Move to Jagran APP

पानीपत Thermal plant में Blast कर गिराए गए तीन Cooling tower, जानें क्यों उठाया गया ऐसा कदम

पानीपत थर्मल पॉवर स्टेशन की यूनिटों के तीन कूलिंग टॉवरोंं को रविवार को बूंदाबांदी के बीच विस्फोट कर उड़ा दिया गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 26 Aug 2019 08:49 AM (IST)
Hero Image
पानीपत Thermal plant में Blast कर गिराए गए तीन Cooling tower, जानें क्यों उठाया गया ऐसा कदम
जेएनएन, पानीपत। बूंदाबांदी के बीच पानीपत थर्मल पॉवर स्टेशन में रविवार को तीसरे पहर 3.01 बजे जोरोंं का धमाका हुआ। कूलिंग टावर नंबर दो, तीन व चार 1.04 मिनट में धवस्त हो गया। आसपास के क्षेत्रों में किसी तरह का कंपन महसूस नहीं किया गया। असंध-जीद सड़क मार्ग लगभग 15-20 मिनट तक बंद रहा। जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।

कूलिंग टावर गिराने के लिए थर्मल प्रशासन ने जयपुर से एडवांस क्वैरीटैक कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम बुलाई थी। टीम में 12 विशेषज्ञ सहित अन्य स्टाफ शामिल थे। टावर के पिलरों में 24 घंटे पहले ही 5200 छेद कर विस्फोटक फिट कर दिया। स्मॉल डाया इमल्शन एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल कर तीनों टावरों को गिराया गया।

650 किग्रा विस्फोटक को डेटोनेटर के सहारे जोड़ा गया था। कमांड देते ही जोरोंं का धमाका हुआ। धूल का गुब्बार जब तक हवा में उपर उठ कर तैरता कूलिंग टावर भरभरा कर नीचे बैठ गया। इन टावरों के पास लगे क्लैरिफायर से पानी की आपूर्ति होती है। इसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे इस वजह से टावर को थोड़ा तिरछा कर गिराया गया। चारों टावर गिराने पर 50 लाख का खर्चा आया। मैन्युअल गिराने पर 5-6 करोड़ का खर्च आता। 

गैमन कंपनी ने बनाया टावर

पानीपत की इस तापीय विद्युत परियोजना का नवंबर 1979 में कमीशन किया गया। 1 से 4 नंबर यूनिट बनाने की शुरुआत 1985 में की गई थी। गैमन कंपनी को कूलिंग टावर बनाने का ठेका दिया गया था। दो चरणों में इन चारों यूनिटों का निर्माण पूरा किया गया। प्रथम व द्वितीय यूनिट के निर्माण पर 84.43 करोड़ की लागत आई थी। उत्पादन बंद होने के बाद 2015 में कंडम घोषित किया गया था।

दिसंबर में गिराई जाएंगी दो चिमनियां

कूलिंग टावरों को गिराने के बाद थर्मल परिसर में स्थित दो चिमनियां दिसंबर में गिराई जाएगी। इसकी उपयोगिता अब नहीं रह गई है। तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।

समतल जगह में नया प्रोजेक्ट होगा शुरू

थर्मल प्रबंधन ने सवा दो साल में इस जगह को समतल बनाने का निर्णय लिया है। आठ महीने बीत चुके हैं। इस जगह पर कोई नया प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इसकी घोषणा बाद में की जाएगी।

नहीं हुआ किसी तरह का नुकसान

थर्मल के अधीक्षण अभियंता (डिस्पोजल) एसएल सचदेवा का कहना है कि तीनों कूलिंग टावर सुरक्षित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया। किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। 

हरियाणा की सियासत का भी केंद्र रहा

थर्मल पावर प्लांट प्रदेश की राजनीति का केंद्र भी रहा है। ओमप्रकाश चौटाला ने पानीपत थर्मल पावर प्लांट का नाम बदलकर चौधरी देवीलाल थर्मल प्लांट कर दिया था। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने पहले कार्यकाल में आते इसका नाम वापस पानीपत थर्मल पावर प्लांट कर दिया था। तब इनेलो ने इसका जबर्दस्त विरोध किया था।

आठ यूनिटों में होता था उत्पादन

वर्ष 1979 में थर्मल की पहली यूनिट से उत्पादन शुरू हुआ था। कोयले से चलने वाली आठ यूनिटों से 1370 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था। यहां कई बार कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन प्रभावित भी होता रहा। इसके बाद ही सरकार ने यमुनानगर में थर्मल प्लांट स्थापित किया था।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।