Move to Jagran APP

यमुनानगर में गुरुद्वारा की जमीन पर वक्फ बोर्ड को कब्जा देने का आदेश, तनाव

यमुनानगर में वक्‍फ बोर्ड को गुरुद्वारे की जमीन पर कब्‍जा देने के के आदेश से तनावपूर्ण माहौल हो गया है। आसपास के गांवों से काफी संख्या में लोग जुटे। इतनी ही जमीन दूसरी जगह देने पर सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Fri, 29 Jul 2022 05:38 PM (IST)
यमुनानगर में गुरुद्वारा की जमीन पर वक्फ बोर्ड को कब्जा देने का आदेश, तनाव
वक्‍फ बोर्ड को जमीन दिए जाने के विरोध में ग्रामीण। जागरण

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर के जठलाना में गुरुद्वारा की जमीन पर वक्फ बोर्ड को कब्जा देने के आदेशों से तनावपूर्ण माहौल हो गया। इसका पता लगते ही आसपास के गांवों से काफी संख्या में लोग गुरुद्वारा पहुंच गए। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे।

जमीन का कब्‍जा मुस्लिम समाज को देना था

शुक्रवार को कोर्ट के आदेश के बाद गुरुद्वारा की जमीन को कब्जा मुक्त करा मुस्लिम समाज को सौंपा जाना था। इसके लिए प्रशासन की ओर से तैयारी की जा रही थी, लेकिन गुरुद्वारा में जुटी भीड़ के बाद प्रशासन पीछे हट गया। गुरुद्वारा कमेटी ने वक्फ बोर्ड को इतनी ही जमीन दूसरी जगह पर देने का प्रस्ताव रखा है। जिस पर सहमति बनने के भी आसार हैं।

कई बार हो चुकी पंचायत

जठलाना में गुरुद्वारा की 14 मरले जमीन पर विवाद चला आ रहा है। इसको लेकर वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इस जमीन को वक्फ बोर्ड की बता दिया है। साथ ही जमीन को खाली करा वक्फ बोर्ड को सौंपने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि विवाद को निपटाने के लिए कई बार पंचायतें भी हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका था। प्रशासन की ओर से भी कोर्ट के आदेश की पालना कराने को लेकर गुरुद्वारा प्रबंधन को निर्देश दिए गए थे कि शुक्रवार तक इसे खाली करा दिया जाए।

जुट गई क्षेत्र के लोगों की भीड़

शुक्रवार को प्रशासन का अल्टीमेटम खत्म होना था। जिसे देखते हुए गुरुद्वारा में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। सुबह से ही लोगों ने यहां पहुंच कर गुरबाणी का पाठ और कीर्तन शुरू कर दिया। आसपास के गांव से भी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे थे। काफी पुलिस बल पास के थाने में जमा हो गया, लेकिन गुरुद्वारा में नहीं पहुंचा। गुरुद्वारा कमेटी के मनीष बतरा, जसविंद्र सिंह व सरदार सतविंद्र सिंह का कहना है कि जिस जमीन पर गुरुद्वारा है, वहां कभी भी मस्जिद नहीं रही। वर्ष 1947 से यहां पर गुरुद्वारा बना हुआ है। कोर्ट के आदेशों का सम्मान करते हुए इतनी ही जमीन दूसरी जगह दे सकते हैं। जिससे दोनों समुदाय में भाईचारा बना रहे और माहौल खराब न हो।

विवाद निपटाने का किया जा रहा प्रयास

हिंदू समाज रक्षक के मान सिंह आर्य ने बताया कि आपसी बातचीत से इस विवाद का हल निकाला जाएगा। दोनों समुदाय और धर्मों की भाईचारा, एकता, धर्म निष्ठा को देखते हुए मुस्लिम समुदाय दूसरी जगह जमीन लेने को तैयार है। इसके बाद विवाद की कोई गुंजाइस नहीं रहेगी। वहीं डीएसपी रादौर रजत गुलिया का कहना है कि अभी दोनों पक्षों की आेर से बातचीत चल रही है। इसलिए वहां पर पुलिस प्रशासन की ओर से कोई नहीं गया है।