इंश्योरेंस कंपनी और सर्विस सेंटर को माना दोषी, अब देने होंगे 10 हजार रुपये
रेवाड़ी में एक बीमा कंपनी और सर्विस सेंटर को बीमित स्कूटी दुर्घटना के क्लेम में कम भुगतान करने के कारण उपभोक्ता आयोग ने दोषी पाया। कंपनी को बकाया राशि 1800 रुपये और मानसिक प्रताड़ना के लिए 10000 रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है। हरिओम सैनी नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद आयोग ने यह फैसला सुनाया।

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। रेवाड़ी में बीमित स्कूटी की दुर्घटना के बाद सर्विस का क्लेम कम देना इंश्योरेंस कंपनी और सर्विस सेंटर को भारी पड़ गया। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इंश्योरेंस कंपनी और सर्विस सेंटर को दोषी मानते हुए उन्हें पीड़ित के बकाया 1800 रुपये और दस हजार रुपये मानसिक प्रताड़ना व वाद खर्च के देने के आदेश दिए हैं।
अधिवक्ता कैलाश चंद ने बताया कि शहर के रहने वाले हरिओम सैनी ने वर्ष 2023 में दिल्ली रोड स्थित एक शोरूम से नई इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदी की थी, जिसका आइसीआइसीआइ लैम्बर्ड इंश्योरेंस से जीरो डेप्थ के हिसाब से इंश्योरेंस भी करवाया था।
खरीद के कुछ दिन बाद स्कूटी दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसे मरम्मत करवाने के लिए स्कूटी सर्विस सेंटर गणेश आटोमैक पर खड़ी किया गया था। स्कूटी की मरम्मत का खर्च इंश्योरेंस कंपनी ने देना था, परंतु इंश्योरेंस कंपनी ने कुल क्लेम से 1800 रुपये का कम भुगतान किया। इसको लेकर हरिओम सैनी ने शिकायत की, लेकिन समाधान नहीं हुआ है।
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इसके बाद उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में अधिवक्ता कैलाश चंद और सीमा सैनी के माध्यम से अपना वाद दायर किया। आयोग ने दोनों पक्षों की बात को सुना और इंश्योरेंस कंपनी ओर स्कूटी सर्विस सेंटर को दोषी पाया, इसलिए आयोग ने आदेश दिया कि वह 1800 रुपये जिसका भुगतान करना बकाया था उसका भुगतान करे और अलग से 10000 रुपये मानसिक परेशानी और वाद खर्च का भुगतान करें, जोकि नौ प्रतिशत ब्याज सहित करना होगा।
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