Aravali News: बारिश थमने के बाद अरावली पर्वत श्रृंखला में मौजूद वनस्पतियों के खजाने की तलाश
वर्षा के दौरान अरावली पर्वत श्रृंखला का एक नया ही स्वरूप सामने आता है। विशेषज्ञों की मानें तो वर्षा की बूंदे अरावली में कई तरह की वनस्पतियों को न सिर्फ पुर्नजीवित करती है बल्कि उनकाे पोषण भी प्रदान करती है।
By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 02:53 PM (IST)
रेवाड़ी [अमित सैनी]। दक्षिणी हरियाणा की जीवन डोर अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण को लेकर एक बेहतर प्रयास की शुरुआत हुई है। हरियाणा जैव विविधता बोर्ड, मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय (आइजीयू) और वन विभाग की ओर से अरावली पर्वत श्रृंखला में मौजूद वनस्पतियों के खजाने की तलाश की जा रही है।
अरावली की गोद में वनस्पतियों की कितनी प्रजातियां है, इनमें बढ़ोतरी हुई है या फिर कमी आई है इसका पूरा आंकलन इस सर्वेक्षण के माध्यम से किया जाएगा। अरावली की तीन पहाड़ियों तक पहुंची टीमगुजरात से दिल्ली तक फैली अरावली पर्वत श्रृंखला का एक बड़ा हिस्सा दक्षिणी हरियाणा में है।
वनस्पतियों की प्रजातियों का पता लगाने का यह सबसे बेहतर अवसर होता है। हरियाणा जैव विविधता बोर्ड और इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय की तरफ से इसको देखते हुए ही अरावली पर्वत श्रृंखला के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद तक के भाग में वनस्पतियों की वर्तमान स्थिति की सटीक जानकारी लेने के लिए सर्वेक्षण आरंभ किया गया है।
शुरुआती दौर में खोल, पाली और राजगढ़-टांकड़ी की पहाड़ियों में वनस्पतियों की स्थिति देखी गई है। यहां पर टीम को बहुत सी औषधीय वनस्पतियां जिनमें सतावर, हड़जुड़, बर्ना, इंद्र जौ, गूगल आदि बहुतायात मिली हैं। अभी पर्वत श्रृंखला के कई अन्य हिस्सों में भी सर्वेक्षण किया जाना बाकी है।
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयप्रकाश यादव, जैव विविधता बोर्ड से डा. अमरेंद्र, जिला वन मंडल अधिकारी सुंदरलाल, पतंजलि से डा. अरुण के अतिरिक्त आइजीयू के बाेटनी और ज्युलाजी के प्रोफेसर व शिक्षकों की पूरी टीम इस सर्वेक्षण कार्य में जुटी हुई है।
अरावली की वनस्पतियों से आइजीयू में तैयार हो रहा हरबेरियमअरावली में मिल रही वनस्पतियों के पत्तों और फूलों को संरक्षित कर आइजीयू में बोटनी और ज्यूलोजी विंग के विद्यार्थी हरबेरियम भी तैयार कर रहे हैं। इसमें सूखी पत्तियों और फूलों को सख्त कागज पर चिपकाया जाता है। साथ ही कागज पर चिपके फूलों या पत्तियों के पास उनसे जुड़ी खास बातें, जैसे उनका वैज्ञानिक नाम, प्रजाति, अंग्रेजी नाम, उन्हें कहां से लिया गया, उपज का समय, उन्हें इस्तेमाल करने के तरीके और हरबेरियम बनाने वाले का नाम आदि लिखी जाती हैं।
प्रो. जयप्रकाश यादव (कुलपति इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय) का कहना है कि अरावली पर्वत श्रृंख्ला में वनस्पतियों का अकूत भंडार है। विशेष तौर पर रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ का इलाका इस मामले में खासा समृद्ध है। हम अरावली में मौजूद वनस्पतियों की पूरी सूची तैयार कर रहे हैं जिससे इस पर्वत श्रृंख्ला के वनाच्छादित क्षेत्र की सही तस्वीर सामने आ सकेगी। यहां औषधीय वनस्पतियों का भंडार है जो निश्चित तौर पर आयुर्वेद के लिए वरदान साबित होंगी। सर्वेक्षण के साथ ही हम विश्वविद्यालय के लिए हरबेरियम भी तैयार कर रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।