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Haryana: महंत बालक नाथ मुख्यमंत्री बने तो हरियाणा में मजबूत होंगे मनोहर लाल, युवा और हिंदुत्व का मिलेगा फायदा

बाबा बालकनाथ (Baba Balaknath) ने अलवर की तिजारा से बंपर जीत हासिल की है उनके पक्ष में अहीरवाल क्षेत्र से बंपर वोट हुआ है। इसके साथ ही वो रोहतक मठ के महंत भी हैं साथ ही राजस्थान सीएम पद के प्रबल दावेदार हैं। अगर वो बाबा बालक नाथ मुख्यमंत्री बनते हैं तो हरियाणा में मनोहर लाल की स्थिति मजबूत होगी इसके साथ ही रोहतक गुरुग्राम भिवानी फरीदाबाद लोकसभा मजबूत होगी।

By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Mon, 04 Dec 2023 02:19 PM (IST)
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बाबा बालक नाथ मुख्यमंत्री बने तो हरियाणा में मजबूत होंगे मनोहर लाल।
चेतन सिंह, रेवाड़ी। बाबा बालकनाथ अगर राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा बनते हैं तो हरियाणा में भाजपा की स्थिति और मजबूत हो जाएगी। बाबा बालकनाथ ओबीसी का बड़ा चेहरा हैं। उनका अहीरवाल बेल्ट पर पूरा प्रभाव है। अलवर की तिजारा विधानसभा में वह जहां से आते हैं वहां भी अहीरवाल क्षेत्र में बाबा के पक्ष में बंपर वोटिंग हुई।

दक्षिण हरियाणा की लोकसभा सीटें जिसमें भिवानी, गुरुग्राम, फरीदाबाद शामिल हैं वहां भाजपा और मजबूत होगी। सोनीपत, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह व पलवल सहित सात जिलों की 29 विधानसभा सीटों पर इसका असर पड़ेगा। इसके साथ-साथ वह नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्​दी रोहतक स्थित बोहर मठ के महंत हैं।

रोहतक व आसपास के क्षेत्रों में इस मठ का काफी प्रभाव है क्योंकि इस मठ की कई सारी यूनिवर्सिटी, कॉलेज, अस्पताल और स्कूल हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की पहली पसंद बाबा बालकनाथ (Baba Balaknath) हैं। वह खुद बालकनाथ के नामांकन भरवाने आए थे और दो बार उनके लिए जनसभा को संबोधित भी किया था। योगी आदित्यनाथ ने इशारों में उनको राजस्थान का भावी मुख्यमंत्री तक कहा था।

बालकनाथ को आलाकमान से बुलावा

वहीं, बाबा बालकनाथ के लिए पार्टी में बड़े हिंदुत्ववादी चेहरों ने लाबिंग तेज कर दी है। साधु संतों ने भी अपने तरफ से बाबा बालकनाथ के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। बाबा बालकनाथ को आलाकमान से बुलावा भी मिला है। वह सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। बाबा बालकनाथ में लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि देखते हैं। इसके अलावा बाबा बालकनाथ के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी नजदीकियां हैं। खुद वसुंधरा भी प्रचार करने उनके क्षेत्र में आई थी और बाबा के सामने हाथ जोड़कर उनका आशीर्वाद लिया था।

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युवा और हिंदुत्व का मिलेगा फायदा

बाबा बालकनाथ की आयु 39 वर्ष की है। वह युवा विधायकों में से एक हैं। वह पिछले लोकसभा चुनाव में अलवर के सांसद चुने गए और भाजपा हाईकमान के कहने पर विधायक का चुनाव लड़ा और ऐसी सीट निकाली जहां पार्टी की कमजोर स्थिति थी। इस सीट पर लगभग आधी आबादी मुस्लिम समुदाय की थी मगर बाबा बालकनाथ ने इस फंसी हुई सीट को ना केवल निकाला बल्कि तमाम जातियों को एक कर हिंदुत्व कार्ड खेला और जीत हासिल की। बालकनाथ का जन्म अलवर जिले के गांव कोहराना में हुआ था। उनके पिता सुभाष यादव एक साधारण किसान थे।

हरियाणा गोशाला संघ ने की सिफारिश

हरियाणा राज्य गोशाला संघ के प्रदेश अध्यक्ष शमशेर आर्य ने भी बाबा बालकनाथ को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की सिफारिश की है। शमशेर आर्य ने कहा कि बाबा बालकनाथ एक स्वच्छ छवि के व्यक्ति हैं उनका अपना कोई परिवार भी नहीं है। वह समाजसेवा के लिए ही काम कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना चाहिए जो अपने से ज्यादा समाज व प्रदेश के बारे में सोचे। उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार योगी आदित्यनाथ ने काम किया है और कर रहे हैं उसी तरह बालकनाथ भी काम करेंगे। ज्ञात हो कि हरियाणा के कई साधु संत और गोशालाओं के पदाधिकारियों ने तिजारा में घूमकर बालकनाथ के लिए अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार किया था।

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