Haryana Agro Mall: करनाल व पानीपत के एग्रो माल बेचने की तैयारी, नवंबर में होगी आक्शन
करनाल और पानीपत के एग्रो माल बेचने की तैयारी है। वर्ष 2013-14 में तैयार हुए थे एग्रो माल उसके बाद से तय नहीं हो पाया था एग्रो माल का भविष्य आखिरकार हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने बेचने का लिया फैसला।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Sat, 23 Oct 2021 05:09 PM (IST)
करनाल, जागरण संवाददाता। वर्ष 2014 से एग्रो माल का कोई भविष्य तय नहीं हो पाया। कई बार प्लानिंग तो बनी, लेकिन वह सिरे नहीं चढ़ी। करनाल के एग्रो माल को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाने पर मंथन हुआ, लेकिन वह भी किन्हीं कारणों से सिरे नहीं चढ़ पाया। अब आखिरकार सरकार ने करनाल व पानीपत के दोनों एग्रो माल को बेचने का निर्णय लिया है। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक नवंबर माह में दोनों एग्रो माल की आक्शन होगी। इससे पहले सभी प्रकार किया कागजी प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कृषि और बागवानी उत्पादन के लिए आधुनिक बाजार की स्थापना कर एक कुशल विपणन बुनियादी ढांचा तैयार करने के उद्देश्य से यह तैयार किए थे। यह योजना सिरे नहीं चढ़ी। करनाल, पानीपत, रोहतक व पंचकुला में करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इन माल का भविष्य वर्ष 2014 से अब तक तय नहीं हो पाया। कुछ समय पहले एग्रो माल को संचालित करने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों से टाईअप कर इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की योजना बन रही थी। लेकिन सफल नहीं हो पाए। अब इन दोनों माल को बेचने का निर्णय लिया है। चंडीगढ़ से सीएफए के साथ आई टीम ने इसका निरीक्षण किया है।
15 हजार 694 वर्ग मीटर क्षेत्र में बना है करनाल का एग्रो माल
किसानों के लिए बनाया वातानुकूलित एग्रो माल नई अनाज मंडी परिसर में हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल द्वारा 15 हजार 694 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाकर तैयार किया गया है। एग्रो माल में एक बेसमेंट व चार फ्लोर बनाए गए हैं। एग्रो माल के ग्राउंड फ्लोर पर 86 दुकानें बनाई गई हैं। दो फ्लोरों को ओपन रखा गया है। इसमें कोई दुकानें नहीं बनाई गई हैं। एग्रो माल के टाप फ्लोर पर 46 आफिस भी बनाए गए हैं। 47 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत से इस निर्माण कराया गया है।
1969 में बनाई गई योजना
कृषि और बागवानी उत्पादन के लिए आधुनिक बाजार की स्थापना करके एक मजबूत और कुशल विपणन बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए एक उद्देश्य के साथ अगस्त 1969 में विशेष योजना तैयार की गई थी। जिसका प्राथमिक उद्देश्य कृषि उपज की खरीद, बिक्री, भंडारण और प्रसंस्करण के बेहतर नियमन के लिए एक विपणन बुनियादी ढांचा तैयार करना था। एग्रो माल का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में शुद्ध आय में वृद्धि और कुशल और ज्ञान आधारित विपणन प्रणालियों और सेवाओं की स्थापना करना भी था। ताकि एक प्रगतिशील किसान को आगे बढ़ने का मौका मिले। एग्रो माल में कुशल विपणन सेवाओं को निर्धारित करना, किसानों को एक ही छत के नीचे सुविधाएं उपलब्ध कराना, उनके लिए बीज, खाद व दवा की दुकानें खोलना, कृषि उपकरणों की बिक्री करना तथा विशेष उत्पादों की बिक्री की अनुमति देना था। यहीं पर बैठकर किसानों के लिए सेमिनार कराए जाने थे। हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड द्वारा घर-घर जाकर सब्जी बेचने की परियोजना शुरू की जानी थी। इन सब्जियों को किसान माल तक लेकर आते। फिर यहीं से सब्जियों व फलों की बिक्री होती। मगर ऐसा हो नहीं पाया है।
करनाल व पानीपत के एग्रो माल की ई-आक्शन होगी। सरकार के निर्देश पर नवंबर माह में आक्शन का काम पूरा हो जाएगा। रोहतक में माल के अंदर कुछ दुकानों को बेचा गया है। करनाल एग्रो माल को लेकर यहां के अधिकारियों से डिटेल में बातचीत भी की है। अब सरकार के निर्देश को पूरा किया जाएगा।राजेश सांगवान, कंट्रोल आफ फाइनेंस एकाउंट, चंडीगढ़।
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