Haryana Politics: पार्टी छोड़ने के 2 दिन बाद अजय यादव ने लिया यू-टर्न, कहा- 'मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं'
दक्षिण हरियाणा से कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं ओबीसी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने के अपने निर्णय पर यू-टर्न ले लिया। उन्होंने दो दिन पहले कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने का एलान किया था। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह पार्टी आलाकमान से नाराजगी को बताया था। हालांकि अब उन्होंने कहा कि वह जन्मजात कांग्रेसी हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने के दो दिन बाद शनिवार को यू-टर्न ले लिया। उन्होंने कहा कि वह "जन्म से कांग्रेसी" हैं और "अपनी आखिरी सांस तक" कांग्रेसी ही रहेंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि उनके बेटे और पूर्व विधायक चिरंजीव राव ने उन्हें "बीती बातों को भूलने" और पार्टी के लिए काम करने के लिए "मजबूर" किया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बृहस्पतिवार को दक्षिण हरियाणा से कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं ओबीसी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे पत्र में कैप्टन ने बताया था कि मेरे साथ खराब व्यवहार करने के लिए पार्टी आलाकमान से निराश हूं।
रेवाड़ी से छह बार रह चुके हैं विधायक
उन्होंने कहा था कि 70 साल से कांग्रेस के कार्य कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनको अनदेखा किया है। हालांकि उनके बेटे पूर्व विधायक चिरंजीव राव अभी पार्टी में ही बने रहेंगे। बता दें कि कैप्टन अजय सिंह यादव के पिता राव अभय सिंह वर्ष 1952 में कांग्रेस पार्टी के विधायक चुने गए थे। उसके बाद से कैप्टन परिवार कांग्रेस से ही जुड़ा हुआ है। वह रेवाड़ी से छह बार विधायक रह चुके हैं।
विधानसभा चुनाव में अनदेखी से हैं नाराज
इसके अलावा उनके बेटे चिरंजीव राव भी वर्ष 2019 में रेवाड़ी सीट से विधायक चुने गए थे। कैप्टन को कई बार पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारियां भी सौंपी थी। वर्तमान में भी वह ओबीसी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, लेकिन प्रदेश में वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में उनकी अनदेखी किए जाने की बात वह कई दिनों से कर रहे थे।
चिरंजीव राव का फाइल फोटो।
बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें स्टार प्रचारक भी बनाया था, लेकिन पार्टी के किसी भी पोस्टर पर उनका फोटो तक नहीं लगाया गया। कैप्टन अजय यादव से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। वह कई बार अनदेखी का भी आरोप लगा चुके हैं।
(नोट- जानकारी एजेंसी और जागरण संवाददाता के इनपुट पर आधारित है।)
नायब सरकार में दक्षिण हरियाणा का पहले से अधिक दबदबा
नायब सरकार के मंत्रिमंडल में दक्षिण हरियाणा का पहले से अधिक दबदबा रहेगा। वर्ष 2019 में जहां चार मंत्री बनाए गए थे, वहीं इस बार छह विधायक मंत्री बने हैं। जातीय, क्षेत्र , महिला तथा युवा के समीकरण को ध्यान में रखते हुए विधायकों की ताजपोशी की गई।
गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक बने राव नरबीर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। जबकि फरीदाबाद शहर सीट से विधायक चुने गए विपुल गोयल को कैबिनेट मंत्री तथा यहां की तिगांव सीट से दूसरी बार विधायक बने राजेश नागर को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का दर्जा मिला।
पलवल सीट से पहली बार विधायक चुने गए युवा गौरव गौतम को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। सोनीपत की गोहना सीट पर पहली बार कमल खिलाने वाले डॉ. अरविंद शर्मा तथा महेंद्रगढ़ जिला की अटेली सीट से विधायक बनी केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। राव नरबीर पहले भी चार बार मंत्री रह चुके हैं।