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कैसीनो की छत पर मुक्केबाजी का कमाल दिखाएंगे हरियाणा के बॉक्सर विजेंदर सिंह

गोवा में इस टूर्नामेंट की शुरुआत 19 मार्च को होने जा रही है। विजेंदर सिंह मैजेस्टिक प्राइड कैसीनो शिप की छत पर मुकाबले में उतरेंगे। भारत में यह अपनी तरह का पहला और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही स्पेशल सीरीज का 13वां मुकाबला होगा।

By Umesh KdhyaniEdited By: Updated: Sun, 07 Mar 2021 05:58 PM (IST)
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खेल रत्न विजेंदर विजेंदर सिंह भारत में पेशेवर मुक्केबाजी को नया आयाम दे रहे हैं।
करनाल [पवन शर्मा]। भारत में पेशेवर मुक्केबाजी को नया आयाम दे रहे खेल रत्न विजेंदर एक और नया कमाल दिखाने को तैयार हैं। इसके तहत वह गोवा में 19 मार्च को बेहद अलग अंदाज में क्रूज कम कैसीनो शिप की छत पर अपने प्रतिद्वंद्वी के साथ मुकाबला करते दिखाई देंगे। बकौल विजेंदर, यह तो सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दौर में मुक्केबाजी को नए आयाम में ढालने के लिए इस खेल से जुड़े रोमांच में और इजाफा किया जाएगा। 

रविवार को यहां द्रोणाचार्य अवार्डी कृष्ण हुड्डा की ओर से आयोजित प्रीतिभोज के दौरान हुई विशेष वार्ता में विजेंदर ने बताया कि मुक्केबाजी का खेल भारत में अब लोकप्रियता की नई बुलंदियां छूने को तैयार है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद लोकप्रिय पेशेवर फाइट की तर्ज पर अब भारत में दर्शकों को ऐसे मुकाबले देखने को मिलेंगे, जो उन्हें अंगुलियां दबाने पर मजबूर कर देंगे।

19 मार्च को गोवा में शुरू होंगे मुकाबले

भारत में इसकी शुरुआत 19 मार्च को गोवा में होने जा रही है, जहां विजेंदर मैजेस्टिक प्राइड कैसीनो शिप की छत पर मुकाबले में उतरेंगे। भारत में यह अपनी तरह का पहला और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही स्पेशल सीरीज का 13वां मुकाबला होगा। उनका सामना कौन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी करेगा, यह एक-दो दिन में घोषित कर दिया जाएगा। इंग्लैंड, अमेरिका समेत कई विकसित देशों में ऐसे मुकाबले बेहद पसंद किए जा रहे हैं। इससे भारत में जहां मुक्केबाजी की लोकप्रियता बढ़ेगी वहीं नए खिलाड़ियों को दोगुने जोश से आगे बढ़ने का हौसला मिलेगा। 

अजेय रहने पर फोकस 

बकौल विजेंद्र, यह उनके लिए बिलकुल नया तजुर्बा है। हालांकि, पेशेवर मुक्केबाजी में वह विदेशी सरजमीं पर दस से अधिक मुकाबले खेल चुके हैं लेकिन भारत में यह इस तरह का अनूठा इवेंट होगा। खास पहलू यह है कि अभी तक खेले गए 12 मुकाबलों में विजेंद्र का रिकार्ड अजेय है। यानि वह किसी भी मुकाबले में परास्त नहीं हुए। आठ मुकाबलों में तो वह नॉक आउट जीते। इसके बावजूद अगले मुकाबले के लिए खुद को पूरी तरह फिट और संयमित रखते हुए विजेंद्र कड़ा अभ्यास कर रहे हैं। वह कहते हैं कि प्रतिद्वंद्वी कोई भी हो, वह पूरी कोशिश करेंगे कि वह इस बार भी अजेय ही बने रहें। 

एवरेस्ट और चांद पर जाने की तमन्ना 

2008 ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता विजेंदर कहते हैं कि उन्हें रोमांच बहुत पसंद है। अकसर सोचते हैं कि माउंट एवरेस्ट और चांद पर पहुंचकर भी अपना मनपसंद काम करें। यानि वहां भी मुक्केबाजी के मुकाबले हों तो यकीन मानिए, उन्हें बेहद खुशी होगी। विजेंद्र ने कहा कि खेल हो या राजनीति, उन्होंने हर तजुर्बे का भरपूर लुत्फ लिया है। यही जज्बा आगे भी कायम रहेगा।

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