Mulayam Singh Yadav: ऐसे थे मुलायम..., कार्यकर्ताओं से कहते थे, तीन साल बाद आओगे तो कहोगे नेताजी याद नहीं रखते
Mulayam Singh Yadav उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षण मुलायम सिंह यादव नहीं रहे लेकिन आम लोगाें व कार्यकर्ताओं के दिल मेंं उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी। कार्यकर्ताओं से उनका रिश्ता बेहद करीबी वाला था।
By Jagran NewsEdited By: Sunil kumar jhaUpdated: Tue, 11 Oct 2022 09:07 AM (IST)
जगदीश त्रिपाठी, पानीपत। Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी के भीष्म पितामह मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। उत्तर प्रदेश ही नहीं, हरियाणा के अलग-अलग जिलों में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता रहते हैं। हरियाणा के कार्यकर्ताओं को भी भरपूर सम्मान देते थे मुलायम सिंह यादव। पानीपत के पवन कटारिया नेताजी की यादें को संजोये हुए हैं। वह सपा के जिला अध्यक्ष हैं।
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष पवन कटारिया ने सुनाए नेताजी से जुड़े संस्मरण
एक वाकया याद करते हुए कटारिया ने जागरण को बताया कि वह तीन वर्ष के अंतराल के बाद उनसे मिलने पहुंचे थे। तब नेताजी ने कहा था, तीन साल बाद आआगे डाक्टर साहब। इसके बाद अपेक्षा रखोगे कि हम आपको याद भी रखें। आते रहा करो। कटारिया ने नम आंखों से कहा कि अपने कार्यकर्ताओं को कभी न भूलने वाले नेताजी उन सभी के पास अपनी यादें छोड़कर चले गए।
भीड़ में से कार्यकर्ताओं को बुला लिया करते थे नेताजी
पवन कटारिया यहां किशनपुरा में रहते हैं। लोग इन्हें डाक्टर साहब कहते हैं। पवन कटारिया ने बताया कि वर्ष 2008 में वह मुलायम सिंह से मिले थे। परिवार के सदस्य भी साथ थे। उन्हें बताया था कि हरियाणा के पानीपत में वह संगठन को मजबूत कर रहे हैं। तब नेताजी उनके काम से काफी खुश हुए। इसके बाद वर्ष 2011 में उनसे मिलना हो सका। भीड़ में नेताजी ने उन्हें पहचान लिया। कहा कि इतने सालों बाद आए हो। ये गलत बात है। हम अगर भूल गए तो कहोगे कि नेताजी अपने कार्यकर्ताओं को याद नहीं रखते। पवन का कहना है कि मुलायम सिंह अपने कार्यकर्ताओं को भूलते नहीं थे।जब पीठ देखकर वापस बुला लिया
पवन कटारिया को एक वाकया और याद है। तब भी मुलायम सिंह यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। वर्ष 2020 की बात है। तब पवन कटारिया उनका स्वास्थ्य जानने मिलने पहुंचे। भीड़ ज्यादा होने पर सिक्योरिटी वालों ने बाहर निकालना शुरू कर दिया। मुलायम सिंह ने पवन को देखा तो वहीं से आवाज लगाई। सिक्योरिटी वालों से कहा कि इन्हें अंदर आने दो। नेताजी को याद था कि पवन के छह भाई-बहन हैं। मां बीमार रहती है। नेताजी ने सभी के बारे में पूछा। पवन ने बताया कि वह कार्यकर्ताओं के साथ सैफई रवाना होंगे।
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