Haryana News: मोदी ने कहा था, इंसाफ मंच का चक्कर छोड़ो, भाजपा में आकर देश सेवा करो
पहली बार मंच से सुनाई मुलाकात की कहानी 23 सितंबर को शहीदी दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह केएलपी कालेज के सभागार में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लिखी पुस्तक मोदी एट द रेट 20 पुस्तक का लोकार्पण करने के लिए पहुंचे थे।
By Amit SainiEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 25 Sep 2022 11:27 AM (IST)
अमित सैनी, रेवाड़ी। जो लोग यह सोच रहे थे कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अपनी पार्टी में पटरी नहीं बैठ रही है, उनको राव ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह भाजपा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर आए थे और आज भी उनके घनिष्ठ संबंध है। मोदी एट द रेट 20 पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व को लेकर जिस तरह से तारीफ की उससे स्पष्ट है कि राव को मोदी प्रेम अभी कम नहीं हुआ है।
इसी कार्यक्रम में राव ने यह भी बता डाला कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही उनसे कहा था कि वह इंसाफ मंच का चक्कर छोड़कर भाजपा में आकर देश सेवा में जुटे। पहली बार मंच से सुनाई मुलाकात की कहानी 23 सितंबर को शहीदी दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह केएलपी कालेज के सभागार में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लिखी पुस्तक मोदी एट द रेट 20 पुस्तक का लोकार्पण करने के लिए पहुंचे थे।
इस दौरान राव ने खुलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर अंदाज की तारीफ की। राव ने कहा कि पीएम मोदी जैसा व्यक्तित्व उन्होंने आजतक नहीं देखा। वह सुबह दिल्ली में होते हैं, रात को रूस और अगले दिन अमेरिका। फिर वापस लौटकर पार्टी के काम में जुट जाते हैं। राव ने कहा कि शहीदी दिवस के आयोजन और पीएम मोदी से मुलाकात की एक कहानी आजतक उन्होंने कभी नहीं बताई लेकिन आज वह बताना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि 23 सितंबर 2013 को उन्हें एक बड़ी रैली करनी थी। उन दिनों कांग्रेस से अनबन चल रही थी और वह इंसाफ मंच के बैनर तले राजनीति करने का मन बना चुके थे।
यह भी पढ़ें- Aravalli Hills: वर्षा से खिल उठी अरावली, फूट पड़े झरने; पहाड़ी का सौंदर्य इन दिनों देखते ही बन रहानरेन्द्र भाई मोदी को चुनाव पूर्व अपनी पहली रैली 15 सितंबर को रेवाड़ी में ही करनी थी। 23 सितंबर की रैली का निमंत्रण देने के लिए वह नरेन्द्र मोदी के पास गए थे लेकिन उन्होंने बता दिया था कि वह दस दिन के भीतर दो बार रेवाड़ी नहीं आ सकेंगे। बातचीत के दौरान नरेन्द्र मोदी को जब पता चला कि वह इंसाफ मंच के बैनर तले आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्होंने कहा था कि इस इंसाफ मंच का चक्कर छोड़ो और भाजपा में शामिल होकर देश सेवा में जुटो। यहां बता दें कि 23 सितंबर 2013 को राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था और 14 जनवरी 2014 को भाजपा में शामिल हो गए थे।
विरोधियों को परेशान करेगा राव का यह अंदाजराव का यह अंदाज पार्टी में ही मौजूद उनके विरोधियों को परेशान कर सकता है। भाजपा केंद्रीय संसदीय बोर्ड की सदस्य डा. सुधा यादव और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के अहीरवाल में सक्रिय होने के बाद राव इंद्रजीत सिंह को लेकर उनके विरोधी चर्चा करने लगे थे कि भाजपा में उनकी पकड़ अब कमजोर की जा रही है। राव बगावती तेवर दिखा सकते हैं, लेकिन इसके उलट अब वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर तारीफ कर रहे हैं। राव यह भी बताने से नहीं चूक रहे कि पीएम मोदी से उनकी आज भी घनिष्ठता है और अहीरवाल बेल्ट में उनकी पकड़ को कमजोर करना आसान नहीं।
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