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Panipat Crime: सेबी का फर्जी अधिकारी बनकर ट्रेडिंग कंपनी में मारी रेड, दो गिरफ्तार

हरियाणा के पानीपत में एक ट्रेडिंग कंपनी में सेबी के फर्जी अधिकारी बनकर रुपये मांगने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए दोनों आरोपी ग्रेटर नोएडा और सोनीपत के रहने वाले हैं। 16 मई की देर शाम करीब छह बजे दो अज्ञात युवक ऑफिस में आए। साथ ही कंपनी में धांधली के आरोप लगाते हुए 20 लाख रुपये की मांग कर दी।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 19 May 2024 11:22 AM (IST)
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सेबी का फर्जी अधिकारी बनकर ट्रेडिंग कंपनी में मारी रेड, दो गिरफ्तार।
जागरण संवाददाता, पानीपत। सीआईए-3 ने भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) का फर्जी अधिकारी बन ट्रेडिंग कंपनी में रेड कर रिकॉर्ड में कमी बताकर रुपये की मांग करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया। आरोपितों की पहचान ग्रेटर नोएडा के मयंक व सोनीपत के गांव अगवानपुर निवासी अनिल के रूप में हुई।

सीआईए-3 प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का मास्टर माइंड मयंक है। मयंक आईबी, सीडीएस के अतिरिक्त आईटीबीपी का असिस्टेंट कमांडेंट का एग्जाम पास कर चुका है। मेडिकल में अनफिट होने के कारण उसका चयन नहीं हो पाया तो उसने नोएडा यूपी में स्टाक मार्केट की फर्म खोल अपना बिजनेस शुरू किया। मयंक की फरवरी 2024 में अनिल से इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई। अनिल भी ट्रेडिंग का काम करता है।

20 लाख रुपये की मांग की

इंस्पेक्टर दीपक ने बताया कि थाना चांदनी बाग में न्यू गीता कालोनी के मुनीष ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि संजय चौक पर उसकी ट्रेडिंग कंपनी है। 16 मई की देर शाम करीब छह बजे दो अज्ञात युवक ऑफिस में आए। एक ने अपना नाम मयंक बता खुद को पीएमओ से सेबी अधिकारी व साथ वाले का नाम एएआई अनिल कुमार बता उसको हरियाणा पुलिस से पीएसओ बताया। कहा कंपनी में धांधली चली हुई है। अनिल ने कहा साहब आपकी कंपनी से संतुष्ट नहीं है। यह बात बोल मयंक उसको साइड में ले गया और 20 लाख रुपये मांगे।

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करनाल सेमिनार में हुए शामिल, फिर रचा षडयंत्र

दोनों आरोपित अप्रैल में करनाल में आयोजित ट्रेडिंग कंपनी के सेमिनार में आए थे। जहां उन्होंने ट्रेडिंग कंपनियों की जानकारी जुटाई। दोनों आरोपितों ने मिल फर्जी सेबी अधिकारी बन साजिश रच ट्रेडिंग कंपनियों पर दबिश दे वसूली व ठगी की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। मयंक को भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) शक्तियों के बारे में जानकारी थी।

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