Pollution: प्रदूषण से आफत, पानीपत में एयर क्वालिटी 322, सांसों पर खतरा, आंखें जल रहीं
Pollution प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। पानीपत में एयर क्वालिटी इंडेक्स 322 पर पहुंच गया है। स्माग की सफेद चादर से सांसों पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं आंखें जल रहीं। वायु प्रदूषण से नहीं मिल रही राहत। चिमनियां उगल रहीं काला धुआं।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Sat, 13 Nov 2021 07:36 AM (IST)
पानीपत, जागरण संवाददाता। Pollution: सुबह-सुबह मौसम जो सफेद चादर ओढ़ रहा है। यह धुंध या कोहरा नहीं, बल्कि प्रदूषण से भरा स्माग है। वायु प्रदूषण अधिक होने से जहरीली हवा सांसों पर भारी पड़ रही है। औद्योगिक शहर में एक तरफ वेस्ट से बनने वाले धागे के कारण इसी के कण हवा में प्रदूषण बढ़ा रहे हैं। वाहनों का धुआं भी एयर क्वालिटी इंडेक्स को बढ़ा रहा है। वातावरण में धूल के कण अधिक होने के कारण पेड़ पौधों तक पर धूल जमी पड़ी है। कंस्ट्रक्शन का सामान रेत व बजरी सरेआम खुले में रखकर बेचा जा रहा है। सेक्टर 25 में खाली प्लाटों में रेत, कोरसेंट रखा है। इस पर पानी की छिड़काव भी नहीं किाया जा रहा।
शनिवार को वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब स्थिति मेंं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार सेक्टर 18 में लगे आनलाइन मानीटरिंग सिस्टम से सुबह छह के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स पीएम 2.5 325 अंक रहा। पीएम 10, 390 अंक रहा। शुक्रवार को 322 रहा। वातावरण में धूल के कणों की स्थिति यह है कि बिना चश्मा लगाए वाहनों पर नहीं चला जा रहा। शाम को वाहनों को हेडलाइट आन कर चलना पड़ रहा है। जिले में ईंट भट्टों के चलने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। क्रेसर पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। उद्योगों से काला धुआं निकलना जारी है। ब्वायलरों में अवैध रूप से ईंधन जलाया जा रहा है। पीएनजी गैस पर गिनती के 45 यूनिट आए हैं। जिन क्षेत्रों में गैस की पाइप लाइन डाली जा चुकी है उन क्षेत्रों में 1500 औद्योगिक यूनिट लगे हैं।
नगर निगम ने बनाया पानी छिड़़काव का शेड्यूल
मेयर अवनीत कौर ने जागरण को बताया कि प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए नगर निगम में शेड्यूल बनाया है। इसके मुताबिक पेड पौधों पर सेक्टर वाइज पानी का छिड़काव किया जा रहा है। पहले दिन सेक्टर 24-25 पार्ट दो में पानी का छिड़काव करवाया गया। दूसरे दिन सेक्टर 25-पार्ट 1 में पानी की छिड़काव फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों द्वारा करवाया गया है।
हशविप्रा को नोटिसप्रदूषण नियंत्रण विभाग ने हशविप्रा को नोटिस जारी किया। विभिन्न सेक्टरों में खाली जमीन पड़ी जमीन में रेत कोरसेंट का कारोबार हो रहा है। इस पर पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ ही खाली जगह पर खुले में कंस्ट्रक्शन का सामान पड़ा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ कमलजीत ने बताया कि जिन-जिन प्वाइंट पर ट्रैफिक जाम लगते हैं। उन्हें क्लीयर रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस को, आरटीओ को निर्देश दिए गए हैं। जीटी रोड पर जाम लगने वाहनों का धूआं वायु प्रदूषण को फैला रहा है।
टूटी सड़कों पर उड़ रही धूलबरसत रोड, सेक्टर 29, सेक्टर 25 , सनौली रोड, असंध रोड पर सड़के टूटी पड़ी होने से धूल उड़ रही है, जिससे प्रदूषण फैल रहा है। वातावरण को दूषित कर रहे हैं।ये उठे कदम
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जिन सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है वहां मिस्ट स्माग गन से पानी की छिड़काव किया जा रहा है। सड़क बनाने वाले ठेकेदार, कंपनी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।संझौली, खोजकीपुर यमुना व ड्रेन -2 में सैंपल लिएदिल्ली में पानी में अमोनिया की शिकायत को देखते प्रतिदिन संझौली, खोजकीपुर यमुना प्वाइंट के साथ-साथ ड्रेन नंबर दो से पानी की सैंपल लिए जा रहे हैं। इन्हें पंचकूला लैब में जांच के लिए भेजा गया है।
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- वायु प्रदूषण में वाहनों का प्रदूषण 50 प्रतिशत
- घरेलू प्रदूषण 12-13 प्रतिशत
- उद्योगों का प्रदूषण 9 से 13 प्रतिशत
- निर्माण कार्यों का 6 से 9 प्रतिशत
- सड़क की धूल का प्रदूषण 4.6 से 4.9 प्रतिशत
- नोट : आंकड़े प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से उपलब्ध
- प्रदूषण का स्तर शाम को बढ़ता है, सुबह 7:30 से 9:30 तक रहता है।
- बचाव के लिए क्या करना होगा
- -अपशिष्ट प्रबंधन, घरों में स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच, और धूल नियंत्रण पर कार्रवाई तेज हो
- -वाहनों का इन दिनों कम से कम इस्तेमाल होना चाहिए।
- -धूल पर रोक के लिए लगातार पानी की छिड़काव हो
- - डाई हाउस से निकल रहे काले धुएं पर नियंत्रण जरूरी, कुछ डाई हाउस रबर तक जला रहे हैं
- 25 अक्टूबर से 12 नवंबर तक प्रदूषण स्तर
- 25 अक्टूबर 79
- 26 अक्टूबर 120
- 27 अक्टूबर 231
- 28 अक्टूबर 274
- 29 अक्टूबर 289
- 30 अक्टूबर 262
- 31 अक्टूबर 331
- 1 नवंबर 277
- 2 नवंबर 150
- 3 नवंबर 428
- 4 नवंबर 477
- 5 नवंबर 413
- 6 नवंबर 337
- 7 नवंबर 405
- 8 नवंबर 398
- 9 नवंबर 386
- 10 नवंबर 425
- 11 नवंबर 396
- 12 नवंबर 390
- 00 से 50 तक बेहतर
- 51 से 100 अंक तक संतोषजनक
- 101 से 200 तक सामान्य
- 201 से 300 तक खराब (हानिकारक)
- 301 से 400 तक बहुत ज्यादा खराब (हानिकारक)
- 301 से 400 तक बहुत ज्यादा हानिकारक
- 400 से ऊपर गंभीर