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पानीपत म्‍यूजियम में संरक्षित है ऐतिहासिक धरोहर, जानिए क्‍या है खास

गोहाना रोड दिल्ली पैरलल नहर के पास बिंझौल स्थित संग्रहालय में संरक्षित प्राचीन इतिहास के अवलोकन के लिए शुल्क देना होगा।

By Edited By: Updated: Wed, 04 Dec 2019 08:43 AM (IST)
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पानीपत म्‍यूजियम में संरक्षित है ऐतिहासिक धरोहर, जानिए क्‍या है खास

पानीपत, [रामकुमार कौशिक]। गोहाना रोड दिल्ली पैरलल नहर के पास बिंझौल स्थित संग्रहालय में संरक्षित प्राचीन इतिहास के अवलोकन के लिए शुल्क देना होगा। अब यहां टिकट सिस्टम लागू कर दिया है। इसके लिए पुरातत्व और संग्रहालय विभाग हरियाणा ने तीन अलग-अलग श्रेणियां रखी हैं।

विदेशी पर्यटक के लिए अलग चार्ज है। टिकट सिस्टम लागू होने से संग्रहालय में आने वाले पर्यटकों की संख्या में 50 फीसद गिरावट दर्ज की गई।

10 से 75 रुपये तक की टिकट

हरियाणा राज्य सरकार की तरफ से गठित राज्यपाल की अध्यक्षता में द बेटल ऑफ पानीपत मेमोरियल सोसाइटी ने पानीपत में संग्रहालय स्थापित किया है। पानीपत को एक महान ऐतिहासिक स्थल और पिछले 251 वर्षों में घटित प्रमुख घटनाओं को समाहित किया है। संग्रहालय में पहले पर्यटक फ्री में इतिहास को देख और जान पाते थे। पुरातत्व और संग्रहालय विभाग हरियाणा ने अब टिकट सिस्टम लागू कर दिया है। विभागीय कर्मचारी ने बताया कि तीन अलग-अलग कैटेगरी में टिकट रखे हैं। बच्चे के लिए 10, बड़े के लिए 25 और विदेशी पर्यटक के लिए 75 रुपये का टिकट है।

आधी हो गई पर्यटकों की संख्या

टिकट लागू होने से पहले संग्रहालय में प्रतिदिन 50 से 100 के बीच पर्यटक इतिहास को जानने और देखने के लिए पहुंचते थे, लेकिन जबसे टिकट लागू हुआ है पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई है। जो 10 से 20 तक पहुंची है। संग्रहालय में तैनात कर्मचारी का कहना है कि टिकट लागू होने का पता लगते ही ज्यादातर लोग बिना देखे ही लौट जाते हैं।

संग्रहालय में है यह

संग्रहालय में पानीपत के प्रथम, द्वितीय और तृतीय युद्ध से जुड़ी जानकारियों से लेकर प्राचीन अस्त्र शस्त्र और ढाल, मूर्तिकला, प्राचीन कृषि यंत्र, आभूषण, वाद्य यंत्र, लालकिले की तोप, पालम बावड़ी का अभिलेख, प्राचीन पें¨टग और बर्तन संरक्षित करके रखी हैं। इसके अलावा ऐतिहासिक स्मारकों और स्थलों के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी है। यहां करनाल के विक्टोरिया मेमोरियल हाल से लाया सौ वर्ष पुराना लकड़ी का कलात्मक फ्रेम भी प्रदर्शित है। आहत सिक्के, कुषाण, सामंतदेव, आदिवराह, राजपूत, खिलजी, तुगलक लोदी, सूरी और मुगल शासकों की मुद्राएं भी आकर्षण का केंद्र हैं।