हरियाणा सरकार के Teej महोत्सव में उमड़ीं 50 हजार महिलाएं, दावा- लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में होगा दर्ज
हरियाली तीज 2023 पर आयोजित यह कार्यक्रम हरियाणवी खानपान परिधान और पहचान का साक्षी बना। महिलाओं के साथ-साथ छोटे बच्चे भी हरियाणवी परिधान में इस कार्यक्रम में पहुंचे। सबसे खास बात यह रही कि उत्सव में 101 झूले लगाए गए थे। पद्मश्री सुमित्रा गुहा ने राग मल्हार ने सावन की ऋतु आई सखी री... लोक गीत गाकर समा बांध दिया।
By Edited By: Rajat MouryaUpdated: Sat, 19 Aug 2023 10:51 PM (IST)
पानीपत, जागरण संवाददाता। Teej Festival 2023 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेक्टर 13-17 के इसी मैदान से 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहला राज्यस्तरीय तीज महोत्सव भी यहीं पर किया। प्रशासन का दावा है कि महोत्सव में 50 हजार महिलाएं पहुंची हैं। यह आयोजन लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होगा।
हरियाली तीज पर आयोजित यह कार्यक्रम हरियाणवी खानपान, परिधान और पहचान का साक्षी बना। महिलाओं के साथ-साथ छोटे बच्चे भी हरियाणवी परिधान में इस कार्यक्रम में पहुंचे। सबसे खास बात यह रही कि उत्सव में 101 झूले लगाए गए थे। पद्मश्री सुमित्रा गुहा ने राग मल्हार ने 'सावन की ऋतु आई सखी री...' लोक गीत गाकर समा बांध दिया।
मीनाक्षी पांचाल ने भी सावन के गीत की प्रस्तुति दी। पूरा पंडाल लोक गीतों के रंग में रंगा नजर आया। महिलाओं के साथ महिला अधिकारी भी हरियाणवी गीतों पर झूमीं। महिलाओं ने विशेष रूप से तैयार गुलगुले, सुहाली और बतासे जैसे पारंपरिक खानपान का आनंद लिया। विभिन्न जिलों से पहुंचे डांस समूह की महिलाएं अलग-अलग परिधानों में दिखी। तीज महोत्सव में हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी विभिन्न ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहरों को भी प्रदर्शित किया गया।
स्वयं सहायता समूह को बिना स्टांप शुल्क के पांच लाख का लोन
सीएम ने कहा कि हरियाणा की प्रगति अन्य प्रदेशों से काफी अच्छी है। प्रदेश में 57,376 स्वयं सहायता समूह हैं। इन्हें 54.57 करोड़ रुपये का रिवालविंग फंड, लगभग 285 करोड़ रुपए सामुदायिक निवेश फंड, 880 करोड़ रुपए बैंक क्रेडिट लिंकेज प्रदान किया गया है। रिवाल्विंग फंड की राशि 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार कर दी है। महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक ऋण लेने पर स्टाम्प शुल्क से छूट दी जा रही है।साझी डेयरी योजना को सराहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अंचल में खेती के बाद पशु पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें महिलाओं की बड़ी भूमिका होती है। एक समृद्ध किसान को सफल बनाने के पीछे महिलाओं का ही हाथ होता है। स्वयं सहायता समूह के उत्पादों के बिक्री के लिए मुख्यमंत्री ने तीज के अवसर पर साझा बाजार की अवधारणा को चरितार्थ करने की योजना को सबके सामने रखते हुए महिला सशक्तीकरण की एक और मिसाल को मूर्तरूप देने का काम किया।
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