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अंबाला का इस गांव का इतिहास पुराना, यहां के सेनानियों ने खट्टे कर दिए थे अंग्रेजों के दांत

अंबाला के शाहपुर गांव का ऐतिहासिक महत्‍व है। यहां के सेनानियों ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। यहां प्राचीन शिव मंदिर का विशेष मंहत्‍व है। स्वतंत्रता आंदोलन में बखतावर सिंह दफेदार ने अंग्रेजी शासन का मुंहतोड़ जवाब दिया था।

By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Mon, 04 Jan 2021 05:03 PM (IST)
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हरियाणा के अंबाला छावनी का शाहपुर गांव।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। अंबाला छावनी के शाहपुर गांव का पुराना इतिहास आज भी याद किया जाता है। गांव के लोगों ने ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेजी हुकूमत के दांत खट्टे करने का काम किया था। इस गांव के सेनानियों का दूसरे लोग आज भी उदाहरण देते हैं। ब्रिटिश शासक का मुंहतोड़ जवाब देने से यहां के युवा से लेकर बड़े बुजुर्ग पीछे नहीं रहते थे। आज भी ब्रिटिश शासनकाल में यहां के लोगों की कुर्बानियां याद की जाती है।

इसी में से एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बने, जिन्हें आज स्वर्गीय बखतावर सिंह दफेदार हैं। इन्होंने पढ़ाई के साथ साथ स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। परिवार का मोह त्यागकर अंग्रेजों को टक्कर देने के लिए निकल पड़े। कई ऐसे मौके भी आए जब बखतावर सिंह के जज्बे के आगे ब्रिटिश शासक के सैनिक कुछ नहीं कर सके। बखतावर सिंह दफेदार ने अपने हौसलों से अंग्रेजों के अधिकारियों को दांत खट्टे करने से नहीं चूकते थे। गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर का विशेष महत्व है। यहां स्वतंत्रता संग्राम में कूदे गांव के लोग बैठक किया करते थे। आज यह प्राचीन शिव मंदिर आस्था का केंद्र बन चुका है।

गांव में 3835 वोटर हैंशाहपुर गांव में रहने वाले लोगों में 3835 वोटर हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम में यह संख्या इस बार और बढ़ेगी। गांव के एक दर्जन से अधिक लोग विदेशों में देश और हरियाणा के साथ गांव का नाम रोशन कर रहें हैं। यहां गुरु नानक दरबार के गुरुद्वारे का पुराना इतिहास है। आज भी दूर दराज से लोग यहां मत्था टेकने के लिए पहुंचते हैं।

शुभ कार्य शुरू करने से पहले शिव मंदिर में करते हैं पूजा

गांव के लोग कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले प्राचीन शिव मंदिर पहुंचकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं। यहां एक गांव के अंदर और हाईवे के किनारे दूसरा गुरुद्वारा है। गुरुद्वारे में भी लोग शुभ कार्य के लिए पूजा पाठ करते हैं। प्राचीन शिव मंदिर पर तो शिवभक्तों का आना जाना लगा रहता है। गुरुद्वारे में भी संगत निहाल होती है।

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