रेलवे का एक के बाद एक बदलाव, अब DRM बनने के लिए आयु सीमा हटाने की तैयारी, महाप्रबंधकों की नियुक्ति लिस्ट का इंतजार
रेलवे में व्यवस्थाओं सुधार लाने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने परंपराओं में बदलाव कर रहे हैं। डीआरएम 52 वर्ष या इससे कम आयु के भी बन सकते हैं। कई जोन में महाप्रबंधकों के पद खाली है। नए अधिकारियों की तैनाती के लिए भी कागजी प्रक्रिया चल रही है।
By Deepak BehalEdited By: Naveen DalalUpdated: Thu, 29 Sep 2022 08:30 PM (IST)
अंबाला, दीपक बहल। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेलवे में सुधार लाने के लिए एक के बाद एक व्यवस्थाओं में बदलाव कर रहे हैं। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) की कुर्सी पर विराजमान होने के लिए 52 वर्ष या इससे कम उम्र के अधिकारी का ही नंबर आता था। ऐसे में बेदाग अधिकारी भी यदि आयु सीमा से अधिक हो जाते थे, तो वे डीआरएम नहीं बन पाते थे। बात यही तक नहीं, यदि डीआरएम नहीं बन पाते, तो आगे महाप्रबंधक भी नहीं बन पाते थे, जबकि इसके लिए डीआरएम होना जरूरी था।
ACC का इंतजार हालांकि इससे पहले रेल मंत्री ने महाप्रबंधक पद के लिए डीआरएम की शर्त को हटा दिया था। अब डीआरएम की आयु सीमा को लेकर जो पाबंदी है, उसे हटाने की तैयारी चल रही है। दूसरी ओर कई जोन में महाप्रबंधक के पद खाली हैं और दूसरे अधिकारी को जिम्मा दे रखा है। ऐसे में महाप्रबंधक के पदों पर भी जल्द ही नियुक्ति होने जा रही है। इसको लेकर रेल मंत्रालय की ओर से प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है, जबकि अप्वाइंटमेंट कमेटी आफ केबिनेट (एसीसी) का इंतजार है।
डीआरएम पद के लिए कोटा निर्धारितदेश भर में करीब 64 मंडल हैं। एक डीआरएम के अधिकार क्षेत्र में कई राज्यों की सीमा आ जाती है। रेलवे में पद काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पद पर नियुक्ति के लिए रेलवे ने 52 वर्ष या इससे कम आयु की शर्त ही तय कर रखी है। इसके अलावा डीआरएम पद के लिए कोटा निर्धारित किया है। इस कोटे के अनुसार रेलवे में ट्रैफिक सर्विस में 14 अधिकारी ही डीआरएम रह सकते हैं। इसी तरह इंजीनियरिंग में 14, मैकेनिकल में 14, इलेक्ट्रिकल में 12, सिग्नल एवं टेलीकाम (एस एंड टी) छह, अकाउंट में चार, पर्सनल में दो और स्टोर में दो का कोटा है।
इस पालिसी में कभी भी बदलाव किया जा सकता है। उम्र के साथ-साथ कोटा सिस्टम यानी कि विभागों में डीआरएम पद को लेकर बंटवारा किया है, उसमें भी बदलाव के संकेत हैं। सूत्रों काकहना है कि रेल मंत्रालय की ओर से इसको लेकर कागजी कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। हालांकि अभी एसीसी की अप्रूवल नहीं भेजी है। इसलिए इसको लेकर अधिकारी अभी कुछ भी आधिकारिक रूप से बताने को तैयार नहीं हैं।हालांकि इस पालिसी में बदलाव होने से कई अधिकारियों को बड़ी राहत मिलेगी। पैनल में देरी हो जाना या फिर मंडलों के डीआरएम का एक्सटेंशन किसी भी कारण से बढ़ा देना दूसरे अधिकारियों के लिए आफत बन जाता था, क्योंकि मंडल में अधिकारी का कार्यकाल तो बढ़ जाता था, लेकिन जो अधिकारी 52 साल की आयु के पैनल में होते थे, उनकी आयु बढ़ जाती थी। ऐसे में महाप्रबंधक नहीं बन सकते।
पहले जीएम और मेंबर में किया था बदलावइससे पहले महाप्रबंधक (जीएम) बनने के लिए मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) होने की शर्त हटा दी थी। महाप्रबंधक बनने के लिए डीआरएम पद पर होना अनिवार्य था, लेकिन अब इस पालिसी में बदलाव किया गया है। इसी तरह रेलवे बोर्ड में मेंबर बनने वाली पालिसी में भी बदलाव किया जा चुका है। पहले जो अधिकारी अपनी उम्र के चलते या फिर अन्य कारण से डीआरएम नहीं बन पाते थे, तो उनको जीएम की कुर्सी पर बैठने का मौका नहीं मिलता था।
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