Kisan Mahapanchayat : राकेश टिकैत बोले- सरकार मांग माने वरना करनाल लघु सचिवालय पर अब अनिश्चितकालीन महापड़ाव
Karnal Kisan Mahapanchayat हरियाणा के करनाल में आंदोलनकारी लघु सचिवालय के गेट पर बैठे हैं। यहां पर राकेश टिकैत गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित किसान नेता चर्चा कर रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा अब अनिश्चितकालीन महापड़ाव जारी रहेगा।
राकेश टिकैत ने कहा, करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही। या तो खट्टर सरकार मांग माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार हैं। वहीं, किसानों को नमस्ते चौक पर रोक लिया गया। मेरठ रोड पर कुछ किसानों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद नमस्ते चौक पर गिरफ्तारी हुई। नमस्ते चौक से आगे बढ़ गए हैं। सेक्टर 14 चौक के पास पहुंंच रहे हैं।#WATCH | Following Kisan Mahapanchayat at Anaj Mandi, protesting farmers now head to Mini Secretariat in Karnal, Haryana. pic.twitter.com/6CQaKSQ7hZ
— ANI (@ANI) September 7, 2021
इस तरह लघु सचिवालय की किलेबंदीलघु सचिवालय के दोनों गेटों को बंद कर दिया गया है। गेट के अंदर सीआरपीएफ की बटालियन तैनात है। वहीं बाहर की तरफ आइटीपीबी, सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस की बटालियन तैनात की गई है। वहीं, लघु सचिवालय से आगे मोड़ पर आरपीएफ है। सभी को अलर्ट रहने के आदेश दे दिए गए। इसके अलावा दंगा नियंत्रण वाहन, आंसू गैस, वाटर कैनन वाहन के साथ सुरक्षा बल अलर्ट है। तीन दौर की वार्ता विफल होने के बाद 4.20 बजे किसानों ने लघु सचिवालय की तरफ कूच किया। दो किलोमीटर तक किसानों की भीड़ नाकों को तोड़ती हुई निकली। अभी तक लाठीचार्ज को लेकर बचाव किया गया है। किसान नेताओं का पुलिस का विरोध न कर गिरफ्तारी देने की अपील है। 11 सदस्यीय कमेटी ने महापंंचायत स्थल में पहुंचकर बैठक की। इसके बाद घेराव की घोषण की। अब सभी लघु सचिवालय की तरफ जा रहे हैं। महापंचायत में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के अलावा राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव भी शामिल हुए। इस दौरान प्रशासन की अपील पर संयुक्त किसान मोर्चा वार्ता के लिए मान गए। राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी और योगेंद्र यादव की 11 सदस्यीय कमेटी करनाल लघु सचिवालय पहुंची। हालांकि तीन दौर की बातचीत विफल रही। इसके बाद सभी महापंचायत स्थल की ओर लौट गए। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बयान जारी किया, कहा, लोकतंत्र में सभी को अपने कार्यक्रम करने का अधिकार है।#WATCH | BKU leader Rakesh Tikait and protesting farmers face police deployment while heading to Mini Secretariat in Karnal, Haryana pic.twitter.com/05cPLwR2s2
— ANI (@ANI) September 7, 2021
इस तरह चली वार्ताकरनाल में किसानों और सरकार के बीच हुई वार्ता असफल रही। किसान अब घेराव पर अड़े। सचिवालय पर बढ़ाई गयी सुरक्षा। पुलिस-प्रशासन अलर्ट।@JagranNews @cmohry #KisanMahaPanchayat
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— amit singh (@Join_AmitSingh) September 7, 2021
- किसान महापंचायत में प्रशासन ने वार्ता के लिए संदेश भेजा।
- 11 सदस्यीय कमेटी, राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, योगेंद्र यादव के साथ लघु सचिवालय पहुंचे।
- यहां पर अधिकारियों के आदेश के बाद अंदर जाने दिया गया।
- लघु सचिवालय के बाहर ही समर्थकों को रोक लिया गया। करीब सौ लोगों की भीड़ जुट गई।
- करीब दो घंटे तक दो दौर की वार्ता चली।
- इसके बाद सभी किसान नेता बाहर आ गए।
- किसान नेता जोगेंद्र उगरहा और राकेश टिकैत प्रेस से बातीचत करने लगे।
- जोगेंद्र ने कहा, प्रशासन ने मांग नहीं मानी है। सरकार मांग नहीं मान रही है। अब हम अपना काम करेंगे, प्रशासन अपना काम करे।
- टिकैत ने कहा, फैसला महापंचायत स्थल में होगा।
