Panipat Crime: परिवार के छह लोगों को जिंदा जलाया-मासूम की मौत, पीड़िता ने बातचीत में बताया आंखों देखा हाल; दरिंदों को मिले फांसी
Panipat Crime News तीन साल पहले पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कराने की रंजिश में चचेरे भाई ने हथियार के बल पर ताऊ के बेटे के परिवार के छह लोगों को कमरे में बंद कर आग लगा दी। जिसमें एक मासूम की मौत हो गई थी। पीड़ित परिवार की एक बेटी ने दैनिक जागरण से बातचीत में घटना का आंखों देखा हाल बताया।
जागरण संवाददाता, पानीपत। चेहरा झुलसा हुआ। हालत ऐसी कि खुद को देख लें तो सहम जाएं। सांस लेने में दिक्कत हो रही। कुछ और सोचने का प्रयास करते पर बार-बार आंखों के सामने वहीं भयावह तस्वीर आ रही है। जब आग के बीच वो बचाव के लिए बार-बार चिल्लाकर मदद मांग रहे थे।
अब कोई जानकार भी नजदीक जाता है तो डर लग रहा है। ये स्थिति उस पीड़ित परिवार के पांच सदस्यों की है। जिन्हें चाचा ने ही हथियार के बल पर बंधक बनाकर आग में झुलसा दिया। इसमें एक मासूम की जान तक चली गई। पापा काम पर गया हुआ था। बड़ी बहन भी जीजा के साथ घर पर आई हुई थी।
उन्हें वापस लौटना था लेकिन पापा के इंतजार में रुके हुए थे। सर्दी न लगे, सभी घर के अंदर बैठे थे। एक दूसरे से हंसी-मजाक कर रहे थे। चाचा मोनू साथी राहुल व अन्य के साथ आया। पैसे की बात बोलकर मां के साथ गाली-गलौज करने लगा।
हम उनके इरादे को समझ पाते। इससे पहले ही आरोपितों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। आरोपितों ने पिस्तौल व कुल्हाड़ी दिखाकर कमरे में बंद कर दिया और आग लगा दी। हम उनसे छोड़ने की मिन्नतें करते रहे लेकिन आरोपितों ने मारने की धमकी दी और कोई बचाने के लिए न आए।
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ऐसे में बाहर खड़े होकर पहरा देने लगे। इसी बीच कमरे में धुआं इतना हुआ की सांसों की डोर टूटने लगी और सभी बेसुध होकर गिर गए। जब होश आया तो अस्पताल में थे। ऐसे दरिंदों को फांसी से कम कोई सजा नहीं मिलनी चाहिए। -जैसा पीड़ित परिवार की एक बेटी ने दैनिक जागरण को बताया।
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