Panipat: न डिग्री और न डिप्लोमा, दादा-पिता के अनुभव आधार पर चला रहा था क्लीनिक; छापेमारी कर किया भंडाफोड़
पानीपत में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मतलौडा कस्बे के गांव ऊंटला में एक क्लीनिक पर छापेमारी की। जिसे फर्जी तरीके से चलाया जा रहा था। क्लीनिक संचालक पर किसी तरह का न कोई डिप्लोमा मिला और न डिग्री थी। वह केवल पिता व दादा से मिले अनुभव के आधार पर क्लीनिक को चला लोगों के जोड़ों के दर्द का इलाज कर रहा था।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 12 Aug 2023 01:49 PM (IST)
पानीपत, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मतलौडा कस्बे के गांव ऊंटला में एक क्लीनिक पर छापेमारी की। जिसे फर्जी तरीके से चलाया जा रहा था। क्लीनिक संचालक पर किसी तरह का न कोई डिप्लोमा मिला और न डिग्री है।
वो केवल पिता व दादा से मिले अनुभव के आधार पर क्लीनिक को चला लोगों के जोड़ों के दर्द का इलाज कर रहा था। छापेमारी के बाद डॉ. संजय राजपाल ने मतलौडा थाना पुलिस को खुद को डॉक्टर बताने वाले आरोपित के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ विभिन्न धाराओं व एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है।
शिकायत के आधार पर छापेमारी
मतलौडा थाना पुलिस को दी शिकायत में डॉ. संजय राजपाल (एएमओ) डॉ. नेहा (फिजियोथेरेपिस्ट) डा. प्रांजल (एमओ) ने बताया कि रवि प्रकाश गुप्ता निवासी 1015 , सेक्टर 24 , चंडीगढ़ ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी थी। उसने बताया था कि गांव ऊंटला में प्रताप सिंह लोगों का जोड़ों के दर्द का इलाज करता है, लेकिन उसके पास किसी तरह का कोई डिप्लोमा व डिग्री नहीं है।सिविल सर्जन ने गठित की जांच टीम
चंडीगढ़ निवासी रवि प्रकाश की शिकायत पर सिविल सर्जन पानीपत ने डॉक्टरों की एक टीम गठित की। टीम शिकायत की जांच करने के लिए प्रताप निवासी गांव ऊंटला के घर गई। जहां प्रताप के पास किसी तरह का कोई डिप्लोमा व डिग्री नहीं मिली। उसने टीम को बयान में बताया कि वह जोड़ो का इलाज अपने दादा और पिता के अनुभवों के आधार पर करता है।
ऐसे में यह मामला बिना डिग्री या कोई डिप्लोमा के अवैध चिकित्सा अभ्यास की श्रेणी में आता है, जो आम जनता के साथ धोखा व उनकी जान पर खतरा है। इसी के आधार पर डॉक्टरों ने फर्जी तरीके से क्लीनिक चलाने वाले प्रताप के खिलाफ केस दर्ज कराया है।