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Yoga Day 2022: जानें योग-प्राणायाम के फायदें, बीपी शुगर जैसी बीमारियों से इस तरह मिलेगी मुक्ति

International Yoga Day 2022 21 जून को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस है। आइए जानते हैं योग-प्राणायाम के क्‍या फायदे हैं। योग-प्राणायाम से शरीर निरोगी रहता है। बीपी शुगर जैसी गंभीर बीमारियां भी ठीक हो जाती है। इस वजह से दिनचर्या में इसे जरूरी शामिल करें।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 18 Jun 2022 04:24 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jun 2022 04:24 PM (IST)
21 जून को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है। आयुष विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग इस दिन योग-प्राणायाम करें। इसको दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प भी लें। अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए विभागीय स्तर पर क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा योग प्राणायाम कर हम किस तरह सुखी जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसको लेकर संवादददाता संजीव कांबोज ने जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. विनोद पुंडीर से बातचीत की।

सवाल : 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। सफल आयोजन को लेकर क्या-क्या तैयारी है?

जवाब : सरकार की ओर से मिली गाइडलाइन के मुताबिक सभी तैयारियां कर ली गई हैं। 28 से 30 मई तक स्कूलों के डीपीई व पीटीआई को प्रशिक्षण दिया। एक से तीन जून तक इन डीपीई व पीटीआई ने अपने-अपने स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षित किया। नौ, 10 व 11 जून को ब्लाक व जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया। इसमें अधिकारियों, कर्मचारियों व जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 13, 14 व 15 को दोबारा जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया। इन शिविरों में शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल, पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज, डीसी पार्थ गुप्ता सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।

सवाल : कहां-कहां कार्यक्रमों का आयोजन होगा। और कुल कितने साधक योग करेंगे।

जवाब : जून 20 को सुबह सात से आठ बजे तेजली खेल परिसर में पायलेट रिइर्सल की जाएगी। इसी दिन सुबह साढे पांच से साढे छह बजे तक योगा मैराथन का आयोजन नेहरू पार्क पर होगा। 21 जून को मुख्य कार्यक्रम सुबह सात से आठ बजे तेजली खेल परिसर में होगा। खेल परिसर में करीब पांच हजार योग साधकों के योग करने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा हर ब्लाक में कम से कम एक हजार साधक हिस्सा लेंगे। 21 जून को आयोजित कार्यक्रम में रिफ्रेशमेंट व टी-शर्ट की व्यवस्था की गई है।

सवाल : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इस बार क्या विशेष रहेगा।

जवाब : देखिए, कोरोना महामारी के कारण वर्ष-2020 में आनलाइन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। विभाग की ओर से लिंक जारी कर दिया गया था। सभी ने अपने घरों में रहकर की योग-प्रणायाम किया। वर्ष-2021 में भी संख्या काफी कम रही। इस बार स्थिति सामान्य है। पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। विभिन्न संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है।

सवाल : हर व्यक्ति तक योग पहुंचे और हर व्यक्ति की दिनचर्या का हिस्सा बने, इसके लिए क्या प्रयास हैं?

जवाब : विभाग की ओर से करीब एक माह से योग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान योग-प्राणायाम के अभ्यास के साथ-साथ फायदों से भी अवगत करवाया गया। यही संदेश दिया गया कि हर व्यक्ति योग-प्रणायाम को अपनी दिनचर्या हिस्सा बनाएं ताकि हम स्वस्थ रहें और दवाइयों से निजात मिल सके।

सवाल : स्वस्थ रहने के लिए योग कितना जरूरी है। सुबह-शाम कितना समय योग या प्रणायाम को देना चाहिए।

जवाब : यदि हमारे पास समय है तो एक घंटा नियमित योग-प्रणायाम करें। यदि समय का अभाव है तो कम से कम 20 मिनट अवश्य दें। यदि बाहर संभव नहीं है तो घर में ही हवादार जगह पर योग किया जा सकता है।

सवाल : बच्चों, बड़ों व बुजुर्गों के लिए योग कितना लाभकारी साबित हो सकता है?

जवाब : यदि बच्चे बचपन से योग को जीवन का हिस्सा बनाएंगे तो बीमारियों से दूर रहेंगे। स्वस्थ जीवन जिएंगे। बड़े यदि बीमारियों की गिरफ्त में हैं तो नियमित योग करने से बीमारियां कम हो जाएंगी। लगातार करेंगे तो समाप्त हो जाएंगी।

सवाल : क्या गंभीर बीमारियों से बचाव में भी योग-प्राणायाम कारगर साबित हो सकता है।

जवाब : नियमित रूप से योग-प्राणायाम करने से ब्लड प्रेसर, शुगर, मोटापा, अपच, पेट, कमर व जोड़ों की बीमारियों से निजात मिल सकती है।

सवाल : आजकल नशे का चलन बढ़ रहा है। यह हमारे स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित कर रहा है।

जवाब : स्वस्थ जीवन जीने के लिए नशे का त्याग जरूरी है। नशा मानसिक रोगों का कारण बनता है। यदि हम मानसिक रोगों की गिरफ्त में हैं तो सामाजिक बुराइयां भी हमें घेर लेती है। विशेषतौर पर युवा नशे की गिरफ्त में आ रहा है। जोकि गलत है।

सवाल : आयुष विभाग की ओर से संचालित कितनी डिस्पेंसरियों को हेल्थ वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा चुका है।

जवाब : कुल 21 डिस्पेंसरियां हैं। 11 वेलनेस सेंटर में तब्दील हो चुकी हैं। पांच प्रक्रिया में हैं। इनके माध्यम से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है। घर-घर जाकर बीपी व शुगर जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। ताकि समय रहते इनका उपचार हो सके। आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार बारे जागरूक किया जा रहा है।

सवाल : भविष्य को लेकर आयुष विभाग की कोई खास प्लानिंग?

जवाब : फिलहाल विभाग का फोकस आयुष वेलसनेस सेंटरों के माध्यम से बेहतर आयुर्वेदिक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने पर है। इनको विकसित किया जा रहा है। भविष्य में हर्बल प्लांट्स के प्रति जागरूकता को लेकर भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।

सवाल : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जिलावासियों को क्या संदेश देना चाहेंगे?

जवाब : सभी जिलावासियों से मेरी यही अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हिस्सा बनें। निरोगी काया के लिए योग-प्रणायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।


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