Rewari: थाने से फरार होकर नामांकन भरने वाले आरोपित ने किया आत्मसमर्पण
Rewari थाने से फरार होकर जिला पार्षद के लिए नामांकन भरने वाले आरोपित ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपित ने अपने अधिवक्ता के जरिए जमानत याचिका भी दायर की थी लेकिन अदालत ने याचिका को रद करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
रेवाड़ी, जागरण संवाददाता: कोसली थाने से फरार होने के बाद जिला पार्षद के लिए नामांकन भरने वाले आरोपित जीवन हितैषी उर्फ लाला ने शनिवार को कोसली न्यायाधीश मीनाक्षी यादव की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपित ने अपने अधिवक्ता के जरिए जमानत याचिका भी दायर की थी, लेकिन अदालत ने याचिका को रद करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोसली के रहने वाले जीवन हितैषी ने जिला परिषद के वार्ड नंबर-तीन से शुक्रवार को नामांकन भरा था। सेशन कोर्ट ने आरोपित को शनिवार को आत्मसमर्पण करने की शर्त पर नामांकन भरने की अनुमति दी थी।
15 अक्टूबर को हुआ था फरार
कोसली के रहने वाले जीवन हितैषी उर्फ लाला पर सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। बिहार के जिला गोपालगंज के थाना कुचायकोट में 26 अगस्त 2017 को शराब तस्करी के आरोप में जीवन हितैषी उर्फ लाला पर मामला दर्ज हुआ था। 15 अक्टूबर को बिहार पुलिस गिरफ्तारी वारंट लेकर कोसली पहुंची थी। पुलिस ने आरोपित को गुडियानी रोड से दबोच लिया था और कोसली थाने में लेकर आई थी। कोसली थाने से पुलिस को चकमा देकर आरोपित फरार हो गया था। कोसली थाना पुलिस ने बिहार पुलिस के एसआइ कृष्ण मुरारी की शिकायत पर अदालत के आदेशों की अवहेलना, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व पुलिस कस्टडी से फरार होने का मामला दर्ज किया था।
आरोपित घूमता रहा पुलिस को नहीं लगी भनक
पुलिस कस्टडी से फरार होने व मामला दर्ज होने के बावजूद जीवन हितैषी चुनाव की तैयारी में गांवों का दौरा करता रहा। शुक्रवार को जीवन हितैषी नामांकन भरने से पहले अपने समर्थकों के साथ कोसली मठ में मत्था टेकने के लिए भी गया था। क्षेत्र में सक्रिय होने के बावजूद पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई इससे अधिक शर्मसार वाली स्थिति और क्या होगी। शुक्रवार को नामांकन भरने की जानकारी भी पुलिस को नहीं थी। पूरे घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है।