झाबुआ में पहली बार कैमरे में कैद सरिस्का का बाघ, एक दर्जन से ज्यादा गांवों में दहशत का माहौल
Rewari शहर के झाबुआ बीहड़ में बाघ के घुस जाने के डर से 12 गांवों से ज्यादा के लोगों ने खेतों में जाना बंद कर दिया है। प्रशासन ने भी उन्हें खेतों में जानें से मना किया है। बता दें कि राजस्थान वन विभाग की टीम के 20 से अधिक कर्मचारी बाघ को पकड़ने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। अब तक पांच लोगों को घायल कर चुका है।
जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। सरिस्का (Sariska Tiger) के बफर जोन से निकले बाघ एसटी-2303 सोमवार रात को पहली बार झाबुआ के बीहड़ में लगाए गए वन विभाग के कैमरों में कैद हुआ है। इससे पूर्व बाघ के पदचिह्न ही देखे गए थे। बाघ के विचरण से झाबुआ बीहड़ के आसपास के 12 से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने खेतों में जाना बंद कर दिया है।
प्रशासन ने ग्रामीणों को खेतों में जाने से किया मना
ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। राजस्थान वन विभाग की टीम के 20 से अधिक कर्मचारी बाघ को पकड़ने के प्रयास कर रहे हैं। वन विभाग की टीम के अनुसार बाघ रात को ही विचरण कर रहा है। दिन में घने जंगल में छुपा रहता है। प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को खेतों में जाने से मना कर दिया है।
बाघ 15 अगस्त को अलवर के सरिस्का के पुराना चूहड़सिद्ध बाबा लवकुश वाटिका क्षेत्र के पास से निकलकर मुंडावर होता हुआ शुक्रवार रात को झाबुआ के बीहड़ पहुंच गया। इस दौरान बासनी व दरबारपुर के पांच लोगों को गंभीर रूप से घायल कर चुका है।
झाबुआ का बीहड़ राजस्थान-हरियाणा की सीमा पर बसा
यही बाघ सात माह पूर्व भी जिले धारूहेड़ा क्षेत्र के गांवों के खेतों में पहुंच गया था। उस समय भी दो वन कर्मियों को घायल कर दिया था। झाबुआ का बीहड़ राजस्थान-हरियाणा की सीमा पर स्थित है।
बीहड़ के आसपास के खेतों में किसानों ने जाना बंद कर दिया है। 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले इस वन क्षेत्र में अनेक प्रकार के जंगली जीव रहते हैं। बताया जा रहा है कि बाघ जंगल के जीवों को अपना शिकार बना रहा है।
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