हरियाणा में खादी को प्रोत्साहन, खादी ग्रामोद्योग विभाग बांट रहा चरखा, जानिए कैसे मिल सकता है
खादी को प्रोत्साहन और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए खादी ग्रामोद्योग विभाग ने पहल की है। खादी ग्रामोद्योग विभाग की ओर से कारीगरों के समूह में एक एनएमसी चरखा दे रहा। इससे नया व्यापार मिलने के साथ उत्पादन भी बढ़ सके।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 11:21 AM (IST)
अंबाला, जागरण संवाददाता। हाथों से काटे गए सूत और उससे तैयार होने वाले खादी के कपड़ों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार का खास फोकस है। अब शहर से लेकर गांव गांव में खादी उत्पादन को बढ़ावा देने को खादी ग्रामोद्योग ने करीगरों को हाथ से चलने वाले चरखे के अलावा तकुआ एनएमसी चरखा का वितरण शुरू कर दिया है। एनएमसी चरखा करीगरों के समूह में एक दिया जा रहा है। इससे पोली, सूती और ऊनी खादी का उत्पादन हो रहा है। इस कार्य में अंबाला सहित राज्य के 35 हजार से अधिक कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से जुटे हैं। गरीबी रेखा के नीचे वाले कारीगरों को स्वयं की कार्यशाला बनाने के लिए 60 हजार रुपए की सहायता सरकार कर रही है। संस्थाओं को परंपरागत चरखों के स्थान पर 8 ताकुआ एनएमसी चरखे और सोलर चरखे भी दिए जा चुके हैं।
खादी बनाने में जुटे कारीगरों के बच्चों को मिलेगी छात्रवृत्तिखादी के कपड़े तैयार करने में जुटे करीगरों के बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए सरकार की तरफ से अलग से छात्रवृत्ति दिए जाने की घोषणा की गई है। यह छात्रवृत्ति करीगरों की आम आदमी बीमा योजना के तहत दी जा रही है। इसके अलावा खादी संस्थाओं में काम करने वाले करीगरों को अटल पेंशन योजना, जीवन ज्योत बीमा योजना और सुरक्षा बीमा योजना का लाभ भी दिया जा रहा है।
कार्य बढ़ाने के लिए भी सरकारी मददपहले से खादी संस्थाओं को अपना कार्य और वृहद रूप से बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से खास मदद की जा रही है। इसमें नए चरखे, नए करघे, नई मशीन, नए कंप्युटर के साथ भंडारण की व्यवस्था के लिए वित्तीय सहायता की जा रही है। सरकार की यह व्यवस्था राज्य के 22 खादी संस्थाओं के लिए विशेष तौर पर दी जा रही है।
खादी को अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनाने की कवायद
खादी ग्रामोद्योग के डायरेक्टर आई जौहर ने बताया कि प्रधानमंत्री की तरफ से खादी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाठन पर देश भर के 75 रेलवे स्टेशनों पर खादी से बने कपड़ों का स्टाल लगाया गया है। इससे लोगों को खादी के बारे में अधिक अधिक जानकारी हो सके।
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