Indian Air Force Day: अंग्रेजों के जमाने का एयरबेस, 103 साल पुराना, चंडीगढ़ एयर शो में अंबाला से भरेंगे उड़ान
Indian Air Force Day आज 8 अक्टूबर को एयरफोर्स डे है। साल 1919 में अंग्रेजों ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीएस) अंबाला में स्थापित किया था। शुरुआत में अंबाला एयरबेस पर वापिती की तैनाती हुई थी। अब राफेल तैनात किया गया है।
By KULDEEP SINGH CHAHALEdited By: Anurag ShuklaUpdated: Sat, 08 Oct 2022 10:13 AM (IST)
अंबाला, जागरण संवाददाता। Indian Air Force Day: देश की वायुसेना की ताकत जहां उसके जवान हैं, वहीं आधुनिक लड़ाकू विमान उसे और बढ़ा देते हैं। चंडीगढ़ में वायुसेना दिवस पर एयर शो में अंबाला एयरबेस से भी लड़ाकू जहाज उड़ान भरेंगे। अंबाला में तैनात राफेल इस एयरशो का जहां हिस्सा होगा। वहीं यह लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा। साल 2020 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समारोह के दौरान राफेल को भारतीय वायुसेना में आधिकारिक रूप से शामिल किया था। अंबाला एयरबेस पर गोल्डन एरो स्काड्रन इसकी देखरेख कर रही है। यहीं से चीन व पाकिस्तान को वायुवीर जवाब देने के लिए तैयार हैं।
यह है अंबाला एयरबेस का इतिहास अंबाला कैंट में वायुसेना का एयरबेस 103 साल का हो चुका है। साल 1919 में अंग्रेजों ने यहां पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीएस) स्थापित किया था, जिसके बाद कई लड़ाकू विमानों ने यहां से उड़ान भरी। इस दौरान डीएच-9 व ब्रिस्टर फाइटर एयरक्राफ्ट को आपरेट किया गया था। इस तरह प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस एयरबेस की अहमियत काफी रही। यहीं से रायल एयरफोर्स की 99 स्कवाड्रन और स्कवाड्रन 114 ने लड़ाकू जहाजों को आपरेट किया। इसी तरह अप्रैल 1938 को स्टेशन हेडक्वार्टर की स्थापना अंबाला में हुई, जबकि 28 स्कवाड्रन भी तैनात की गई।
युद्ध में अंबाला एयरबेस को भी टारगेट बनाया गया इतिहास पर नजर डालें तो अप्रैल 1958 को एयर कमोडोर अर्जन सिंह ने वैंपायर जहाज लैंड कर यहां बने रन-वे का शुभारंभ किया था। अंबाला कैंट में साल 1954 में ही एयरफोर्स स्टेशन पर 7 विंग की स्थापना की गई। इस वायुसेना स्टेशन पर 60 के दशक में नैट, हंटर, मिस्ट्र, तूफानी और वैंपायर लड़ाकू जहाज तैनात थे। युद्ध में अंबाला एयरबेस को भी टारगेट बनाया गया था। इसी तरह साल 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी पाकिस्तान के निशाने पर अंबाला एयरबेस रहा। सबसे अहम रहा, बालाकोट एयरस्ट्राइक जहां पाकिस्तान के काउंटर अटैक को अंबाला एटीएस से ही ट्रैप किया गया। यहां पर तैनात मिंटी अग्रवाल ने श्रीनगर को सूचित किया, जिसके बाद पाक लड़ाकू जहाज को जवाब दिया। इसको जवाब देते हुए भारत के अभिनंदन पाक सीमा में दाखिल हो गए थे।
यह एयरक्राफ्ट एयरबेस अंबाला पर तैनात रहे अंबाला एयरबेस पर साल 1930 से विमानों की तैनाती रही है। यहां पर वर्ष 1930 में वापिती, 1941 में हाकर आडैक्स व हाकर हार्ट, 1942 में हार्वर्ड, 1945 में टाइगर माथ व आक्स्फोर्ड, 1946 में स्पिटफायर, 1947 मे टैंपेस्ट, 1952 में वैंपायर, 1953 तूफानी, 1957 में हाकर हंटर्स, 1960 में नैट, 1969 में सुखोई एसयू 7, 1979 में जगुआर, 2002 में बायसन, 2020 में राफेल वायुसेना का हिस्सा रह चुके हैं।
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