5470 करोड़ का लक्ष्य हासिल करने को रेलवे हरियाणा सहित देशभर में पटरी पर उतारेगा और ट्रेनें
Railways रेलवे 5470 कराेड़ रुपये की आय का लक्ष्य मार्च के अंत तक पूरा करने के लिए सक्रिय हाे गया है। इसके लिए वह हरियाणा और पंजाब सहित पूरे देशभर में और ट्रेनोे को उतारने की तैयारी कर रहा है।
अंबाला, [दीपक बहल]। कोरोना काल में किराया बढ़ाकर कम ट्रेनों में ही घाटे से उबरने की रेलवे ने योजना तैयार की है। 5470 करोड़ रुपये का लक्ष्य मार्च 2021 तक पूरा करना है, जिसके लिए और स्पेशल ट्रेनें पटरी पर उतारी जा सकती हैं। वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में यात्रियों से मिलने वाले किराये में 78 फीसद कमी आई है। ट्रेनों में भीड़ न बढ़े, इसलिए पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दे किराया बढ़ाकर पटरी पर उतारा जा चुका है। अब रेल मंत्रालय ने देश भर के किस जोन में कितना लक्ष्य बचा है, इसकी सूची जारी की है।
कम ट्रेनों में अधिक किराये से आमदनी करना चाह रहा है रेलवे, भीड़ से बचकर आवश्यक यात्रा ही करें यात्री
उत्तर रेलवे में अंबाला, दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद और फिरोजपुर मंडल आता है। इन पांचों मंडल में 630 करोड़ रुपये का लक्ष्य रह गया है, जिसे 31 मार्च तक पूरा करना है। सबसे अधिक लक्ष्य सेंट्रल रेलवे को पूरा करना है, जो 915 करोड़ है, जबकि सबसे कम मेट्रो 38 करोड़ तथा दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे की 78 करोड़ रुपये है।
रेल मंत्रालय ने देश के सभी जोन के लक्ष्यों को निर्धारित कर जारी किए आंकड़े
इसी प्रकार पूर्वी रेलवे 196 करोड़, मध्य पूर्व रेलवे 316 करोड़, ईस्ट कोस्ट रेलवे 276 करोड़, उत्तर रेलवे 630 करोड़, उत्तर मध्य रेलवे 562 करोड़, उत्तर पूर्व रेलवे 362 करोड़, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 156 करोड़, उत्तर पश्मिच रेलवे 147 करोड़, दक्षिण रेलवे 224 करोड़, दक्षिण मध्य रेलवे 388 करोड़, दक्षिण पूर्व रेलवे 167 करोड़, दक्षिण पश्चिम रेलवे 153 करोड़, पश्चिम रेलवे 404 करोड़ और पश्चिम मध्य रेलवे 451 करोड़ का बचा हुआ लक्ष्य पूरा करना है।
हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों तक फैले अंबाला रेल मंडल ने तय लक्ष्य से 104 प्रतिशत अधिक आय की है। अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक 33.68 करोड़ रुपये का लक्ष्य था, जबकि रेलवे ने 68.31 करोड़ आय कर ली, जबकि कोरोना से पहले की बात करें, अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 तक 572.31 करोड़ की आमदनी हुई थी। इस तरह 88.07 करोड़ का घाटा हुआ है।
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- इस तरह से समझें रेलवे की आमदनी
- जोन 1 अप्रैल 2019 से दिसंबर 2019 1 अप्रैल 2020 से दिसंबर
- सेंट्रल रेलवे 4357 672
- पूर्वी रेलवे 1832 280
- पूर्व मध्य रेलवे 1961 586
- ईस्ट कोस्ट रेलवे 1172 155
- उत्तर रेलवे 4891 665
- उत्तर मध्य रेलवे 3758 1112
- पूर्वोत्तर रेलवे 1315 353
- पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 1028 223
- उत्तर पश्चिम रेलवे 1620 175
- दक्षिणी रेलवे 3607 303
- दक्षिण मध्य रेलवे 4125 545
- दक्षिण पूर्व रेलवे 1283 197
- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 897 107
- दक्षिण पश्चिम रेलवे 1241 137
- वेस्टर्न रेलवे 3610 477
- पश्चिम मध्य रेलवे 2631 718
- मेट्रो 160 13
- आईआर 39487 6718
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रेलवे जोन 1 अप्रैल 2019 से जनवरी 2020 जनवरी 2021
- सेंट्रल रेलवे 4937 991
- पूर्वी रेलवे 2045 428
- पूर्व मध्य रेलवे 2176 751
- ईस्ट कोस्ट रेलवे 1313 230
- उत्तर रेलवे 5535 997
- उत्तर मध्य रेलवे 4190 1425
- पूर्वोत्तर रेलवे 1450 439
- पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 1164 296
- उत्तर पश्चिम रेलवे 1800 271
- दक्षिणी रेलवे 4042 510
- दक्षिण मध्य रेलवे 4604 801
- दक्षिण पूर्व रेलवे 1428 293
- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 998 163
- दक्षिण पश्चिम रेलवे 1392 206
- वेस्टर्न रेलवे 4048 725
- पश्चिम मध्य रेलवे 2964 975
- मेट्रो 183 20
- आईआर 44279 9529
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आवश्यक यात्रा के लिए चलाई जा रही हैं ट्रेनें : गंगल
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कहा कि कोरोना महामारी में यात्री बस से लंबी दूरी का सफर नहीं कर सकते, इसलिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेनों में भीड़ न हो इसलिए पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा देकर चलाया गया है और उनमें किराया मेल एक्सप्रेस का ही लिया जा रहा है। रेलवे का उद्देश्य है कि आवश्यक कार्य के चलते ही लोग यात्रा करें।