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मोबाइल की लत ने किया कंगाल, बेटे की करतूत से हर कोई हैरान; पिता के नाम पत्र लिखकर गायब हुआ छात्र

Rewari News रेवाड़ी में 18 वर्षीय एक छात्र अपने पिता के मोबाइल पर गेम खेलते-खेलते सट्टेबाजों के चक्कर में फंस गया। इतना ही नहीं उसने मां के गहने चोरी करके उनके पैसे भी सट्टे में लगा दिए। इसके बाद वह पिता के नाम पर एक पत्र लिखकर चला गया। परिजनों ने छात्र को सभी जगह ढूंढ लिया लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Mon, 11 Nov 2024 03:24 PM (IST)
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सट्टेबाजों के चक्कर में फंसकर घर से गायब हुआ छात्र। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। मोबाइल से जहां अच्छी जानकारी मिलती है, वहीं दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। स्कूल कार्य करने के बहाने पिता से मोबाइल लेकर 18 साल का छात्र ऑनलाइन गेम खेलने में चक्कर में पड़ गया।

सवा लाख रुपये हारने के बाद उसने सट्टेबाजों को मां के गहने चोरी कर बेच कर रकम दे दी। यह करतूत पिता को नहीं चले इसके लिए पिता के नाम पत्र लिखकर घर से गायब हो गया।

पत्र में उसने लिखा है कि पिता को उसकी हरकत पता चलेगी तो पीटेंगे। पिता की शिकायत पर रेवाड़ी के सदर थाना पुलिस ने उसकी खोजबीन शुरू की है। छात्र रविवार शाम को घर से लापता हुआ था।

तकनीकी कोर्स कर रहा है छात्र

बताया गया कि वह शहर में स्थित एक पॉलिटेक्निक कॉलेज से तकनीकी कोर्स कर रहा है। छात्र अपने दोस्त की बाइक भी यह कर ले गया कि मां को डॉक्टर के पास लेकर जाना है। जिस मोबाइल से वह ऑनलाइन गेम खेल रहा था, उसे भी बंद कर दिया है।

इस डर की वजह से हुआ गायब

पत्र में उसने लिखा है कि वह पीटे जाने के डर से घर छोड़ रहा है। पुलिस साइबर सेल की मदद से यह जानकारी जुटा रही है कि छात्र किसी साइट पर ऑनलाइन सट्टा खेल रहा था और किसके संपर्क में रहता है।

दो युवकों को किया गिरफ्तार

पलवल साइबर थाना पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपित युवक लोगों को लालच देकर उनके नाम बैंक खाते खुलवाते और इनमें ठगी के पैसे ट्रांसफर करा लेते। आरोपित साइबर ठगी के इन पैसों को खातों से निकालकर साइबर गिरोह के सदस्यों को दे देते थे। इसके लिए उन्हें कमीशन मिलता था।

पुलिस ने दोनों युवकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोनों आरोपितों को पूछताछ के लिए तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उधर, जिले में साइबर ठगी के चार नए मामले दर्ज किए गए हैं।

ठगी की वारदातों को दिया अंजाम

साइबर ठगों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए जिला पुलिस प्रवक्ता संजय कादयान ने बताया कि साइबर थाना में तैनात जांच अधिकारी देवी सिंह और उनकी टीम को सूचना मिली थी कि दो युवक साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं। दोनों युवक केएमपी पुल के समीप हथीन रोड पर खड़े हुए हैं।

उन्होंने मौके पर दबिश देकर दोनों को कार में पकड़ लिया। आरोपितों ने पहचान छिपाने के लिए कार की नंबर प्लेट मोड़ी हुई थी। उक्त आरोपितों ने अपने नाम झांसी (उत्तर प्रदेश) के अंबेडकर नगर के रहने वाले सतीश वर्मा और पिनंगना (नूंह) के अकबरपुर के रहने वाले मुजाहीद्दीन बताए।

पूछताछ करने पर आरोपितों ने बताया कि वह विभिन्न साइबर गिरोह के लिए काम करते हैं। वह पैसों का लालच देकर लोगों के नाम से बैंक खाते खुलवाते। खाते खुलवाने के बाद आरोपित एटीएम व चेक बुक अपने पास रख लेते। ठगी के पैसे मुजाहीद्दीन ही निकलवाता था। इन खातों में ठगी के पैसे आते हैं। मुजाहीद्दीन के घर पर ही एटीएम मशीन लगी हुई है, जहां से यह ठगी के पैसे निकालता था।

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इसके बाद वह साइबर गिरोह को ठगी के पैसे दे देते और उसके बदले में उन्हें कमीशन मिलता। इसके अलावा यह ठग खुद भी ठगी करते थे। पुलिस ने इसके बाद कार में रखे बैग की जांच की। बैग से चार चेक बुक मिली। इसी के साथ ट्रू स्पा नाम की मोहर और स्टांप मिला।

वहीं, आरोपित के बैंक खातों की एनसीआरपी पोर्टल पर जांच की तो साइबर अपराध की छह शिकायत अलग-अलग राज्यों में मिलीं। आरोपित मुजहीद्दीन से पुलिस को तीन फोन मिले, जबकि सतीश से एक फोन मिला। फोन में साइबर ठगी से संबंधित व्हाट्सएप चैट भी मिली।

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दोनों ने बताया कि वह गुरुग्राम में किराए पर रहते हैं। जिला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पुलिस मामले में जांच कर रही है। इस गिरोह से जुड़े अन्य ठगों का पता लगाने के लिए आरोपितों को रिमांड पर लिया गया। रिमांड अवधि के इन ठगों से अन्य वारदातों का खुलासा होने की संभावना है। 

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