Hockey Astroturf: करनाल में कर्ण स्टेडियम में हाकी एस्ट्रोटर्फ के लिए खेल अधिकारियों ने बढ़ाए कदम, डीसी के साथ बैठक
प्रदेश भर में करनाल के खिलाड़ियों को अनेकों सौगात दी गई हैं लेकिन अभी तक एस्ट्रोटर्फ मैदान नहीं बन पाया है। खिलाड़ियों को कर्ण स्टेडियम और शाखा ग्राउंड में ग्रास रूट पर तैयारी करनी पड़ती है जबकि अधिकतर मुकाबले एस्ट्रोटर्फ पर खेले जाते हैं।
By Naveen DalalEdited By: Updated: Fri, 29 Oct 2021 03:32 PM (IST)
करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल में कर्ण स्टेडियम में हाकी खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए स्थाई स्थान नहीं है और एस्ट्रोटर्फ की लगातार मांग की जा रही है। शहर में लगभग 800 खिलाड़ी ग्रास रूट पर अभ्यास करने को मजबूर हैं। तीन साल से एस्ट्रोटर्फ के लिए अब खेल विभाग के अधिकारियों ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में उपायुक्त के साथ बैठक में घरौंडा स्थित राजीव गांधी खेल परिसर में योजना को सिरे चढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। अगर योजना सिरे चढ़ती है तो साढ़े छह एकड़ में बने मैदान में ढाई एकड़ में मैदान का प्रोपजल जल्द तैयार किया जाएगा।
प्रदेश के कई जिलों में एस्ट्रोटफ, करनाल में नहींहाकी खिलाड़ी प्रवीण की माने तो प्रदेश में अम्बाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, सिरसा, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम में एस्ट्रोटर्फ मैदान बन चुके हैं या निर्माणाधीन हैं। इसी तरह रेवाड़ी में हाकी खिलाड़ियों के लिए एस्ट्रोटर्फ मैदान के लिए एप्रूवल मिल चुकी है। प्रदेश भर में करनाल के खिलाड़ियों को अनेकों सौगात दी गई हैं, लेकिन अभी तक एस्ट्रोटर्फ मैदान नहीं बन पाया है। खिलाड़ियों को कर्ण स्टेडियम और शाखा ग्राउंड में ग्रास रूट पर तैयारी करनी पड़ती है जबकि अधिकतर मुकाबले एस्ट्रोटर्फ पर खेले जाते हैं। इस कारण खिलाड़ी हाकी में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं।
उपायुक्त के साथ बैठक के बाद जगी उम्मीद : देवेंद्रजिला खेल अधिकारी देवेंद्र गुलिया ने बताया कि खेल विभाग में उनकी नियुक्ति हाकी प्रशिक्षक के पद हुई थी और वह जिले के खिलाड़ियों के लिए हाकी एस्ट्रोटर्फ के लिए प्रयासरत हैं। प्रदेश के अधिकतर जिलों में एस्ट्रोटर्फ मैदान बन चुके हैं जबकि करनाल में जगह को लेकर रुकावट है। इस पर घरौंडा के राजीव गांधी खेल परिसर में चयन किया गया है और हाईवे के साथ होने के कारण खिलाड़ियों को परेशानी भी नहीं होगी। उपायुक्त का भी इस प्रोपजल पर संतोषजनक जवाब मिला है। अगर योजना सिरे चढ़ती है तो खिलाड़ियों की वर्षों पुरानी मांग जल्द पूरी हो सकती है।
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