Mahashivratri 2023: शिवालिक की पहाडि़यों पर है ये शिव मंदिर, महाभारत काल से है प्राकृतिक शिवलिंग का संबंध
Mahashivratri 2023 यमुनानगर का साढौरा का गांव झंडा। यहां पर शिवालिक की पहाडि़यों में शिव मंदिर है। इस शिव मंदिर में स्वयंभू प्राकृतिक शिवलिंग है। महाभारत काल से इस मंदिर का संबंध है। महाशिवरात्रि पर दूर-दूर से भक्त आते हैं।
साढौरा (यमुनानगर), संवाद सहयोगी। Mahashivratri 2023: गांव झंडा की उत्तरी दिशा में शिवालिक की पहाड़ी पर स्थित शिव मंदिर का महाभारत काल से संबंध बताया जाता है। यहां पर दर्शन करने के लिए वैसे तो रोजाना ही शिव भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन शिवरात्रि के मौके पर यहां लगने वाले मेले में हजारों शिव भक्त पहुंचते हैं। इस बार शिवरात्रि पर लगने वाले मेले की जोरदार तैयारियां की गई है।
गांव झंडा से इस मंदिर को जाने वाले दो किमी लंबे रास्ते की चढ़ाई एकदम तीखी है। इस रास्ते को कुछ समय पहले ही मंदिर कमेटी के प्रधान रमेश बिट्टू ने पक्का बनवाया है। इस कठिन रास्ते को तय करने के बाद पहाड़ी की चोटी पर शिव मंदिर के दर्शन होते हैं।
अथाह गहराई होने के कारण रोकनी पड़ी थी खुदीई
मान्यता है कि मंदिर परिसर में मौजूद बरगद के पेड़ से ही बर्बरीक ने महाभारत का युद्ध देखा था। इसके अलावा महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों द्वारा इस जगह पर शिव जी की अराधना करने की भी बात प्रचलित है। शिव मंदिर की देखरेख करने वाली साध्वी माता ने बताया कि इस मंदिर में स्वयंभू प्राकृतिक शिव लिंग स्थापित है। कुछ साल पहले इस शिव लिंग को गांव में स्थापित करवाने के लिए खुदाई करवाई गई तो इस शिव लिंग की गहराई अथाह पाए जाने पर ग्रामीणों को खुदाई का काम रोकना पड़ गया था।
यहां प्रतिदिन बढ़ती है श्रद्धालुओं की संख्या
इस मंदिर के दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए मंदिर सभा द्वारा यहां निरंतर विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। कई साल से चल रहा इस मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य अब लगभग पूर्ण हो चुका है। इसके तहत मंदिर को भव्य स्वरुप प्रदान करने के अलावा यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दानी सज्जनों के सहयोग से पार्किंग, विश्राम स्थल, पेयजल, शौचालयों व भंडारा गृह का निर्माण किया गया है। वर्तमान में यहां यज्ञ शाला का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा वन विभाग के सहयोग से यहां विकसित हो रही कोविड वाटिका में औषधीय व वनस्पतिक पौधे लगाए जा रहे हैं।
मंदिर कमेटी के सदस्य रामकुमार नंबरदार ने बताया कि शिव रात्रि के मौके पर मंदिर परिसर में विशेष सजावट की जाती है। शिवलिंग का फूल, फलों व चंदन से विशेष ऋंगार किया जाता है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर कमेटी द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है।