इन प्रोफेसर साहब को लोग कहते ग्रीनमैन, इनका अलग अंदाज, मुहिम के सब मुरीद
यमुनानगर में रिटायर्ड प्रोफेसर एवं हरियाणा एनवायमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष सोहनलाल सैनी को अब लोग ग्रीनमैन के नाम से जानते हैं। उन्होंने यमुनानगर कुरुक्षेत्र में पौधे लगाने को लेकर मुहिम चला रखी है। दावा है कि करीब तीन लाख पौधे अब तक लगाए गए।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Mon, 04 Jan 2021 10:01 AM (IST)
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। जैसे वंश को कायम रखने के लिए बच्चों की जरूरत है, उसी प्रकार वातावरण को स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए पेड़-पौधों की आवश्यकता होती है। इसलिए बच्चे हर एक जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं रिटायर्ड प्रोफेसर एवं हरियाणा एनवायमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष सोहनलाल सैनी का। अब तक यमुनानगर व कुरुक्षेत्र जिला में तीन लाख पौधे लगाकर पर्यावरण को हराभरा कर चुके हैं। जिस कारण लोग उन्हें अब ग्रीनमैन के नाम से बुलाते हैं। परंतु अब जिस तरह से शहरी क्षेत्र में एक के बाद एक हरे पेड़ कट रहे हैं उससे सैनी काफी दुखी हैं। वह कई बार पेड़ काटने वालों पर केस दर्ज करने की मांग कर चुके हैं लेकिन हर कोई टाल जाता है।
सोहनलाल सैनी।
शहर के सेक्टर-15 निवासी गणित के प्रो. सैनी के अनुसार प्रकृति के बदलते स्वरूप को लेकर हर कोई चिंतित है। अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर ही अपने खोए हुए स्वरूप को पुन: प्राप्त कर सकती है। पेड़ बचाने की मुहिम में वे 20 वर्षों में किन्नर समाज सहित 10 हजार से ज्यादा लोगों को जोड़ चुके हैं। हाल में उन्होंने एक केक, एक पेड़ की मुहिम चला कर पूरे शहर को प्रेरित किया है। उनकी इस मुहिम से हजारों परिवार जुड़े और एक-एक पेड़ रोपा। ग्रीनमैन ने लोगों से अपील की है कि हर खुशी के मौके पर केक काटने की परम्परा को एक केक-एक पेड़ परंपरा बनाने का प्रयास करना चाहिए
अब तक लगा चुके तीन लाख पौधे
वर्ष 1991 में प्रो. सैनी ने यमुनानगर एनवायमेंट सोसाइटी (वाइएएस) की स्थापना की थी। यहां बड़ी संख्या में पौधे लगाने में सफलता हासिल करने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में पौधे लगाने का काम शुरू किया। वर्ष 1994 में हरियाणा एनवायरमेंट सोसाइटी (एचइएस) का गठन किया। यमुनानगर के साथ कुरुक्षेत्र, अंबाला और पंचकूला में भी हजारों पौधे लगाए जो आज पेड़ बन चुके हैं। अब तक कुल तीन लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुके है।
ट्री प्रोटेक्शन एक्ट किया जाए लागूसैनी की सरकार से एक ही मांग है कि जैसे दिल्ली और चंडीगढ़ में ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लागू है वैसे ही हरियाणा में भी म्यूनिशपल कार्पोरेशन या कमेटी के एरियों में ट्री प्रोटेक्शन लागू हो। हर एक एमसी में ट्री आफिसर की नियुक्ति की जाए। साथ ही ट्री प्रोटेक्शन एक्ट कमेटी में एसडीएम हेड हो और नगर निगम के सदस्यों से हो या एनवायरमेंट क्षेत्र में काम कर रहा हो। सैनी के मुताबिक वर्ष 1989 में इराक की अल-अनबार यूनिवर्सिटी में डेपुटेशन पर अध्यापन का कार्य करने गए थे। वहां पर जापान से आए एक प्रोफेसर ने देश व समाजहित में कोई कार्य करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वे शिक्षित करने का बहुत ही नोबल कार्य कर रहे हैं। इस पर जापानी प्रोफेसर ने कहा कि आप अध्यापन के बदले तनख्वाह नहीं लेते तो गुजारा कैसे करते हो। इस पर उत्तर दिया कि तनख्वाह तो लेता हूं पर यह कार्य नोबल है। इस पर वे मुस्कराए और कहने लगे कि नोबल कार्य सिर्फ उसको कहते हैं जो समाज और देशहित में किया जाए और उसके बदले में कुछ भी वसूल न किया जाए। यहीं प्रेरणा का स्त्रोत बना और भारत वापस आकर जीवन भर पौधे लगाकर उनके संरक्षण की जिम्मेदारी ठानी।
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