाजपा की वरिष्ठ नेता विदेश मंत्री स्व.सुषमा स्वराज ने भाई बनाया था। उनके भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं से संबंध रहे। हिमाचल के राज्यपाल रहे दिवंगत सूरज भान से लेकर भाजपा के केंद्र व राज्य स्तर के ज्यादातर नेताओं के वह संपर्क में रहे। नगर निगम में अलग पहचान

नगर निगम में हरीश शर्मा की अलग पहचान रही। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ मामले उठाए। वह निगम कमिश्नर से पिछले दिनों भिड़ गए थे। सरकारी जमीन पर कब्जे, अवैध कालोनी काटने के खिलाफ रहे। अनेक बार उन्होंने ये मामले नगर निगम में उठाए। विवादों में रहे हरीश शर्मा

विवादों ने हरीश शर्मा का पीछा नहीं छोड़ा। जमीन पर कब्जे के मामले में तत्कालीन डीसी समीर पाल सरो से भिड़ गए थे। रजिस्ट्री मामले में तहसीलदार से आमना-सामना हुआ। वार्ड में बिजली चोरी पकड़ने आने वाले निगम अधिकारियों से विवाद हो गया। पटाखे बेचने वाले समर्थक के पक्ष में आने के विवाद में ही उनके व उनकी पुत्री पार्षद अंजली के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मेरे गुरु रहे हैं हरीश शर्मा :

पूर्व डिप्टी मेयर सीमा के पति राजू पाहवा का कहना है कि हरीश मेरे गुरु रहे हैं। तीन दिन पहले उनका फोन आया था। वह मेरे पंप पर मिलने आए थे। मैं पंप पर नहीं था, जिस कारण मिल नहीं सका।

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