हरियाणा में नई स्कीम, अब पेड़ों की भी लगेगी पेंशन, सड़कों के किनारे पेड़ वन विभाग, फल खाएंगे किसान
हरियाणा में पर्यावरण और पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरण विभाग ने अनोखा कदम उठाया है। राज्य में अब पेड़ों की पेेंशन लगेगी। इस पेंशनसे पुराने पेड़ों की देखभाल होगी। इसके साथ ही सड़क किनारे आम जैसे फलदार पेड़ वन विभाग के होंगे और फल किसानों का हाेगा।
By Sunil kumar jhaEdited By: Updated: Wed, 03 Feb 2021 12:58 PM (IST)
यमुनानगर, जेएनएन। Haryana New Scheme: हरियाणा में वन विभाग ने नई स्कीम शुरू की है। प्रदेश में अब पुराने पेड़ों को भी पेंशन मिलेगी। पर्यावरण और पेड़-पौधों को बचाने के लिए वन विभाग ने यह नया प्रयोग किया है। इसका मकसद बढ़ते प्रदूषण पर समय रहते रोक लगाना है। इसक साथ ही अब सड़कों के किनारे आम के पौधे लगाए जाएंगे। योजना के तहत पेड़ पर तो वन विभाग का अधिकार होगा, लेकिन फल पास के खेत के किसानों के होंगे।
ये योजनाएं आम से खास सभी व्यक्ति के लिए हैं। प्रदेश में जहां भी 70-100 वर्ष पुराने पेड़ हैं, उनकी विभाग की ओर से पेंशन लगाई जाएगी। इस पेंशन की राशि से इन पेड़ों की देखरेख होगी। जो पेड़ पंचायत के क्षेत्र में होंगे उसका पैसा पंचायती फंड में जाएगा। यदि किसी की निजी जमीन पर पेड़ हैं तो उसके पेंशन की राशि जमीन मालिक को मिलेगा। इसके लिए वन विभाग ने कागजी तैयारी कर ली है।यह भी पढ़ें: हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर घटा, यूपी को सप्लाई बंद, दिल्ली को भी पानी में कटौती
विशेषज्ञों का तर्क है कि पुराने पेड़ों में खोखर होती है जिसमें पक्षी अंडे देते हैं। इस पर पक्षियों के छिपने की जगह भी पर्याप्त होती है। ऐसे में इन पेड़ों को बचाने से पक्षियों का भी संरक्षण होगा। इसके अलावा पर्यावरण बचाने के लिए प्रदेशभर में प्रतियोगिताएं भी करवाई जाएंगी। विजेता प्रतिभागितयों को पुरस्कार भी दिया जाएगा।
आम का पौधा लगाएगा विभाग, फल खाएंगे किसान
सड़क किनारे खाली पड़ी जमीन पर लगे पेड़ों के लेकर किसानों के साथ वन विभाग का विवाद होता रहता है। इस भी वन विभाग ने हल तलाश लिया है। इस जमीन पर अब सफेदे के पेड़ नहीं, बल्कि यमुनानगर से लेकर कालका तक आम के पौधे लगाए जाएंगे। पौधे वन विभाग लगाएगा और इसके फल पर अधिकार किसानों का होगा।
यह भी पढ़ें: Rail Budget 2021: ट्रेनों में मिलेगी वेटिंंग से छुटकारा, बनी खास याेजना, हरियाणा सहित देशभर में होगा फायदाइसके लिए तर्क यह है कि फल मिलने पर किसान पेड़ की देखभाल करेगा। सफेदे का पेड़ 10 से 15 साल की उम्र में कट जाता है। इस दौरान भी किसानों को अपना हिस्सा लेने के लिए वन विभाग के अधिकारियों के साथ विवाद हो जाता है। किसान पेड़ से होने वाले नुकसान बारे कहता है। आम के पेड़ की कटाई 50 से 60 साल में होगी। इसमें भी पहल किसान की रखी गई है, ताकि कोई तकरार न हो।
योजनाओं के बेहतर रिजल्ट आएंगेवन मंत्री कंवरपाल ने कहा कि कई योजनाएं की तैयारी है। फाइनल होते ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके रिजल्ट भी बेहतर आएंगे। हमारा प्रयास है कि पौधे लगाने के लिए जनजन तक अभियान पहुंचे। इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
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