Move to Jagran APP

Panipat News: मेडिकल स्टोर्स और फार्मा पर कैमरे लगाना जरूरी, एक अप्रैल के बाद विभाग नहीं जारी करेगा लाइसेंस

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश पर सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाने अनिवार्य कर दिए हैं। साथ ही विभाग ने जुलाई 2023 से लाइसेंस के लिए कैमरों का बिल भी अनिवार्य कर दिया है। वहीं अभी तक 1400 दुकानों में से 350 से अधिक दुकानों पर कैमरे नहीं लग पाए हैं। जिससे दवा दुकान के लाइसेंस पर संकट आ सकता है।

By Raj Singh Pal Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 27 Feb 2024 03:43 PM (IST)
Hero Image
मेडिकल स्टोर्स और फार्मा पर कैमरे लगाना जरूरी (सांकेतिक)।
जागरण संवाददाता, पानीपत। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(एनसीपीसीआर)की सिफारिश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने सभी दवा दुकानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया हुआ है। जिला प्रशासन भी इस बाबत अनेक बार दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। जिले में आज भी 350 से अधिक दवा दुकानें ऐसी हैं, जिन पर कैमरे नहीं लगाए गए हैं। इन दवा दुकानों के संचालकों को कैमरे लगवाने के लिए एक माह का समय दिया गया है।

फॉर्मेसी स्वामियों को CCTV कैमरे लगाना अनिवार्य

एक अप्रैल 2024 से विशेष चेकिंग अभियान चलेगा। सीसीटीवी कैमरे लगे न होने या खराब मिलने पर ड्रग लाइसेंस पर भी संकट संभावित है। दरअसल, औषधियों की बिक्री नियम -65/3 एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 के अंतर्गत मेडिकल स्टोर, फॉर्मेसी स्वामियों को सीसीटीवी कैमरा (रिकॉर्डिंग सहित) लगवाना अनिवार्य है।

जिला औषधि नियंत्रक विजया राजे ने बताया कि इस बाबत थोक और रिटेल दवा विक्रेताओं को ऑर्डर भी जारी किए हुए हैं। किशोर नशे की लत से दूर रहें, नशीली ड्रग की खरीद न करें, एनसीपीसीआर की सिफारिश पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का निर्णय लिया गया है। स्कूलों के आसपास की दुकानों पर अधिक फोकस है।

350 दुकानों में नहीं लग सके कैमरे

उन्होंने बताया कि जिला में लगभग 1400 दवा की दुकानें हैं। इनमें से लगभग 350 दुकानों पर कैमरे नहीं लग सके हैं, ज्यादा संख्या देहात क्षेत्र में है। अप्रैल से चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। सीसीटीवी नहीं लगे होने, बंद मिलने पर मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

ये भी पढ़ें: Haryana News: हरियाणा सरकार के सभी विभागों का डाटा होगा ऑनलाइन, सीएम मनोहर ने विधानसभा में किया एलान

जिला औषधि नियंत्रक ने बताया कि डॉक्टर के पर्चे के बिना शेड्यूल एच-वन और एक्स की दवाएं बेचे जाने की सूचनाएं सरकार तक पहुंच रही थी।इनमें पेन किलर, मानसिक रोग, कफ सिरप, कैंसर जैसे रोग के इलाज में काम आने वाली मेडिसिन शामिल हैं। इन रोगों की मेडिसिन का गलत इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है।

कमेटी करेगी निगरानी

जिला में निगरानी कमेटी गठित होगी। इसमें स्वास्थ्य, पुलिस, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, आबकारी व समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। औचक सीसीटीवी फुटेज देखेंगे। शेड्यूल एच-वन और एक्स की दवा किसे बेची, माह में कितनी बार बेची, उसका रिकॉर्ड सुरक्षित रखा अथवा नहीं जैसे पहलुओं पर फोकस रहेगा।

ये भी पढ़ें: Nishu Deshwal Death: रील बनाने के लिए ट्रैक्टर से किया स्टंट, कुछ देर बाद घर में मच गई चीख-पुकार

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।