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एकता महारैली में सरकार पर गरजे पूर्व सैनिक, बोले- 'वन रैंक वन पेंशन कोई भीख नहीं, मांग रहे हैं अपना अधिकार'

Rewari News रेवाड़ी में एकता महारैली का आयोजन हुआ। यहां पूर्व सैनिक सेनि. कैप्टन योगेंद्र यादव सरकार पर जमकर गरजे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक पैसों के भूखे नहीं है बल्कि इनको अपना सम्मान चाहिए। उन्होंने कहा कि आज देश का बच्चा-बच्चा सेना पर भरोसा करता है। कोई बच्चा बोरवेल में गिर जाता है तो सेना को बुलाया जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 17 Sep 2023 09:40 PM (IST)
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एकता महारैली में सरकार पर गरजे पूर्व सैनिक

रेवाड़ी, जागरण संवाददाता: परमवीर चक्र विजेता सेनि. कैप्टन योगेंद्र यादव ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन कोई भीख नहीं है जो हम सरकार से मांग रहे हैं। यह पूर्व सैनिकों का अधिकार है जिसे हम लेकर रहेंगे। सरकार या तो समय रहते जाग जाए अन्यथा पूर्व सैनिकों की हुंकार सोई हुई सरकार को जगाना बखूबी जानती है। योगेंद्र यादव यहां जिला सचिवालय के पीछे स्थित ग्राउंड में आयोजित पूर्व सैनिक एकता महारैली को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक पैसों के भूखे नहीं है बल्कि इनको अपना सम्मान चाहिए। उन्होंने कहा कि आज देश का बच्चा-बच्चा सेना पर भरोसा करता है। कोई बच्चा बोरवेल में गिर जाता है तो सेना को बुलाया जाता है और अगर रेल हादसा होता है तो भी सेना ही जाकर मोर्चा संभालती है।

140 करोड़ की आबादी सो पाती है चैन से

देश की सीमा पर अकेला सैनिक ही जाकर खड़ा रहता है तब जाकर 140 करोड़ की आबादी चैन से सो पाती है। उन्होंने कहा कि जिस मैदान में खड़े होकर आज पूर्व सैनिक अपना अधिकार मांग रहे हैं, उसी मैदान में देश के प्रधान सेवक नरेन्द्र मोदी ने वन रैंक वन पेंशन की घोषणा की थी।

जो वादा किया गया था, उसे सरकार को पूरा करना चाहिए लेकिन यहां तो वादाखिलाफी हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सेना में प्रयोग करने की अपनी आदत को बदल ले, क्योंकि यह राष्ट्रीय संस्था है इसमें प्रयोग नहीं हो सकते। वन रैंक वन पेंशन का आश्वासन देकर सरकार ने प्रयोग किया था लेकिन यह प्रयोग अब चल नहीं पाएगा।

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अब तो पूर्व सैनिक सरकार को प्रयोग करके दिखाएंगे। 50 लाख से ज्यादा पूर्व सैनिक, भेदभाव सहन नहीं होगा उन्होंने कहा कि जब गोली यह भेद नहीं करती कि उसे अधिकारी को लगना है या सिपाही को तो फिर सरकार क्यों भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में 50 लाख से अधिक पूर्व सैनिक है।

इनमें से 25 लाख से अधिक जेसीओ व इससे नीचे रैंक से सेवानिवृत्त हुए पूर्व सैनिक हैं। इन पूर्व सैनिकों के साथ ही वन रैंक वन पेंशन में सर्वाधिक भेदभाव हुआ है। सरकार ने वादा किया था कि वन रैंक वन पेंशन का लाभ सबसे पहले जेसीओ से लेकर सिपाही रैंक तक के पूर्व सैनिकों को दिया जाएगा लेकिन व्यवहार में इससे ठीक उलट ही किया गया है।

रैली में इन्होंने भी रखे विचार

रैली में शौर्य चक्र विजेता राममेहर प्राणपुरा, सेना मेडल युद्धवीर सिंह, वीर चक्र विजेता कैप्टन जयसिंह राठी, रेजांगला योद्धा निहाल सिंह व कैप्टन रामचंद्र यादव, देहरादून से आए राजीव शर्मा, उत्तराखंड से एमएस तपोटी व महाबीर सिंह राणा, आगरा से वीर बहादुर, पंजाब से परमजीत सिंह डिरसा, कैप्टन लखविंद्र सिंह, फ्लाइंट लेफ्टिनेंट जेएन प्रसाद, एईसी एसोसिएशन से कैप्टन नरेंद्र सिंह यादव, राजेंद्र चौहान, रैली आयोजक भूतपूर्व सैनिक कल्याण संगठन के प्रधान राजपाल यादव, कैप्टन वीर सिंह, सूरजपाल सिंह, कुलजीत सिंह, कैप्टन भोलाराम, डा. दलजीत सिंह, मंजीत सिंह, सूबेदार नरेंद्र सिंह, महीपाल सिंह व राजेंद्र सिंह ने भी वन रैंक वन पेंशन की विसंगतियों को दूर करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि मिलिट्री सर्विस पेय में अधिकारियों को जहां 15,500 रुपये और मिलिट्री नर्सिंग सेवा वालों को 10,500 रुपये मिलते हैं जबकि जूनियर कमीशन अधिकारी, नायब सूबेदार, सूबेदार, मेजर, आनरेरी आदि को सिर्फ 5200 रुपये मिलते हैं। इसी प्रकार दिव्यांग, विधवा नारी पेंशन, ग्रुप पेंशन, फैमिली पेंशन आदि में भी काफी भेदभाव किया गया है।

इसी मैदान में वर्ष 2013 में हुई थी पूर्व सैनिक रैली

जिस मैदान में पूर्व सैनिकों ने रविवार को हूंकार भरी उसी मैदान में प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नरेन्द्र मोदी ने 15 सितंबर 2013 को पहली रैली की थी। उस रैली का नाम भी पूर्व सैनिक सम्मान रैली था। उसी रैली में वादा किया गया था कि भाजपा सरकार बनने पर वन रैंक वन पेंशन को सेना में लागू किया जाएगा। रविवार को पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनका वादा याद दिलाया।

करीब एक हजार फीट लंबा तिरंगा लेकर पहुंचे पूर्व सैनिक

रैली में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र करीब एक हजार फीट लंबा तिरंगा रहा। राजस्थान के झुंझुनु जिले से आए पूर्व सैनिक इस 330 मीटर लंबे तिरंगे को लेकर पहुंचे थे। पूर्व सैनिक जब आए तो पूरे पांडाल में यह तिरंगा ही नजर आया।

हजारों की संख्या में पहुंचे पूर्व सैनिक

महारैली में सिर्फ हरियाणा ही नहीं राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों से भी पूर्व सैनिक पहुंचे हुए थे। पूर्व सैनिकों के स्वागत के लिए ढोल बजाए गए।

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