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Panipat News: 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

पानीपत में 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस पर कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसकी थीम सभी के लिए स्वस्थ फेफड़े रखी गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के आंकड़े देखें तो 13 प्रतिशत का सुधार हुआ है। जिला नागरिक अस्पताल से मिली संख्या के मुताबिक एक अप्रैल से 31 अक्टूबर तक 500 से अधिक बच्चों को निमानिया का ट्रीटमेंट दिया गया। जानें निमोनिया के लक्षण और इसके बचाव के तरीके।

By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Sat, 11 Nov 2023 01:20 PM (IST)
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12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, पानीपत। (World Pneumonia Day) सभी के लिए स्वस्थ फेफड़े... इसी थीम पर 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस आयोजित होगा। अस्पतालों में जागरूकता व जांच शिविर लगेंगे। निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को छह सप्ताह की आयु से लेकर 12 माह की आयु तक पीसीवी के तीन टीके लगाए जाते हैं। टीकाकरण कर बात करें तो 20 प्रतिशत बच्चे पीसीवी के टीका से वंचित रह जाते हैं।

हालांकि, वित्तीय वर्ष 2022-23 के आंकड़े देखें तो 13 प्रतिशत का सुधार हुआ है। जिला नागरिक अस्पताल से मिली संख्या के मुताबिक एक अप्रैल से 31 अक्टूबर तक 500 से अधिक बच्चों को निमानिया का ट्रीटमेंट दिया गया।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में सितंबर तक 14865 का टीकाकरण लक्ष्य

डोज आयु टीका लगा प्रतिशत

पीसीवी प्रथम छह सप्ताह 10943 74

पीसीवी-टू 14 सप्ताह 11434 77

पीसीवी बूस्टर 9 से 12 माह 11934 80

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वित्तीय वर्ष 2022-23 में 30320 का टीकाकरण लक्ष्य

डोज आयु टीका लगा प्रतिशत

पीसीवी प्रथम छह सप्ताह 22965 76

पीसीवी-टू 14 सप्ताह 21629 72

पीसीवी बूस्टर 9 से 12 माह 20166 67

टीमें घरों में देती हैं दस्तक

सिविल सर्जन डा. जयंत आहूजा ने बताया कि सरकार ने सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली (सांस) अभियान शुरू किया हुआ है। सांस अभियान के दौरान एएनएम के नेतृत्व में आशा वर्कर्स घरों में दस्तक देती हैं। शून्य से पांच साल की आयु के बच्चों में निमोनिया के लक्षणों की पहचान करती हैं।

मेडिकल आफिसर के परामर्श से एमोक्सिसिलिन-जेंटामाइसिन की डोज देती हैं। निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को पीसीवी न्यूमोकोकल कन्जूगेट वैक्सीन (पीसीवी) का टीका लगवाने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जाता है।

निमोनिया के लक्षण

श्वास की गति बहुत तेज हो जाना।

बच्चे का दूध नहीं पीना, सुस्त रहना।

पसलियों का अंदर तक धंसना।

बच्चों में बेचैनी एवं उत्तेजना का बढ़ जाना।

निमोनिया ऐसे करें बचाव

सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं।

ठंडी हवा से बचाव के लिये कानों को ढकें।

पैरों में जुराब पहनाकर रखें।

ठंडे पानी से बच्चे को दूर रखे।

छह माह तक बच्चे को मां का दूध जरूरी

समय पर पीसीवी का टीका जरूर लगवाएं।

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