- तभी प्रशासन की तरफ से तीसरे दौर की वार्ता के लिए बुलाया गया।
- करीब पांच मिनट के बाद फिर से किसान नेता बाहर आ गए।
- किसान नेताओं ने बताया कि वार्ता विफल रही है।
- प्रशासन से जो मांग की वो नहीं मान रहे।
- करनाल महापंचायत में 12.04 बजे किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव सहित पंजाब से किसान नेता राजेवाल भी महापंचायत में पहुंचे। लघु सचिवालय की तरफ किसानों के शांतिपूर्वक कूच के लिए प्रशासन के साथ मीटिंग शुरू। राकेश टिकैत के महापंचायत में पहुंचते ही किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू की।
- शहर में एंट्री के लिए सुबह दो पहिया व चार पहिया वाहनों को ढील दी गई थी, लेकिन 12 बजे किसानों के लघु सचिवालय के लिए कूच की रणनीति की सूचना के बाद नाकाबंदी पर सख्ती कर दी गई। यही हालात शहर के सभी एंट्री प्वायंट पर है। पुलिस पैदल जाने वालों को भी आवाजाही के लिए रोक रही है। आवाजाही बंद के कारण पुलिस की नाकों के दोनों तरफ वाहनों का जाम लगना शुरू हो गया है।
- विशेष तौर पर करनाल सेक्टर-12 लघु सचिवालय के आसपास खुले कार्यालयों व दुकानों के पुलिस ने शटर डाउन करवाए और एसपी ने पुलिस नाकों का निरीक्षण कर जवानों को अलर्ट रहने के आदेश दिए।
- महापंचायत में पहुंचने के लिए सुबह दस बजे का समय निर्धारित किया गया था। करीब सवा घंटे बाद 11:15 बजे महापंचायत शुरू हुई। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी पहुंच गए हैं।
- गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि देश भर से कई बड़े किसान नेताओं का समर्थन मिल रहा है। करनाल की जमीन पर सैलाब आएगा। हरियाणा सहित तेलंगाना, पंजाब, केरल, दक्षिण भारत और मध्य प्रदेश से किसान नेता महापंचायत में आए हैं। उन्होंने कहा, हम पहले मिशन में कामयाब हो गए। पुलिस प्रशासन ने रोकने की कवायद तो की, लेकिन महापंचायत शुरू हो गई। अब दूसरे मिशन लघु सचिवालय के घेराव के लिए मंच से फैसला लिया जाएगा। चढ़ूनी ने कहा, मंच में संयुक्त रूप से साझा निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद मंच से ही निर्णय बता दिया जाएगा। हम हर हालत में कामयाब होंगे।
- किसान महापंचायत में लगभग चार हजार की किसानों को गुरनाम सिंह ने 11.28 बजे संबोधन शुरू किया है। इस दौरान किसान ने नारेबाजी भी की। किसान महापंचायत शुरू होते ही जिला सचिवालय को जाने वाले मार्ग पर पुलिस सतर्क हो गई और रास्ते में रेत-बजरी के डंपर खड़े कर दिए गए। इस मौके पर महिला प्रदेशाध्यक्ष सुमन हुड्डा, सुदेश गोयत, मध्यप्रदेश से गुरनाम सिंह, तेलंगाना से वी वेकेंट, केरल से पी कृष्णाप्रसाद, कामरेड इंद्रजीत सिंह, प्रदीप हुड्डा, जगदीप औलख, अजय सिंह राणा मौजूद थे।
- सुबह 8 बजे से ही बूंदाबांदी के बावजूद करनाल अनाज मंडी में किसान इक्ट्ठा हुए थे। प्योंत टोल और बसताड़ा टोल पर रणनीति तैयार करने के बाद किसान नारेबाजी करते हुए अनाज मंडी पहुंचे और मंडी लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों के आवागमन बढ़ने के साथ-साथ हालात नाजुक बने हुए हैं।
- दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे पर आवाजाही के लिए वाहनों को पेप्सी पुल (पानीपत) से होते हुए मूनक से असंध या फिर मूनक से गगसीना और घोघडीपुर से होते हुए हांसी चौक, बाईपास, पश्चिमी यमुना नहर कर्ण लेक जीटी रोड-44 होते हुए चंडीगढ़ की ओर निकाला जा रहा है। चंडीगढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को पिपली चौक (कुरुक्षेत्र) से लाडवा, इंद्री, ब्याना, नेवल और कुंजपुरा से होते हुए नंगला मेघा, मेरठ रोड से अमृतपुर खुर्द, कैरवाली, घरौडा से जीटी रोड-44 से दिल्ली की ओर निकाला जाएगा।
- एक तरफ किसान जहां अपनी जिद पर अड़े हैं वही किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा का सख्त पहरा लगाया है। लघु सचिवालय के आसपास रात से ही पुलिस व सीआरपीएफ जवानों की तैनाती कर दी गई और सुरक्षा की हिदायत से सुबह वाटर कैनन के अलावा, रेत-बजरी के डंपरों से सड़कों को बंद करना शुरू कर दिया गया है।