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Panipat News: यमुनानगर-अंबाला में हुई 17 मौतों के बाद विभाग की खुली नींद, शराब ठेकेदारों पर अब एक्शन की तैयारी

हरियाणा के यमुनानगर और अंबाला में जहरीली मौत से हुई 17 मौतों के बाद जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की नींद खुली है। दरअसल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने शराब-बीयर को भी जांच के दायरे में लिया है। हरियाणा सरकार ने अप्रैल 2018 में आदेश जारी किए थे कि शराब बीयर विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस लेना होगा।

By Vijay Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Sat, 11 Nov 2023 01:43 PM (IST)
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यमुनानगर-अंबाला में हुई 17 मौतों के बाद विभाग की खुली नींद। प्रतीकात्मक फोटो

जागरण संवाददाता, पानीपत। (Haryana News) हरियाणा के यमुनानगर और अंबाला में जहरीली मौत से हुई 17 मौतों के बाद जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की नींद खुली है। अब विभाग शराब और बीयर के नमूने एकत्र करेगा। इस साल में विभाग शराब और बीयर का एक भी सैंपल नहीं ले सका है।

बता दें कि नवंबर-2020 में सनौली के गांव धनसौली में पांच, नंगला पार और राणा माजरा में एक-एक व्यक्ति की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी। सीएम फ्लाइंग दस्ता, आबकारी विभाग की टीम ने उस समय खूब छापामारी और धरपकड़ भी की थी।

शराब, बीयर विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा-औषधि प्रशासन से लाइसेंस लेना जरूरी

दरअसल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने शराब-बीयर को भी जांच के दायरे में लिया है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 की धारा 3 (जे) के तहत अंग्रेजी और देशी शराब सहित बीयर पेय पदार्थ की श्रेणी में आती हैं।

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हरियाणा सरकार ने अप्रैल 2018 में आदेश जारी किए थे कि शराब, बीयर विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस लेना होगा।

लाइसेंस फीस 2000 रुपये है। विभागीय अधिकारी अन्य खाद्य पदार्थों की भांति इन दुकानों से भी शराब के सैंपल लेकर, लैब में टेस्टिंग के लिए भेजेंगे। जिले में अंग्रेजी, देसी शराब और बीयर की लगभग 200 दुकानें हैं।

अधिकांश ठेकेदारों ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस नहीं लिया है। हैरत, विभागीय अधिकारी भी लाइसेंस जांच और सैंपलिंग अभियान तक नहीं चला सके हैं।

पांच लाख रुपये तक जुर्माना

अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ के निर्माण, पैकिंग, बिक्री नियमों का पालन करना जरूरी है। बिना फूड लाइसेंस-रजिस्ट्रेशन के शराब-बीयर निर्माण-बिक्री पर छह माह की साधारण सजा, पांच लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।

बोतल पर निर्माण अवधि, दाम, इथाइल अल्कोहल की मात्रा आदि का स्पष्ट उल्लेख नहीं करने पर तीन लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। शराब में जानलेवा तत्व पाए जाने पर उम्रकैद तक का प्रावधान है।

ये हैं मुख्य नियम

-खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा जारी लाइसेंस नंबर बोर्ड पर लिखा होना चाहिए।

-शराब व बीयर की बोतल पर चस्पा रैपर पर लाइसेंस नंबर लिखा होना चाहिए।

-परिसर को साफ रखना होगा। शराब-बीयर की बोतलें गर्म स्थान पर नहीं रखेंगे।

-बोतल और केन की सील सही स्थिति में हो।

-दुकान का स्टाफ बीमार न हो, निजी स्वच्छता का रखना होगा ध्यान।

सरकार की ओर से तीन साल पहले पत्र मिला था, उसके बाद कोई रिमाइंडर नहीं आया और न रिपोर्ट मांगी गई। विभाग में मैन पावर-संसाधनों की कमी के कारण शराब के सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं। किसी ठेकेदार ने लाइसेंस भी नहीं लिया है। त्योहारों के बाद शराब और बीयर की भी सैंपिलंग कराई जाएगी।

डॉ. जोगेन्द्र सिंह, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी-पानीपत

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