Move to Jagran APP

Sawan 2021: कुरुक्षेत्र में महाभारत कालीन शिव मंदिर, भगवान श्रीकृष्ण ने यहां की थी सफेद शिवलिंग की स्‍थापना

कुरुक्षेत्र महाभारत युद्ध नगरी आस्‍था का केंद्र है। यहां पर रत्नदक्ष चिट्टा मंदिर है। मान्‍यता है कि मंदिर महाभारत कालीन है। इस मंदिर में शिवलिंग की स्‍थाापना भगवान श्रीकृष्‍ण ने की थी। पांडवों ने युद्ध में विजयश्री के लिए यहां पूजन किया था।

By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Sat, 07 Aug 2021 12:49 PM (IST)
Hero Image
हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित रत्नदक्ष चिट्टा मंदिर।
पानीपत, जागरण संवाददाता। किसी भी शिवालय में आपने काले रंग के शिवलिंग को ही सामान्य रूप से देखा होगा। मगर रत्नदक्ष चिट्टा मंदिर में सफेद रंग के शिवलिंग स्थापित हैं। लोक कथाओं के मुताबिक रत्नदक्ष चिट्टा मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण ने शिवलिंग की स्थापना की थी।

मंदिर का इतिहास

रत्नदक्ष चिट्टा मंदिर का स्‍थान लगभग सामान्य ऊंचाई से आठ फुट ऊंचाई पर है। मंदिर के पास उत्तर दिशा में प्राचीन सरोवर है जिसमें श्वेत वर्ण वाले शंकर स्थापित है। कृष्ण यजुर्वेद की मैत्रयणी में मिलता है। वेद में तैत्तरीय आरण्यक में सर्वप्रथम कुरुक्षेत्र भूमि की सीमाओं का उल्लेख है। इस स्थान के पास से सरस्वती नदी बहती है। वामन पुराण में यज्ञ के बारे में वर्णन मिलता है और वेदों के अनुसार 48 कोसीय कुरुक्षेत्र भूमि की परिक्रमा रंतुक यज्ञ स्थान से प्रारंभ की जाती है।

मंदिर की विशेषता

ठाकुर द्वारा रत्नदक्ष चिट्टा मंदिर रंतुक यक्ष का स्थान बताया जाता है। इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण द्वारा रंतुक यक्ष महाराज को युद्ध में भाग लेने के लिए आने वाले राजाओं का पहरा देने के लिए नियुक्त किया गया था। यह स्थान 48 कोस के युद्ध मैदान के ईशान कोण यानी पूर्व-उत्तर में स्थित है। यहां पर प्राचीन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण ने सफेद रंग के शिवलिंग स्थापित किए थे। पांडवों ने युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए पूजा की थी।

मनोकामना होती है पूर्ण

श्रद्धालु सुनील कुमार ने बताया कि यह स्थान बहुत पवित्र है। यहां पर जो भी श्रद्धालु 40 दिन तक भगवान शिव की पूजा करता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।

श्रद्धालु सुनील।

पांच हजार से भी अधिक वर्ष पुराना है मंदिर का इतिहास

महंत अरविंद दास ने बताया कि यह स्थान पांच हजार वर्षों से भी पुराना है। कई कथाओं व धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान का वर्णन मिलता है। महाशिवरात्रि और शिवरात्रि पर कांवड़ जल के समय भक्तों की भीड़ यहां पर लगती है।

महंत अरविंंद दास

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।