Haryana: वैवाहिक विवादों का निपटारा करने के लिए प्रत्येक जिलों में नियुक्त होंगे तीन परामर्शदाता, सरकार ने उठाए अहम कदम
हाईकोर्ट के आदेश के बाद वैवाहिक विवादों के जल्द निपटारा के लिए जिलों में तीन-तीन परामर्शदाता नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परामर्शदाताओं को पुलिस स्टेशनों के समक्ष लंबित वैवाहिक विवादों के संबंध में जोड़ों की काउंसलिंग करने का अधिकार होगा। साथ ही थाने के स्तर पर ही जोड़ों की काउंसलिंग से अदालत में ऐसे मामलों की संख्या घटेगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने आखिरकार वैवाहिक विवादों के शीघ्र और सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए राज्य के प्रत्येक जिले में तीन-तीन परामर्शदाताओं को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन परामर्शदाताओं को स्थानीय अदालतों के पुलिस स्टेशनों के समक्ष लंबित उनके वैवाहिक विवादों के संबंध में जोड़ों की काउंसलिंग करने का अधिकार होगा। वे मुख्य रूप से प्री-लिटिगेशन चरण में वैवाहिक मामलों से उत्पन्न होने वाले सभी प्रकार के विवादों से निपटेंगे, जिसमें बाल हिरासत, घरेलू हिंसा, तलाक, रखरखाव और अन्य विवाद शामिल हैं।
हाई कोर्ट के आदेश पर सरकार ने उठाया कदम
इस कदम का उद्देश्य न केवल अदालतों में लंबित मामलों को कम करने में मदद करना है, बल्कि उन पक्षों की सहायता करना भी है, जिन्हें अपने विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए अदालती आदेश प्राप्त करने के लिए वर्षों तक चक्कर लगाना पड़ता है। गृह विभाग ने अनुबंध के आधार पर ऐसी नियुक्तियां करने के लिए हरियाणा राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को आवश्यक मंजूरी दे दी है। हाई कोर्ट के आदेश पर अतिरिक्त प्रमुख सचिव (गृह) ने इस बाबत सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा है।
अतिरिक्त प्रमुख सचिव द्वारा भेजे गए पत्र में सदस्य सचिव से अनुरोध किया गया है कि वह परामर्शदाताओं की नियुक्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई करें और यदि परामर्शदाताओं की नियुक्ति के लिए नियमों और शर्तों और वित्तीय निहितार्थों के संबंध में सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है, तो सरकार को एक प्रस्ताव भेजें। इस पत्र की कापी हाई कोर्ट में पेश की गई।
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थाने स्तर पर ही जोड़ों की काउंसलिंग से घटेगी केस संख्या
अपने आदेश में हाई कोर्ट की तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी की खंडपीठ ने पंजाब और हरियाणा के गृह विभागों को अनुबंध के आधार पर हर जिले में तीन-तीन काउंसलर नियुक्त करने का निर्देश दिया था, ताकि पुलिस स्टेशनों के स्तर पर वैवाहिक विवादों से उत्पन्न होने वाली आपराधिक शिकायतों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जा सके।
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