चोरी और तस्करी के बाद खाकी बचा रही साख, शराब गोदाम पर लगाया सबक का लॉक
पूर्व विधायक सतविंद्र राणा के गोदाम से मिली शराब की 832 पेटियों को सीमा थियेटर के पास आबकारी विभाग के गोदाम में सील कर दिया है।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Mon, 18 May 2020 01:40 PM (IST)
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। पूर्व विधायक सतविंद्र राणा और उसके साझीदार शामड़ी गांव के ईश्वर ने कथित तौर पर मिलकर चार साल तक अपने ही सील गोदाम में चोरी करके शराब की 4500 पेटियां पांच राज्यों में बेच दी। आबकारी विभाग के कर्मचारी और अधिकारी लीपापोती पर लगे रहे।
अब एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) की जांच की जद में आने के बाद अधिकारी अपनी नौकरी बचाने में जुटे हैं। वे पुराने अधिकारियों व कर्मचारियों से शराब का रिकार्ड भी इकट्ठा करने में जुटे हैं। उन्हें डर है कि कहीं विभाग के सीमा थियेटर स्थित तीन गोदाम में जब्त शराब की चोरी न कर ली जाए। शराब की पेटियों को एक ही गोदाम में इकट्ठा कर दिया है। विभाग के कर्मचारियों के अलावा किसी को भी गोदाम के आस-पास जाने की अनुमति नहीं है। पहले यहां पर कई संदिग्ध लोग घूमते रहते थे। शराब चोरी की भी आशंका थी। इसी को लेकर गोदाम के बाहर 24 घंटे पहरा लगा दिया है।
आला अधिकारी ने चौकीदार को निर्देश दे दिए कि लापरवाही न बरती जाए। एसआइटी जब्त शराब का रिकार्ड जांचेगी। अगर इसमें भी शराब की पेटियां कम मिली तो कई अधिकारी व कर्मचारी नप सकते हैं। पूर्व विधायक सतविंद्र राणा के गोदाम से मिली शराब की 832 पेटियों को विभाग के गोदाम रखवा दिया गया है। गोदाम को सील कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विभाग की टीम में शामिल 8 पुलिसकर्मियों को भी हिदायत है कि वे गोदामों की चौकसी रखें।
एक साल से नहीं किया जब्त शराब को नष्ट आबकारी विभाग ने मार्च 2019 को जब्त शराब को नष्ट कराया था। इसके बाद से विभाग ने सैकड़ों शराब की पेटियां जब्त कर गोदाम में रख रखी हैं। इनकी संख्या विभाग के पास नहीं है। तीन महीने के बाद आबकारी कमिश्नर से अनुमति लेकर जब्त शराब को नष्ट करवा दिया जाता है। एक साल से ऐसा नहीं हो पाया है।
ये अधिकारी रहे आबकारी विभाग में तैनातएनके ग्रेवाल 18 जनवरी 2016 से 31 नवंबर 2016वीके बेनीवाल (अतिरिक्त कार्यभार) 1 दिसंबर 2016 से 13 दिसंबर 2016सुशील गौड़ (अतिरिक्त कार्यभार) 14 दिसंबर 2016 से 27 फरवरी 2017आलोक पाशी 27 फरवरी 2017 से 20 जनवरी 2020पुनीत शर्मा 21 जनवरी 2020 से
शराब घोटाले के समय पांच डीईटीसी का कार्यकाल रहासमालखा स्थित गोदाम से चार साल से शराब घोटाला चलता है। अधिकारी व कर्मचारी आते-जाते रहे, लेकिन घोटालेबाजों पर नकेल नहीं कस पाए। अब इन्हें अधिकारियों व कर्मचारियों से एसआइटी पूछताछ करेगी। एसआइटी ने अधिकारियों से स्पष्ट कह दिया कि वे केस में अब दखअंदाजी न करें। घोटाले का रिकार्ड भी एसआइटी ही प्राप्त कर रही है।
राणा और ईश्वर की जमानत याचिका पर सुनवाई आज समालखा स्थित गोदाम से शराब चोरी कर बेचने के मामले में आरोपित पूर्व विधायक सतविंद्र राणा, उसके साझीदार ईश्वर, सोनीपत के जागसी के सुधीर, कथूरा के रजनीश, बली कुतबरपुर के सोमबीर, रोहतक के धामड़ के अजमेर उर्फ मोनू और झज्जर के मांडौठी के दीपक जेल जा चुके हैं। सोमवार को आरोपित सतविंद्र राणा और ईश्वर सिंह की अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। वहीं, एसआइटी शराब चोरी के मामले में फरार नौ तस्करों की तलाश में जुटी है।
उप आबकारी कराधान आयुक्त पुनीत शर्मा से दैनिक जागरण की सीधी बात
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- समालखा में गोदाम से चार साल से शराब कैसे चोरी होती रही?
- इसकी जानकारी नहीं है। मैंने जनवरी 2020 में ज्वाइन किया।
- 2018 में शराब चोरी की शिकायत दी, लेकिन पेटियों की जांच क्यों नहीं की?
- इस बारे में तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी ही बता पाएंगे
- विभाग के गोदामों में जब्त शराब एक गोदाम में क्यों रखी जा रही है?
सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। एसआइटी शराब की जांच कर सकती है।
- जब्त शराब को एक साल से नष्ट क्यों नहीं कराया गया?
- शराब को नष्ट करवाने के लिए फरवरी 2020 में आबकारी कराधान विभाग के कमिश्नर को पत्र लिख रखा है। अभी अनुमति नहीं मिली है।
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