Champion Daughter: घोड़ा बुग्गी चलाकर बेटी को खेलने भेजा, चैंपियन बन पानीपत की प्रियंका बनी घर का सहारा
पानीपत की खिलाड़ी थ्रो बॉल चैंपियन प्रियंका ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 25 पदक जीते। खेल की दम पर डीसी कार्यालय में क्लर्क की नौकरी पाई। सौंधापुर के प्रेम सिंह ने पड़ोसियों के तंज की परवाह न करते हुए बेटी को खेलने भेजा।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Tue, 27 Apr 2021 10:27 AM (IST)
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। पानीपत के सौंधापुर के प्रेम सिंह ने घोड़ा-बुग्गी चलाकर बेटी प्रियंका को थ्रोबॉल खेलने भेजा और खेल का सामान भी मुहैया कराया। पड़ोसियों ने तंज कसा कि बेटी खेलेगी तो बिगड़ जाएगी। परिवार की बदनामी हो जाएगी। अच्छा होगा पढ़ाई पर ध्यान दे। पिता ने किसी की नहीं सुनी। प्रियंका ने कई दिन तक खेल भी छोड़ दिया था। पिता ने बेटी को मैदान में भेजा और प्रोत्साहित किया।
प्रियंका ने भी पिता के मान को रखा और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 25 पदक जीते। खेल के बूते डीसी कार्यालय में क्लर्क की नौकरी भी पाई। अब वह परिवार का भी सहारा बनी है। उनका कहना है कि पिता ने आर्थिक संकट झेला, लेकिन कभी उन्हें खेल के सामान व अन्य संसाधन की कमी नहीं आने दी। पिता और मां महेंद्रो देवी का साथ नहीं होता तो वह कभी खेल नहीं पाती। उन्हें कोई भाई नहीं है। माता-पिता ने उन्हें व बड़ी बहन ममता को बेटों से बढ़कर माना है। अब वे जल्द ही पिता की घोड़ा-बुग्गी छुड़ा देगी, ताकि वे आराम कर सकें। प्रेम सिंह मूल रूप से कैथल के खुरड़ा गांव के हैं।
ड्यूटी खत्म कर मैदान में अभ्यास के लिए जाती हैं प्रियंका21 वर्षीय प्रियंका ने बताया कि सीनियर सोनिया और निर्मल को थ्रोबॉल खेलते देखा था। वर्षीय 2010 में शिवाजी स्टेडियम में कोच राजेश टूरण और राजेंद्र देशवाल से तकनीकी गुरु सीखे। वह घर से स्टेडियम के लिए निकलती थी तो पड़ोसी तंज सकते थे। इससे कई बार वह मैदान में रोई भी। तब कोचों ने उन्हें समझाया और हौसला बढ़ाया। अब वह हर रोज ड्यूटी खत्म करने के बाद शाम को स्टेडियम में अभ्यास के लिए जाती है।
प्रियंका से प्रेरित हो लड़के और लड़कियों ने अभ्यास कर जीते पदकप्रियंका बताती हैं कि जब से उन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय थ्रोबॉल प्रतियोगिता में पदक जीते हैं। उनकी कप्तानी में जूनियर एशियन थ्रोबॉल चैंपियनशिप व इंडो सीरिज में स्वर्ण पदक जीते हैं। उनकी सफलता को देख सौंधापुर पूजा, निकिता, सोनिया, नितेश, मोहित, सुरेंद्र और प्रिंस ने थोबॉल का अभ्यास शुरू किया और राज्य स्तर की प्रतियोगिता में पदक भी जीते हैं। जो पड़ोसी पहले बुराई करते थे वे भी अब लड़कियों को खेलने भेजते हैं।
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प्रियंका की सफलता
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- 2015 में मलेशिया में हुई जूनियर एशियन थ्रोबॉल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- 2017 में इंडो थ्रोबॉल सीरिज में स्वर्ण पदक।
- जूनियर नेशनल थ्रोबॉल प्रतियोगिताओं में सात स्वर्ण पदक।
- सीनियर थ्रोबॉल चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक।
- राज्यस्तरीय थ्रोबॉल प्रतियोगिता में 10 स्वर्ण और तीन रजत पदक
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