शाबाश बेटी! कदम-कदम पर मौत, बर्फीले तूफानों को चीरा, ऐसे माउंट एवरेस्ट फतेह
जींद के सुदकैन खुर्द गांव की रहने वाली साधारण किसान परिवार की बेटी विकास राणा ने 27 मई को एवरेट पर तिरंगा फहराया। उन्होंने 5 अप्रैल को अभियान शुरू किया था।
By Edited By: Updated: Fri, 31 May 2019 10:08 AM (IST)
पानीपत/जींद, जेएनएन। एक किसान की बेटी ने जो सपना देखा उसे पूरा कर दिखाया। कभी लोगों ने सोचा भी नहीं होगा कि बेटी के नाम से सुदकैन खुद की पहचान होगी। बेटी विकास राणा ने अपने हौसले और संघर्ष के बल पर माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराया।
सुदकैन खुर्द में साधारण किसान के घर जन्मी विकास राणा ने साउथ अफ्रीका की किलि मंजारो और रूस की माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराया। इसके बाद विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को भी फतह किया। विकास राणा ने 5 अप्रैल को माउंट एवरेस्ट के लिए अभियान शुरू कर दिया था। उन्होंने बेस कैंप से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की और बर्फीले तूफान व अनेक कठिन परिस्थितियों को लांघते हुए 27 मई को एवरेस्ट फतह किया।
विकास राणा स्कीइंग की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
25 जुलाई, 2018 को उन्होंने साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह किया था। 5 सितंबर, 2018 को यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह कर स्कीइंग करते हुए नीचे आई। ऐसा करने वाली विकास राणा पहली भारतीय महिला बन गई। विकास राणा माउंट एवरेस्ट फतेह करने के बाद काठमांडु पहुंच गई हैं। विकास राणा प्रदेश की एकमात्र स्कीइंग की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं।
25 जुलाई, 2018 को उन्होंने साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को फतह किया था। 5 सितंबर, 2018 को यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह कर स्कीइंग करते हुए नीचे आई। ऐसा करने वाली विकास राणा पहली भारतीय महिला बन गई। विकास राणा माउंट एवरेस्ट फतेह करने के बाद काठमांडु पहुंच गई हैं। विकास राणा प्रदेश की एकमात्र स्कीइंग की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं।
बेटी के सपने के लिए पिता ने गिरवी रखी थी जमीन
मेरा स्वर्णिम हिंद के प्रदेश प्रवक्ता अशोक खर्ब ने बताया कि विकास राणा राष्ट्रीय संस्था मेरा स्वर्णिम हिंद की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। मेरा स्वर्णिम हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राममेहर सांगवान ने बताया कि अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए विकास राणा के पिताजी ने अपनी जमीन गिरवी रख दी और राजपूत समाज ने भी इसके लिए 30 लाख रुपये इकट्ठे कर दिए। पांच बार नेशनल गेम खेली
विकास राणा ने 2011 में जम्मू कश्मीर के जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनयरिंग विंटर स्पोट्र्स इंस्टीट्यूट में कोर्स कर पर्वतारोहण की शुरुआत की। इसके साथ इन्होंने स्कीइंग में भी देश और प्रदेश में अपना नाम चमकाया। पांच बार नेशनल गेम में हिस्सा लिया है, जिसमें वर्ष 2018 में सिल्वर मेडल जीता था।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मेरा स्वर्णिम हिंद के प्रदेश प्रवक्ता अशोक खर्ब ने बताया कि विकास राणा राष्ट्रीय संस्था मेरा स्वर्णिम हिंद की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। मेरा स्वर्णिम हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राममेहर सांगवान ने बताया कि अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए विकास राणा के पिताजी ने अपनी जमीन गिरवी रख दी और राजपूत समाज ने भी इसके लिए 30 लाख रुपये इकट्ठे कर दिए। पांच बार नेशनल गेम खेली
विकास राणा ने 2011 में जम्मू कश्मीर के जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनयरिंग विंटर स्पोट्र्स इंस्टीट्यूट में कोर्स कर पर्वतारोहण की शुरुआत की। इसके साथ इन्होंने स्कीइंग में भी देश और प्रदेश में अपना नाम चमकाया। पांच बार नेशनल गेम में हिस्सा लिया है, जिसमें वर्ष 2018 में सिल्वर मेडल जीता था।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप