जिस ब्लीच हाउस से जुड़ी तीन बच्चों की मौत की कहानी, अब हुआ सील
तीन बच्चों की हत्या के मामला जिस बिंझौल की ब्लीच हाउस से जुड़ा है आखिरकार उसे सील कर दिया गया। बिझौंल में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने इसे सील कर दिया।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Thu, 16 Jul 2020 09:26 AM (IST)
पानीपत, जेएनएन। बिझौंल गांव में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम पहुंची। टीम ने हरिओम गुप्ता के ब्लीच हाउस का निरीक्षण किया। ब्लीच हाउस बंद मिला। जरनेटर भी नहीं मिला। जिस ट््यूबवेल से भूजल लिया जा रहा था, उसे टीम ने सील कर दिया। पिछले दिनों यह ब्लीच हाउस तीन बच्चों की मौत के कारण चर्चा में आया था। ब्लीच हाउस से तीन बच्चे पतंग की डोरी लेने गए। बाद में तीनों बिझौंल नहर में मिले थे। ब्लीच हाउस के कर्मचारियों पर हत्या का आरोप लगाया गया था। तीन बच्चों की मौत का मामले की जांच एसआइटी कर रही है।
ब्लीच हाउस को बोर्ड की टीम पहले ही सील कर चुकी थी। उसके बाद भी ब्लीच हाउस चल रहा था। दोबारा से इस ब्लीच हाउस की जांच के लिए एसडीओ प्रदीप के नेतृत्व में टीम पहुंची। ब्लीच हाउस में पानी भरा मिला। वहां कोई मशीनरी नहीं मिली। ट््यूबवेल को सील कर दिया गया है। बिना बिजली कनेक्शन के जरनेटर से ब्लीच हाउस चलाया जा रहा था। वहां जरनेटर भी नहीं मिला।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि ब्लीच हाउस की जांच करवाई गई है। वहां पानी भरा हुआ मिला। जरनेटर भी नहीं था। ब्लीच हाउस में जिस ट्यूबवेल से पानी लिया जा रहा था उसे सील कर दिया गया है।
ये था मामलाआठ जुलाई को बिंझौल का दस वर्षीय वंश, लक्ष्य और 13 वर्षीय अरुण के शव रजवाहे में मिले। परिवार वालों ने बताया कि छह बच्चे एक दिन पहले शाम को सभी बच्चे गांव के पास डाई हाउस से पतंग की डोर लेने गए थे। आरोप है कि वहां पर डाई हाउस के कर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। तीन बच्चे तो भाग आए थे, जबकि तीन को पकड़ लिया गया। उन्हें पीटा गया और उसके बाद रजवाहे में फेंक दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने सिविल अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया था।
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