Haryana News: रेवाड़ी की पर्वतारोही संतोष यादव का बड़ा बयान, आरएसएस को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम
Rewari News उनको नगर संघ चालक राजेश लोहिया के घर पर ठहराया गया था। उनके घर पर पारंपरिक तरीके से स्वागत हुआ। जो प्यार और सम्मान उनके परिवार के लोगों और स्वयं सेवकों से मिला उसे जीवन पर्यंत भुलाया नहीं जा सकेगा।
By Jagran NewsEdited By: Pradeep Kumar ChauhanUpdated: Wed, 05 Oct 2022 03:20 PM (IST)
रेवाड़ी [अमित सैनी]। Rewari mountaineer Santosh Yadavs: आज मैं अभिभूत हूं, खुद को सौभाग्यशाली भी मान रही हूं कि विश्व के सबसे बड़े संगठन के मंच पर बतौर मुख्यातिथि शामिल होने का अवसर मिला। सनातन संस्कृति हमारा मूल है और इसको सुदृढ़ करने को लेकर काम किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नागपुर मुख्यालय में आयोजित हुए विजयादशमी उत्सव में प्रथम महिला अतिथि के तौर पर शामिल हुई पर्वतारोही संतोष यादव ने अपने भावों को कुछ इस अंदाज में बयां किया। रेवाड़ी की बेटी संतोष यादव ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक-एक कार्यकर्ता से उन्हें अनुशासन और धैर्य की सीख मिली है। स्वयं सेवकों के बीच जाकर उन्होंने काफी कुछ सीखा है।
कुमकुम लगाकर की विदाईसंतोष यादव ने बताया कि वह मंगलवार को ही नागपुर पहुंच गई थी। उनको नगर संघ चालक राजेश लोहिया के घर पर ठहराया गया था। उनके घर पर पारंपरिक तरीके से स्वागत हुआ। जो प्यार और सम्मान उनके परिवार के लोगों और स्वयं सेवकों से मिला उसे जीवन पर्यंत भुलाया नहीं जा सकेगा। कुमकुम लगाकर पारंपरिक तरीके से उनको विदाई दी गई।
नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात हुई। उनसे पहले भी मुलाकात हो चुकी थी लेकिन इस बार बहुत से विषयों पर चर्चा हुई। सबसे अहम चर्चा सनातन संस्कृति को सुदृढ़ बनाने को लेकर हुई। इस विषय पर काफी देर तक मंथन हुआ कि कहां-कहां पर हमारे सामने चुनौतियां है और उन चुनौतियों से पार पाकर कैसे अपनी संस्कृति और सभ्यता को मजबूती देनी है। उन्होंने कहा कि मुझमें और स्वयं सेवकों में कोई अंतर नहीं है। स्वयं सेवक कभी भी सम्मान की कामना नहीं करते और मेरे भी भाव वैसे ही हैं।
आरएसएस को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम हुआ दूर
संतोष यादव ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जाता रहा है कि आरएसएस से महिलाओं को दूर रखा जाता है। आज आरएसएस के कार्यक्रम में एक महिला को मुख्यातिथि बनाया गया है तो लोगों को यह भ्रम भी दूर हो गया है। नागपुर में मुझे बहुत सी ऐसी महिला कार्यकर्ता मिलीं जो संगठन के साथ जुड़कर सालों से राष्ट्र निर्माण के कार्य में जुटी है।
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