Panipat: फसल बीमा योजना का नोटिफिकेशन जारी, बीमा कराने के लिए किसानों के पास बचे सिर्फ चार दिन; न करें देरी
Crop Insurance Scheme प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर सरकार ने खरीफ व रबी सीजन 2023-24 को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन में देरी के चलते किसानों के पास फसलों का बीमा कराने के लिए सिर्फ चार दिन ही बचे हैं। ऋणी व गैर ऋणी दोनों श्रेणियों में विकल्प उपलब्ध हैं। इससे पहले करीब डेढ़ माह तक का समय मिलता था।
पानीपत, जागरण संवाददाता। Crop Insurance Scheme: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर सरकार ने खरीफ व रबी सीजन 2023-24 को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन में देरी के चलते किसानों के पास फसलों का बीमा कराने के लिए सिर्फ चार दिन ही बचे हैं क्योंकि अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है, जबकि पहले करीब डेढ़ माह तक का समय मिलता था।
स्कीम में शामिल न होने वाले किसान 31 जुलाई तक दें जानकारी
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि स्कीम ऋणी व गैर ऋणी दोनों श्रेणियों के लिए वैकल्पिक है। ऐसे किसान जिन्होंने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंकों से फसली ऋणी ले रखा है। उनका फसल बीमा संबंधित बैक द्वारा कर दिया जाएगा। जो किसान स्कीम में शामिल नही होना चाहते, वो 31 जुलाई से पहले संबंधित बैंक को लिखित में देना होगा।
उपनिदेशक ने क्या कहा?
उपनिदेशक ने बताया कि गैर ऋणी किसान फसली बीमा कॉमन सर्विस सेंटर या बैंक से करवा सकते है। जिन किसानों ने केसीसी ऋण के दौरान बताई गई फसल से अन्य कोई फसल खेत में लगाई है। तो इसकी सूचना संबंधित बैंक में प्रीमियम काटे जाने की अंतिम तिथि से दो दिन पूर्व लिखित में देना होगा। ताकि बैंक द्वारा किसान की सही फसल का बीमा किया जा सकें। चालू सीजन खरीफ-2023 के लिए चार फसलों को फसल बीमा के लिए नोटिफाई किया गया है। इसमें धान, बाजरा, कपास और मक्का शामिल है।
फसल बीमा योजना के तहत शामिल किए गए तीन जोखिम
सहायक सांख्यिकी अधिकारी हरबंस सिहंमार ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत तीन तरह के जोखिम को शामिल किया गया है। स्थानीय आपदा जैसे औलावृष्टि, जलभराव और बादल फटने की स्थिति में हुए फसल नुकसान के लिए किसानों को 72 घंटे के अन्दर विभागीय कार्यालय में सूचित करना होगा। सर्वे कमेटी में बीमा कंपनी कृषि विभाग के किसान भी एक सदस्य है। यदि किसी किसान को सर्वे पर कोई एतराज है तो उसे छह दिन के अन्दर लिखित एतराज देना होगा।
स्थानीय आपदा सर्वे के लिए आवेदन नहीं होंगे स्वीकार
अधिकारी ने बताया कि जल पोषित फसल जैसे गन्ना व धान के लिए स्थानीय आपदा की स्थिति में व्यक्तिगत स्तर पर सर्वे नही होगा। न ही धान के लिए स्थानीय आपदा सर्वे के आवेदन स्वीकार होगें। सहायक सांख्यिकी अधिकारी ने बताया कि फसल कटाई उपरांत भी यदि फसल को औलावृष्टि, चक्रवातिय वर्षा व बेमौसम बरसात से होने वाले नुकसान का मुआवजा लेने की स्थिति में भी किसान को व्यक्तिगत रूप से आवेदन आपदा के 72 घंटे में करना होगा।
ऐसे रहेगी प्रीमियम व बीमित राशि
फसल -------------बीमित राशि ------------किसान शेयर (प्रति एकड़)
कपास --------------98595 -------------4929.75
धान --------------96371 ------------- 231.29
बाजरा --------------45456 -------------929.12
मक्का --------------49421 ---------------988.42