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ट्रेन को बेपटरी होने से बचाने को लाल झंडी ले दौड़ा रेलकर्मी, डेढ़ घंटा खड़ी रही सुपरफास्ट एक्सप्रेस

हरियाणा के अंबाला के पास बड़ा रेल हादसा टल गया और एक ट्रेन बेपटरी होने से बच गई। एक रेलकर्मी ट्रैक को क्षतिग्रस्‍त देख लाल झंडी लेकर दौड़ा। ट्रेन उखड़े ट्रैक से ठीक पहले रुकी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 12 Sep 2020 09:22 AM (IST)
ट्रेन को बेपटरी होने से बचाने को लाल झंडी ले दौड़ा रेलकर्मी, डेढ़ घंटा खड़ी रही सुपरफास्ट एक्सप्रेस
अंबाला, जेएनएन। एक रेलकर्मी के साहस और सूझबूझ से यहां एक बड़ा रेल हादसा होने से बच गया और ट्रेन पटरी से उतरने से बच गई। अंबाला छावनी स्‍टेशन से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर रेल ट्रैक क्षतिग्रस्‍त हो गया था और पटरी उखड़ गई थी। रेलकर्मी की उस पर नजर पड़ गई और तभी उसने पंजाब की ओर से आ रही मालगाड़ी को रोकने के लिए लालझंडी लेकर ट्रैक पर दौड़ लगा दी। इसके बाद ट्रेन उखड़ी पटरी से ठीक पहले रुक सकी।

यह मालगाड़ी पंजाब से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की ओर जा रही थी। अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन से करीब 15 किलोमीटर दूर कर्मचारी केसरी से बराड़ा के बीच पटरी पर काम कर रहे थे, जिसके चलते रेलवे ट्रैक अनसेफ हो गया। उधर, अंबाला छावनी से सहारनपुर की ओर जाने वाली मालगाड़ी आती दिखी, तो एक रेल कर्मचारी ट्रेन को रोकने के लिए लाल झंडी लेकर ट्रेन की ओर दौड़ पड़ा। अनसेफ पटरी से बीस मीटर पहले ही चालक ने सतर्कता बरतते हुए मालगाड़ी को रोक लिया अन्यथा हादसा हो सकता था। इस मामले में दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर तीन अफसरों की जांच कमेटी बना दी गई है।

इस लापरवाही के चलते पंजाब के अमृतसर से पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी जाने वाली स्पेशल सुपरफास्ट ट्रेन केसरी स्टेशन पर करीब डेढ़ घंटा खड़ी रही। यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रेल अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि बिना ब्लॉक लिए ही अधिकारी पटरी पर काम करवा रहे थे।

हुआ यूं कि केसरी से बराड़ा के बीच रेल पटरी पर लगे स्लीपर के नीचे प्लास्टिक के पैड को बदलने की प्रक्रिया चल रही थी। रोजाना दो-दो घंटे का कर्मचारी ब्लॉक लेते थे और काम शुरू कर देते थे।

इस ब्लॉक के बीच में कोई भी रेलगाड़ी आने के लिए ग्रीन सिग्नल नहीं दिया जाता। शुक्रवार को इसी ट्रैक पर काम शुरू कर दिया, लेकिन रेल अधिकारियों ने कोई ब्लॉक नहीं लिया। स्लीपर के नीचे प्लास्टिक के पैड बदलने का काम चल रहा था, लेकिन मानवीय भूल के चलते ट्रैक अनसेफ हो गया। हालांकि ट्रेन पर ग्रीन सिग्नल होने के कारण मालगाड़ी की स्पीड ठीक थी, जिसके चलते रोकने के लिए भी चालक को रिस्क लेना पड़ा।

बीस मीटर गाड़ी और आगे चली जाती, तो मालगाड़ी पटरी से नीचे उतर जाती। रेलवे ट्रैक को दुरुस्त किया गया, जिसके बाद मालगाड़ी को धीरे से रवाना किया गया। सूचना मिलते ही रेलवे के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और जूनियर इंजीनियर और सीनियर सेक्शन इंजीनियर को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। तीन अधिकारियों की कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद इस पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठेगा।

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जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार : डीआरएम

डीआरएम जीएम सिंह ने कहा कि इस मामले में तीन अधिकारियों की कमेटी बना दी गई है। यह कमेटी रिपोर्ट सौंपेगी। दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

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