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Panipat: गर्भ में पल रहे बच्चे को कोख से खींच ले गई मौत, पांच साल की बेटी के साथ ट्रेन की चपेट में आई गर्भवती महिला

शनिवार को दीवाली का खरीदारी कर घर लौट रही गर्भवती महिला की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। उसके साथ उसकी पांच वर्षीय मासूम बच्ची और कोख में पल रहे गृभस्थ शिशु को मौत ने लील लिया। हादसे के वक्त महिला को न तो ट्रेन का तेज हार्न सुनाई दिया और न ही लोगों की चीख-पुकार। मृतक 34 वर्षीय महिला आठ महीने से ज्यादा की गर्भवती थी।

By Ram kumarEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sun, 12 Nov 2023 05:55 PM (IST)
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पांच साल की बेटी के साथ ट्रेन की चपेट में आई गर्भवती महिला

रामकुमार कौशिक, पानीपत। Pregnant Women Death By Train Hitting In Panipat: दीवाली का खरीदारी कर घर लौट रही महिला से उसकी पांच वर्षीय मासूम बच्ची के साथ कोख में पल रहे गृभस्थ शिशु को मौत ने लील लिया। यह एक कालचक्र ही था, जिसमें महिला को न तो ट्रेन का तेज हॉर्न सुनाई दिया और न ही लोगों की चीख-पुकार।

वह बच्ची का हाथ पकड़ बंद फाटक के नीचे से निकल गई। चार कदम ही रखे थे कि ट्रेन की चपेट में आ गई। 34 वर्षीय महिला आठ महीने से ज्यादा की गर्भवती थी।

ये कैसी इंसानियत, शव रखवाने के लिए कोई सहयोगी नहीं

शनिवार को आजाद नगर स्थित फाटक नंबर 51 पर क्रॉसिंग के दौरान महिला व उसकी पांच साल की बेटी और कोख से निकलने बच्चे की मौत हो गई। ट्रेन की टक्कर पर बच्ची उछलकर दूर जा गिरी। महिला की साड़ी ट्रेन में फंसने के कारण वह करीब 500 मीटर तक घसीटती चली गई।

ऐसे में कोख फटने पर बाहर आए शिशु की भी खोपड़ी फटने पर मौत हो गई। छह बजकर 18 मिनट पर जीआरपी को सूचना मिली तो एसआई जसबीर सिंह साथी कर्मी संग मौके पर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद तीनों के कटे शवों को ट्रैक से उठवाया गया। कागजी कार्रवाई के बाद लोगों से शव उठवा टैंपो में रखवाने का सहयोग मांगा तो सभी ना करके भागते दिखे।

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फाटक पर चल रहा है अंडरपास का निर्माण

राज नगर फाटक नंबर 51 पर न केवल अनाज व सब्जी मंडी से जोड़ती है, बल्कि जीटी रोड पर रोहतक पानीपत हाईवे से भी जोड़ती है। ऐसे में यहां लोगों का दिन-रात आवागमन रहता है। इसी को देखते हुए रेलवे की ओर से अंडरपास बनवाया जा रहा है। काम लंबे समय से बंद है। लोगों का कहना है कि रेलवे जल्द से जल्द काम को पूरा कराए, ताकि ऐसे हादसे न हो।

लोग आवाज लगा रहे थे, मैं समझ नहीं पाया- गेटमैन

फाटक पर तैनात गेटमैन अनुज ने बताया कि फाटक बंद करने के बाद मेरा ध्यान गाड़ी की तरफ था। क्योंकि हर पहिया ध्यान से देखना होता है। तभी कुछ लोग आवाज लगाते सुनाई दिए। गाड़ी का चालक भी बार बार हार्न दे रहा था। लेकिन मैं मामले को समझ नहीं पाया और ट्रेन निकलने पर ही पता चला की ये दर्दनाक हादसा हो गया। गेटमैन ने ये बताया हालात ये हैं कि लोग बार बार टोकने पर भी नहीं रुकते हैं।

हादसे के बाद भी क्रॉस करते रहे लोग

दर्दनाक हादसे की सूचना के बाद जीआरपी कर्मी मौके पर पहुंचे। वो कागजी कार्रवाई के साथ मृतक महिला व बच्ची की शिनाख्त के प्रयास में लगे थे। दूसरी ओर, लोग घटना से अवगत होने के बावजूद भी बंद फाटक के नीचे से पैदल निकलने के साथ बाइक व एक्टिवा को लेकर निकलने से बाज नहीं आ रहे थे।

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