Panipat: छह सदस्यों के शव देख बूढे मां-बाप का बैठा दिल, आस-पड़ोस के लोग भी जनाजे में पहुंचे
पानीपत शहर की परशुराम कालोनी में आग लगने से एक परिवार के छह सदस्य जल कर मर गए। तीन दिन बाद इस मामले में एक वीडियो सामने आया है। हादसा गैस लीक होने से माना जा रहा है। फोरेंसिंक और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही असल कारणों का पता लग पाएगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : अब्दुल करीम और उसके परिवार के सभी छह सदस्यों के शव शनिवार सुबह उसके पैतृक गांव गैसल पहुंचे तो आसपास के गांवों के लोग भी पहुंच गए। बेटे-बहू और चारों पोते-पोतियों के शवों को देखकर अब्दुल के पिता सुलतान और मां बिलख-बिलखकर रोने लगे। बार-बार यही कह रहे थे वे परिवार का पालन पोषण करने के लिए पानीपत गए थे। उनको नहीं पता था वापस उनके शव आएंगे। अल्लाह ने यह क्या कर दिया? उनके रो-रोकर आंसू तक सूख आए थे और शवों से लिपट गए।
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ग्रामीणों और आसपास के ग्रामीणों ने करीम के बूढे मां-बाप और दूसरे सदस्यों को ढांढस बंधाया। रेहान ने बताया कि पानीपत से उत्तर दिनाजपुर-बंगाल के गांव गैसल में सुबह करीब साढ़े आठ बजे पहुंचे। लंबा रास्ता होने के चलते कई बार परेशानी भी आई, लेकिन सबको अपने गांव की मिट्टी देनी थी।
गांव में पहुंचे तो एंबुलेंस को देखकर आसपास के गांवों के लोग भी पहुंच गए। स्थानीय पुलिस की तीन गाड़ियां गांव में पहुंचीं। पुलिस ने लोगों को संभाला। सभी छह सदस्यों के शवों को घर ले जाया गया। पहले शवों को कब्रिस्तान में ले जाना था, लेकिन परिवार के सदस्य और रिश्तेदार शवों को घर लाने की कहने लगे। परिवार के सदस्यों और आसपास के लोगों को संभालना मुश्किल हो गया।
पहले अब्दुल और फिर पत्नी को दी मिट्टी
रेहान ने बताया कि सबको अलग-अलग कब्र में दफनाया गया है। पहले अब्दुल करीम, फिर अफरोजा, उसके बाद चारों बच्चों को उम्र के हिसाब से मिट्टी दी गई। उनके जनाजे में आसपास के काफी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। इसके बाद भी लोगों का आना-जाना रहा।
तीन दिन बाद आगजनी की वीडियो आई सामने
शहर की परशुराम कालोनी में आग लगने से एक ही परिवार के छह लोगों के जिंदा जलने के मामले में तीन दिन बाद एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में लोगों के आग बुझाने के प्रयास का पूरा माजरा देखने को मिल रहा है। लोगों ने आग पर काबू पाने का पूरा प्रयास किया। पास की एक फैक्ट्री से अग्निशामक सिलेंडरों से आग को काबू किया जा सका।
एक युवक ने इस घटना को अपने मोबाइल में कैद किया। वीडियो में आग की भयावहता साफ नजर आ रही है। लोगों ने दरवाजा तोड़कर कमरे में घुसने के लिए काफी मशक्कत की, लेकिन दरवाजे पर कुंडी लगी होने के चलते दाखिल नहीं हो सके। लोगों ने बड़ी मुश्किल से गेट को तोड़ा। गेट खुलते ही मकान से आग का गुबारा बाहर निकला। लोग एक बार तो घबरा गए थे।
बिना थके हारे पहुंचे बंगाल
एंबुलेंस के चालक वीरेंद्र और सहयोगी जितेंद्र ने बताया कि परिवार के साथ भावना जुड़ी हुई थी। वह दोनों एंबुलेंस को लेकर कम से कम समय में गांव पहुंचने के प्रयास में थे। एक जगह एंबुलेंस में भी दिक्कत आई। वे गैसल गांव शनिवार सुबह छह बजे गांव पहुंच जाते, लेकिन स्वजनों ने कुछ देर रुकने को कहा। वे शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे गांव पहुंचे।
यह है मामला
तहसील कैंप की परशुराम कालोनी वीरवार को सुबह करीब साढ़े छह बजे अब्दुल करीम के किराये के कमरे में आग लग गई थी। इसमें अब्दुल करीम, उसकी पत्नी अफरोजा, बड़ी बेटी इशरत खातून (18), छोटी बेटी रेशमा (14), बड़े बेटे अब्दुल शकूर (10) और छोटे बेटे अफान (7) की जलने से मौत हो गई थी। प्राथमिक दृष्टता में आग लगने का कारण गैस लीक होना जाना जा रहा है।
फैक्ट्री से लाए अग्निशामक
जलती आग में कंबल फेंकने, पानी, रेत व मिट्टी डालने के बाद भी उसके नहीं बुझने पर कुछ लोग भागकर पास की एक फैक्ट्री में गए। वहां से दो अग्निशामक सिलेंडर लेकर आए, जिनसे फायर कर आग को काबू किया गया। रसोई गैस के सिलेंडर को कंबल में लपेट कर मकान के बाहर खाली प्लाट में रेत के ढेर पर फेंका गया। उसके बाद आसपास के लोगों ने राहत की सांस ली।
रसोई गैस के लीक होने से आग लगने का अंदेशा
रसोई गैस से को परशुराम कालोनी के एक घर में आग लग गई थी। एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों की पहचान अब्दुल करीम (50), उसकी पत्नी अफरोजा (46), बड़ी बेटी इशरत (18), रेशमा (16), अब्दुल शकूर(10) और अफान (7) के रूप में हुई। पुलिस अधिकारी ने रसोई गैस सिलेंडर के लीक होने से आग लगने की बात कही थी।
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