AIIMS in Haryana: निर्माण को तेज हुई रस्साकशी, CM के प्रधान सचिव के साथ हुई संघर्ष समिति की बैठक
AIIMS in Haryana एम्स के लिए अन्य स्थान पर जमीन की संभावनाओं को तलाशने से सरगर्मियां बनी हुई है।
By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 12 Nov 2019 10:47 AM (IST)
रेवाड़ी, जागरण संवादादाता। AIIMS in Haryana: एम्स निर्माण को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। सोमवार को मनेठी एम्स संघर्ष समिति के सदस्यों ने विधायक डॉ. बनवारीलाल के साथ चंडीगढ़ पहुंचकर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मुलाकात की।
वहीं दूसरी तरफ चिकित्सा, शिक्षा एवं अनुसंधान महानिदेशक राजनारायण कौशिक ने रेवाड़ी पहुंचकर अधिकारियों की बैठक ली तथा मनेठी के अतिरिक्त कुछ अन्य जगहों का भी निरीक्षण करके उन स्थानों पर एम्स निर्माण की संभावनाओं को तलाशा।प्रधान सचिव ने 7 दिन में मांगी रिपोर्ट
एम्स संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल विधायक डॉ. बनवारीलाल के साथ चंडीगढ़ पहुंचा तथा वहां पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से मुलाकात की। प्रधान सचिव ने वन विभाग के आला अधिकारियों को भी बुला लिया। संघर्ष समिति के प्रधान श्योताज सिंह, एडवोकेट राजेंद्र सिंह, कर्नल राजेंद्र सिंह, आजाद सिंह नांधा आदि ने बताया कि मनेठी पंचायत ने एम्स के लिए 200 एकड़ से अधिक जमीन दी है, जिसे वन विभाग द्वारा गलत तरीके से अरावली क्षेत्र बताया जा रहा है। एम्स के लिए प्रस्तावित जमीन अरावली क्षेत्र की नहीं है। ड्रोन से सर्वे कराने की बजाय मौका मुआयना कराया जाए। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वहां 15 हजार से अधिक पेड़ हैं।संघर्ष समिति ने कहा कि पेड़ नहीं वहां झाड़ियां हैं।
वहीं एम्स संघर्ष समिति की ओर से प्रधान सचिव को पहली बार विकल्प भी बताया गया। समिति ने बताया कि पंचायत की ही 100 एकड़ जमीन माइन्स यानि पत्थर की खान की पड़ी है जो अब इस्तेमाल नहीं हो रही। इसके साथ लगते हुए 35 एकड़ जमीन एक मंदिर की तथा करीब 50 एकड़ जमीन माजरा गांव की है। इस जमीन को लेकर मनेठी-माजरा एम्स भी बनाया जा सकता है। विधायक डॉ. बनवारीलाल ने जोर देकर कहा कि एम्स मनेठी में ही रहना चाहिए।
अधिकारियों ने तीन स्थानों का किया निरीक्षण प्रस्तावित एम्स को लेकर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान (एमईआर) महानिदेशक राजनारायण कौशिक सोमवार को रेवाड़ी पहुंचे। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ विश्रम गृह में बैठक ली तथा साथ ही तीन नई साइटों का निरीक्षण भी किया। हालांकि महानिदेशक राजनारायण व उपायुक्त यशेंद्र सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि एम्स मनेठी में ही बनेगा जिसकी सभी अड़चने दूर की जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों की टीमों ने एम्स के लिए तीन अन्य साइटों का भी निरीक्षण किया। टीम पहले मनेठी में प्रस्तावित जमीन देखने के लिए पहुंची तथा इसके पश्चात दिल्ली-जयपुर हाइवे पर पहुंचकर मसानी बैराज की जमीन का भी निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त सहगल पेपर मील की जमीन का भी निरीक्षण किया गया। वहीं माइन्स की जमीन को भी विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। एम्स के लिए अन्य स्थान पर जमीन की संभावनाओं को तलाशने से सरगर्मियां बनी हुई है।
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