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हालत ऐसे कि कचरे के ढेरोंं के बीच मनेंगे त्योहार...पानीपत में चरमराई सफाई व्यवस्था, अवैध डंपिंग साइट बना रहे ठेकेदार

हरियाणा के पानीपत में सफाई व्यवस्था और कचरा निस्तारण की जो हालत है उसे देखकर लगता है कि इस बार त्योहार भी कचरे की ढेरों के बीच मनेंगे। नगर निगम दो माह से डंपिंग साइट तलाश कर रहा है लेकिन अभी तक जमीन नहीं फाइनल कर सका है। ऐसे में ठेकेदारों ने अवैध रूप से छोटे-छोटे डंपिंग प्वाइंट बनाने शुरू कर दिए। जो शहर की सुंदरता को बिगाड़ रहे हैं।

By Vinod KumarEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 27 Oct 2023 11:08 AM (IST)
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पानीपत में चरमराई सफाई व्यवस्था, जगह-जगह कूड़े के ढेर

जागरण संवाददाता, पानीपत। Panipat News:  हरियाणा के पानीपत में सफाई व्यवस्था और कचरा निस्तारण की जो हालत है उसे देखकर लगता है कि इस बार त्योहार भी कचरे की ढेरों के बीच मनेंगे। नगर निगम दो माह से डंपिंग साइट तलाश कर रहा है, लेकिन अभी तक जमीन नहीं फाइनल कर सका है।

सफाई व्यवस्था पर हर महीने खर्च हो रहे 3.50 करोड़ रुपये

शहर की सफाई व्यवस्था पर हर माह निगम द्वारा 3.50 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद हालत बदतर है। निगम कचरे के निस्तारण के लिए डंपिंग साइट नहीं ढूंढ सका है। ऐसे में ठेकेदारों ने वार्डों में छोटे-छोटे अवैध रूप से क्लेक्शन सेंटर बना दिए हैं। जहां पर कूड़ा डाला जा रहा।

गोहाना रोड पावर के पास डाला जा रहा सबसे ज्यादा कचरा

बिंझौल व डाहर में इन मिनी साइटों से कूड़ा पहुंचाया जा रहा है। इस तरह अब फिर से कूड़ा कर्कट फैलने से स्वच्छता अभियान को झटका लगा है। शहर की नई सब्जी मंडी के बाहर व गोहाना रोड पावर के पास सबसे ज्यादा कूड़ा डाला जा रहा है।

सफाई व्यवस्था पड़ी है ठप्प

नगर निगम ने शहर की पांच मुख्य मार्ग असंध रोड, जाटल रोड, गोहाना रोड, सनौली रोड व बरसत रोड पर ट्रांसफर सेंटर बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह भी सिरे नहीं चढ़ रही है । हालात फिर से खराब होने शुरू हो गए हैं।

सेक्टर 25, शिव चौक सब्जी मंडी, भावना चौक, रेलवे कालोनी, अग्रवाल मंडी, सेक्टर छह शिव नगर व किशनपुरा में सबसे ज्यादा कूड़ा-कचरा पड़ा हुआ है। अब अगले माह नवंबर में सफाई व्यवस्था का आकलन किया जाना है। अभी तक के आकलन में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप रही है।

यहां से निकलता है इतना टन कचरा

शहर में सड़कों व कॉलोनियों से करीबन 300 टन कूड़े का उठान होता है और बाजारों का मिलाकर प्रतिदिन 400 टन से ज्यादा कूड़े का उठान होता है। अब ये कचरा शहर की सड़कों पर आ गया है। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ पड़ता है।

विवादों में रही ये डंपिंग साइट 

सबसे पहले निंबरी गांव में डंपिंग प्वाइंट बनाया गया। वहां विरोध हुआ तो सेक्टर 25 जिमखाना क्लब के पास डालना शुरू कर दिया। यहां नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश बाद हटाना पड़ा। तीसरी जगह सिवाह में एसटीपी के पास तय की गई। वहां ग्रामीणों ने विरोध कर दिया।

अब चौथी जगह बिंझौल में दोनों नहरों के बीच में डंपिंग साइट बनाई गई। इन सभी जगहों पर खूब विवाद हुआ। निगम के अधिकारी इसका स्थायी समाधान नहीं कर पा रहे हैं। अगर बिंझौल में भी कचरा नहीं जाएगा तो शहर के हालात काफी खराब हो जाएंगे।

अवैध डंपिंग साइट बना रहे ठेकेदार 

निगम को कोई जगह नहीं मिली तो ठेकेदारों ने शहर में अवैध रूप से छोटे-छोटे डंपिंग प्वाइंट बनाने शुरू कर दिए हैं। जो शहर की सुंदरता को बिगाड़ रहे हैं। इसमें साई बाबा चौक से हनुमान मंदिर के पास पार्क की दीवार के साथ लगते कूड़ा डाला जा रहा, यहीं से ठेकेदार कूड़ा उठाकर डंपिंग साइट तक लेकर जा रहे।

इसी तरह श्री राम चौक के पास नाले के ऊपर ही कूड़ा पड़ा रहता है। यहां आसपास की कालोनियों से कूड़ा उठाकर डाल दिया जाता है और फिर इन दोनों जगहों पर गंदगी फैल जाती है।

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ऐसे समझिये...क्यों नहीं मिल रही जगह

पानीपत नगर निगम की सीमा 56 वर्ग किलोमीटर में बसा है। नगर निगम के पास इस एरिया में कोई भी ढाई एकड़ ऐसी जमीन नहीं पड़ी है, जहां वह डंपिंग साइट बना सके, क्योंकि जो जगह खाली पड़ी है। उसके आसपास में रिहायशी क्षेत्र है। अब ऐसे में अगर कोई दूसरा विकल्प है वो पंचायत विभाग का है।

वहां भी लोग विरोध कर रहे है। ऐसे में अब निगम के पास ट्रांसफर सेंटर का ही बचा है। जहां कूड़ा डालने के साथ ही उठाना होगा। तब जाकर कोई समस्या का हल हो सकता है।

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