पीएम मोदी ने जैवलिन थ्रोअर नीरज को दिया सफलता का मंत्र- अपेक्षा के बोझ तले न दबें, शत प्रतिशत दें
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को ओलंपियन खिलाड़ियों से रूबरू हुए। पानीपत के जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को सफलता का मंत्र दिया। उन्हें खेल पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। नीरज स्वीडन से ऑनलाइन जुड़े। वहीं से सीधे टोक्यो ओलंपिक पहुंचेंगे।
विजय गाहल्याण, पानीपत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्टार जेवलिन थ्रोअर खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा के खेल की तारीफ की। उन्हें जीत का मंत्र भी दिया। पीएम ने सलाह दी कि अपेक्षा के बोझ के तले दबने की जरूरत नहीं है। बिना दबाव के शत प्रतिशत दें। सफलता मिलेगी।
नीरज ने प्रधानमंत्री से कहा, कोरोना महामारी काल से जूझते हुए कठिन अभ्यास किया है। देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरी ताकत पदक के लिए लगा दूंगा। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार शाम को टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले देश के स्टार खिलाड़ियों से ऑनलाइन रूबरू हुए। नीरज चोपड़ा स्वीडन से ऑनलाइन जुड़े। वहीं से सीधे टोक्यो ओलंपिक में पहुंचेंगे।
सेना के अनुशासन से ली सीख
नीरज ने कहा कि बचपन से ही सेना का मुरीद रहा हूं। सात साल खेला और खेल कोटे से सेना में नौकरी पा ली। खेल पर ध्यान केंद्रित किया। सेना और सरकार ने खेलने के लिए हर संभव खेल सामग्री उपलब्ध कराई। सेना के अनुशासन से सीख ली और यही जीत दिलाने में कारगर भी हुई।
प्रधानमंत्री : चोटिल हुए, फिर भी आपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया
नीरज ने कहा कि चोट खेल का हिस्सा है। चोट लगने की वजह से एक साल खेले के मैदान से दूर रहा। 2019 में विश्व चैंपियनशिप और एशियन चैंपियनशिप के लिए कड़ा अभ्यास किया। कोरोना के कारण एक साल खराब हो गया। चोट से पार पाया और जेवलिन थ्रो का नेशनल रिकार्ड बना दिया।
प्रधानमंत्री : आपके माता-पिता को प्रणाम
नीरज के पिता सतीश चोपड़ा और मां सरोज से भी पीएम मोदी मुखातिब हुए। पीएम ने उन्हें प्रणाम किया। सतीश चोपड़ा ने जागरण से बातचीत में कहा कि गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री ने बेटे की तारीफ की और उनसे भी रूबरू हुए। बेटा एक साल में तीन बार ही घर आया है। सारा ध्यान ओलंपिक की तैयारी में लगाया है। उम्मीद है कि बेटा देश के लिए पदक जीतेगा।
पीएम मोदी से ऑनलाइन रूबरू होते नीरज चोपड़ा के पिता सतीश (बीच में), मां सरोज (बायें) और अन्य स्वजन।
नीरज के बारे में अहम बातें
- 24 दिसंबर 1999 को नीरज का जन्म मतलौडा के खंडरा गांव में किसान सतीश कुमार के घर हुआ। मां सरोज देवी गृहिणी हैं। 17 सदस्यीय संयुक्त परिवार है।
- 12 वर्ष के नीरज का वजन करीब 80 किलो था।
- 2011 में चाचा सुरेंद्र उन्हें पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में ले गए। सीनियर एथलीट जितेंद्र जागलान उर्फ जीतू ने नीरज कड़ा अभ्यास कर 20 किलो वजन घटवाया। जयवीर उर्फ वीरू ने जेवलिन थ्रो करना सीखाया।
- पिता ने सात हजार रुपये की पहली जैवलिन दिलाई थी।
नीरज के रिकॉर्ड
- वर्ष 2012 में अंडर-16 जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रिकॉर्ड।
- 2014 में अंडर 18 नेशनल यूथ एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नेशनल रिकॉर्ड।
- 2015 में अंडर-20 फेडरेशन कप जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में न्यू मीट रिकॉर्ड।
- 2016 में साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक के साथ इंडिया रिकॉर्ड की बराबरी।
- 20121 में फेडरेशन कप में इंडिया रिकॉर्ड बनाया।
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